Wednesday, September 12, 2012


कोयले की गाथा ... एक वरिष्ठ पत्रकार की जुबानी


एक पत्रकार की हैसियत से मैं कहना चाहूंगा कि जबसे ये ‘कोल’गेट मसला (जो टूथपेस्ट से भी ज्यादा लोकप्रिय हो गया है) हुआ है, तबसे लोग लगातार ये सवाल पूछ रहे हैं कि इसमें अब आगे क्या होगा? क्या जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, वे पकड़े जाएंगे? क्या बड़े और ताकतवर नामों को 2जी की तरह जेल जाते देखा जाएगा, या सब कुछ आखिरकार दबा दिया जाएगा? लोग ऐसा इसलिए सोचते हैं क्योंकि जो कुछ भी शुरुआती जांच हुई है, उसमें बड़े राजनीतिक नाम सामने आए हैं और मेरे हिसाब से यहीं पर इस मसले और इस सरकार का सबसे बड़ा इम्तेहान है। 

किसने कब चिट्ठियां लिखीं, इसकी बहुत सारी डिटेल्स अब सामने आ चुकी हैं। भाजपा सीधे प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रही है। हालांकि भाजपा के कुछ अपने लोगों के भी नाम सामने आए हैं, इसलिए कई लोगों को लगता है कि दोनों प्रमुख राष्ट्रीय दलों के बीच यह मसला मैनेज हो जाएगा। बहरहाल, यह मामला अब आरोपों से आगे जांच की तरफ जा चुका है। 

शुरुआती जांच में कांग्रेस के एक सांसद व मंत्री विजय दर्डा और उनके भाई का नाम सामने आया है। लालू यादव के करीबी राजद नेता प्रेम गुप्ता के बेटे का नाम भी सामने आया है। आने वाले दिनों में कई और ऐसे अप्रत्याशित नाम सामने आ सकते हैं। लेकिन इन सबके बीच लोग चाहते हैं कि कोई दिखने वाली कार्रवाई हो यानी कि डिमॉन्स्ट्रेटिव एक्शन, न कि सिर्फ लीपापोती।

यहीं से शुरू होता है मेरा बड़ा सवाल। मेरा मानना है कि मुद्दा उठाने वाले और इस पर अपनी सफाई देने वाले दोनों की देश की जनता के प्रति बड़ी जिम्मेदारी बनती है। कांग्रेस अपनी बात पर कायम है कि नीति में कुछ गलत नहीं था और प्रधानमंत्री लगातार अपना बचाव कर रहे हैं। भाजपा इस पर अड़ी है कि प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए और एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। 

संसद का मानसून सत्र खत्म हो चुका है और जो एक बहस इसमें खुलकर हो सकती थी, वो नहीं हो पाई। तमाम चिट्ठियां, मीटिंग के ब्यौरे और नीतियों से जुड़ी खबरें मीडिया में लगातार सूत्रों के हवाले से आ रही हैं और उन पर बहस हो रही है। यानी कि बहुत कुछ मसाला बाहर आ चुका है। अब हम ये कह सकते हैं कि ‘कैग’ की उठाई बातों के आधार से ये कहानी आगे बढ़ चुकी है।

सबसे पहले बात करते हैं जांच की, जो सीबीआई शुरू कर चुकी है। यह बहुत अहम है कि सच ढूंढ़ने में सीबीआई की जांच कैसी होती है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि जांच शुरुआत से ही गलत दिशा में है। भाजपा पहले से ही कहने लगी है कि सीबीआई की जांच निष्पक्ष नहीं होगी, क्योंकि वह प्रधानमंत्री के अधीन आती है। हालांकि मैंने अपने कार्यक्रम में भाजपा के नेताओं के साथ इस बिंदु को उठाया था कि जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में उनकी सरकार थी, तब सीबीआई छुट्टी पर तो नहीं चली गई थी। फिर इस सीबीआई से उन्हें इतनी प्रॉब्लम क्यों हो रही है? वे निष्पक्ष जांच आखिर चाहते कैसी हैं? 

सरकार के लिए भी यह दिखाना बहुत जरूरी है कि सीबीआई सही जांच कर रही है और उस पर किसी को बचाने का आरोप नहीं लगे। लेकिन इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण सीबीआई की खुद की भूमिका है। वह आज भी देश की प्रमुख जांच एजेंसी है, जिसकी स्वायत्तता को लेकर एक साल पहले देश में बहस छिड़ी हुई थी। लोकपाल की बहस का एक बड़ा मुद्दा था कि सीबीआई किसी के नियंत्रण में न हो, ताकि उस पर राजनीतिक दबाव में काम करने के इल्जाम हमेशा के लिए खत्म हो जाएं। लोकपाल बिल का भविष्य अभी भी हालांकि अधर में है, लेकिन सीबीआई का बड़ा इम्तेहान एक बार फिर उसके सामने है। वह आखिरकार अपराधियों के खिलाफ क्या प्रकरण बनाकर अदालत के सामने पेश करती है, उस पर सबकी निगाहें होंगी।

दूसरी बड़ी बात मेरे हिसाब से सरकारी अफसरों को लेकर नजर आती है। नेताओं पर लग रहे आरोपों के साथ-साथ कई विशेषज्ञों का सवाल है कि इस जांच में वे अफसर कब सामने आएंगे, जिन पर फैसलों को जांचने-परखने की जिम्मेदारी है। अगर कंपनियां नई बनी थीं और इस काबिल नहीं थीं कि कोयले का काम कर सकें तो उनके बारे में मालूमात क्यों नहीं हुई और ये बातें अफसरों ने क्यों नहीं उजागर कीं? उनका क्या निहित स्वार्थ था? यहीं पर मामला आएगा स्क्रीनिंग कमेटी का। राज्यों की भूमिका का भी मामला आएगा, जिसको लेकर भाजपा के लिए सवाल हैं। सरकार कहती है कि फैसले राज्यों के प्रतिनिधित्व के साथ मिलकर लिए गए और इसमें हमारा अकेले का क्या दोष? 

खासतौर पर 2006 की स्थिति के बाद से स्क्रीनिंग कमेटी में क्या हुआ और इसके लिए कौन-कौन लोग जिम्मेदार हैं, ये जानना जरूरी है। यहां यह बताना दिलचस्प है कि कोयला मंत्रालय से जुड़े एक पूर्व अफसर ने कहा कि स्क्रीनिंग कमेटी के सिस्टम में कमी थी और पारदर्शिता नहीं थी। तो फिर क्या इसे अपने हिसाब से मैनिपुलेट किया जा रहा था? हाल ही में मेरे साथ एक इंटरव्यू में श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि अगर स्क्रीनिंग कमेटी या उसके सदस्यों की ओर से किसी तरह की खामियां रही हैं, तो उसकी जांच होनी चाहिए। यह एक अहम पहलू है। यानी कि जांच का एजेंडा बहुत सटीक होना चाहिए। 

शुरुआती जांच से साफ है कि लोगों ने कोयला उत्पादन के मकसद से कैप्टिव माइंस हासिल की, अपनी कंपनियों की वैल्यू यानी कि कीमत बढ़ाई और उसे खुले बाजार में इक्विटी के तरीके से बेचा। कोयले का उत्पादन तो हुआ नहीं, लेकिन उनके लिए पैसे का उत्पादन हो गया। अगर ये सोच थी तो फिर स्क्रीनिंग कमेटी में यह क्यों नहीं देखा गया कि जिसे भी ये कैप्टिव माइंस दी जा रही हैं, उसका मूल मकसद क्या है। एक और बात मैं आपको बताना चाहता हूं कि कोयले के निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए बिजली की जरूरत को आधार बनाया गया, क्योंकि तकरीबन ६७ फीसदी बिजली का उत्पादन कोयले के जरिए होता है। ऐसे में आप सोच सकते हैं कि कोयला आपकी-हमारी जिंदगी में रोशनी के लिए कितना जरूरी है। 

हमारे देश में बिजली की भारी किल्लत है। अगर कोयले का मसला इतनी दिक्कतें पैदा कर रहा है तो सोचिए हमारे लिए बिजली की मुश्किलें क्या हो सकती हैं। क्या ये उन लोगों ने सोचा, जो अपनी गलतियों की वजह से हमें परेशान होने पर मजबूर करेंगे? प्रक्रिया में जिन खामियों की वजह से कोयले का मामला सामने आया, अगर ऐसी ही स्थिति आगे भी जारी रही तो नुकसान की भरपाई कौन करेगा? एक बार फिर देश की जनता..। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का गठन 1 अप्रैल 1963 को किया गया था। देश की यह प्रमुख जांच एजेंसी हमारी आधिकारिक इंटरपोल इकाई भी है।

लेखक टीवी एंकर एवं वरिष्ठ पत्रकार हैं।

" जाइए जी,आप हमें पसंद नहीं " !!

 "प्यारे दुलारे और न्यारे मित्रो,"नमस्कार !!
            कभी ये नेता भी हमें आप की तरह पसंद थे ! प्यारे,दुलारेऔर हमारे थे !! लेकिन पता नहीं इनको क्या हो गया है, राम ही जाने !! कोई कहता है कि नेता सुधरेंगे तो देश सुधरेगा,तो कोई बोलता है की पहले तुम सुधरो तो देश सुधरेगा !! हम तो क्या हमारे बजुर्गों को भी लोग " भला-शरीफ " बोलते और मानते हैं !!फिर भी ये देश क्यों नहीं सुधरा ???? क्यों ज्यादातर लोग बेईमान हैं !! कंही ये सुधरने वाली बात, बेईमानी करने वालों की चाल तो नहीं ???ये धर्म,पुण्य,दान,पूजा और क्रियाक्रम इन्ही की तो चाल नहीं ????????
                अबकी बार जो भी नेता वोट मांगने आएगा तो, मैं तो बोल दूंगा कि जाइए जी, आप हमें पसंद नहीं !!लेकिन फिर सोचता हूँ कि मेरे एक के ऐसा बोल देने से क्या होगा ??? कोई दूसरा शराब पीकर, पैसे लेकर,जाती देख कर या धर्म-पार्टी देख कर इन्ही लोगों को जीता देंगे, तो मुझ जैसे " शरीफों " का क्या होगा ???? इसलिए एक पुराना गीत याद आ रहा है कि....
 " तेरी दुनिया में दिल लगता नहीं, वापिस बुला ले .....!!!!
                " कैन्हैया-कैन्हैया तुझे आना पड़ेगा, "वचन"गीता वाला निभाना पड़ेगा" !!
                  आजकल पार्टियों के ये काम रह गए हैं :-  

      वामपंथी संगठन ने JNU परिसर में गाय के मांस की पार्टी का आयोजन किया है , शायद इस आयोजन में अम्बेडकरवादी भी शामिल हैं |पिछले साल अक्तूबर में भी JNU में एक वामपंथी छात्र संगठन ने महिषासुर की पूजा का आयोजन किया था | गाय का मांस खाने से कौन सी क्रांति घट जायेगी या समाज में ऐसा कौन सा परिवर्तन गाय का मांस खाए बगैर नहीं होने वाला है या ऐसी समाज में कौन सी विषमता है जो गाय का मांस खाने से ही दूर होगा ? गाय का मांस तो आधी दुनिया खा रही है , अपने देश में भी बहुत लोग खाते हैं , सभी मुसलमान खाते हैं क्या यह माना जाए की गाय का मांस खाने वोलों में आर्थिक व् सामजिक गैरबराबरी खत्म हो गई ? नहीं , गाय के मांस की पार्टी का आयोजन प्रगतिशीलता और बौद्धिकता की आड़ में वामपंथियों की खेमाबन्दी है , सुर्खियाँ बटोरी जा रही है , अपने आकाओं के समक्ष अपने नम्बर बनाए जा रहे है | अगर वामपंथी छात्र संगठन सचमुच में ब्राह्मणवादी व्यवस्था के खिलाफ कुछ करना चाहते हैं तो सबसे पहले इन्हें कम्युनिस्ट पार्टियों में वर्षों से शीर्ष नेत्रत्व पर कब्ज़ा जमाए सवर्णों के खिलाफ ही मोर्चा खोलना चाहिए | कोई ताजुब की बात नहीं अगर कल यही वामपंथी छात्र संगठन प्रगतिशीलता , बौद्धिकता के नाम पर मल मूत्र भी खाने लगे | आप भी अपने विचार बताइए......!! " 5th pillar corrouption killer " the link is :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com.

Monday, September 10, 2012

कार्टूनिस्ट के समर्थन में उठी आवाज !!!!!!!!!!


 

नई दिल्ली। कर्टूनिस्ट तथा इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के कार्यकर्ता असीम त्रिवेदी की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी पर माहौल गरमा गया है। अपने वेब पोर्टल पर घृणित व आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के आरोप में असीम को सप्ताहभर की पुलिस हिरासत में जेल भेज दिया गया है। 

भ्रष्ट नेता खुले घूम रहे हैं - 

असीम के परिजन व भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता असीम के बचाव में उतर आए हैं। उनका कहना है कि असीम के कार्टून्स में देशद्रोह जैसी कोई बात नहीं है। असीम के पिता ने कहा,सरकार ने हमारे कार्टूनिस्ट बेटे को क्यों गिरफ्तार किया है जबकि कई भ्रष्ट नेता खुले घूम रहे हैं। उसके कार्टून तो केवल भ्रष्टाचार के बारे में ध्यान आकृष्ट कर रहे थे। 

बेटे पर गर्व है -

असीम की मां प्रतिभा ने कहा,हमारे बेटे ने कुछ गलत नहीं किया है। मुझे उस पर गर्व है। भ्रष्ट नेताओं को सलाखों के पीछे होना चाहिए न कि मेरे बेटे को। उसके काम को देश विरोधी नहीं कहा जाना चाहिए। 


यह गिरफ्तारी अपने आप में अपराध है -

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मार्कडेय काटजू ने भी असीम का बचाव किया। काटजू ने कहा, ऎसे व्यक्ति को गिरफ्तार करना जिसने अपराध ही नहीं किया हो अपने आप में अपराध है। मेरे हिसाब से कार्टूनिस्ट ने कुछ गैर कानूनी नहीं किया। लोकतंत्र में कई बातें कही जाती हैं। कुछ सच्ची होती हैं कुछ झूठी। 


लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण चीज है - 

कार्टूनिस्ट मंगेश तेंदुलकर ने कहा,अगर किसी कार्टून पर इस तरह के प्रतिबंध होंगे तो अधिकारियों को दो बार सोचना पड़ेगा क्योंकि थोड़ा आक्रामक होने के बाद भी यह लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण चीज है।

16 तक न्यायिक हिरासत में -
कानपुर के असीम त्रिवेदी को अपनी वेबसाइट पर कथित रूप से राष्ट्र विरोधी सामग्री पोस्ट करने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। उसे एक स्थानीय कोर्ट ने रविवार को 16 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। कोर्ट ने असीम के खिलाफ पिछले माह गैर जमानती वारंट जारी किया था। 


असीम के खिलाफ दिसंबर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया अमित कतरनाये ने असीम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अमित ने अपनी शिकायत में कहा था कि अन्ना हजारे के आंदोलन के समय असीम ने संविधान का मजाक उड़ाने वाले बैनर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में लगाए। साथ ही अपनी वेबसाइट पर भी ऎसी ही सामग्री डाली। priya mitrwar, saadar namaskar !! good wishes and good luck !! read daily my blog named " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " and the link is :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com.

Saturday, September 8, 2012

" मुझे जवाब दो " !!!!


इन 50 प्रश्नों के उत्तर दीजिए .. क्यों..??
1.यदि पाकिस्तान और भारत का बटवारा धर्म के आधार पर हुआ जिसमेपाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र बना तो भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित क्यों नहीं किया ? जबकि दुनिया मेएक भी हिन्दू राष्ट्र नहीं है ! ..

2.तथाकथित राष्ट्र का पिता मोहनदास गांधी ने ऐसा क्यों कहा पाकिस्तान से हिन्दू सिखो की लाशे आए तो आए लेकिन यहाँ एक भी मुस्लिम का खून नहीं बहना चाहिए ?

3.मोहनदास करमचंद गांधी चाहते तो भगत सिंह जी को बचा सकते थे क्यों नहीं बचाया ? भारत मे मुस्लिम के लिए अलग अलग धाराए क्यों है ?

4.ऐसा क्यों है की भारत से अलग होकर जीतने भी देश बने है सब इस्लामिक देश ही बने । क्यों ?

5.केरल मे कोई रिक्शा वाला वाहन चालक हिन्दू श्री कृष्ण, जय हनुमान क्यों नहीं लिख सकता ?

6.भारत मे मुस्लिम 18% के आस पास है फिर भी अल्पसंख्यक कैसे है ? जबकि नियम कहता है की 10% के अंदर की संख्या ही अल्पसंख्यक है..

7.कश्मीर से हिन्दुओ को क्यों खदेड़ दिया जबकि कश्मीर हिन्दुओ का राज्य था ?

8.ऐसा क्यों है की मुस्लिम जहा 30-40% हो जाते है तब अपने लिए अलग इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मांग उठाते है विरोध करते है अन्यसमुदाय के गले रेतते है क्यों ?

9.हिन्दुत्व को सांप्रदायिक क्यों ठहराया जाता है जबकि इस्लामिक आतंकवाद को धर्म से नहीं जोड़ने की अपील की जाती है ?

10.फरवरी मे बाबा रामदेव ने सर्वप्रथम भ्रष्टाचार के खिलाफ विशाल रेली आयोजित की थी, उस महारेली मे 1 लाख 18 हजार लोग आए थे तब मीडिया के किसी भी चेनल ने एक खबर तक नहीं दिखाई थी और जैसे ही अण्णा जंतर मंत्र पर मात्र 5000 समर्थको के साथ अनशन पर बैठे तो सारे मीडिया वाले अण्णा चालीसा गाने लगे क्यों ???? इसके पीछे क्या कारण है ?

11.अगर अण्णा हज़ारे को अनशन करनाही था तो रामदेव से मंच से पब्लिसिटी हासिल करके अलग मंच बनाने की क्या आवश्यकता थी ?

12.बॉलीवुड अण्णा हज़ारे का समर्थन करता है लेकिन रामदेवजी का विरोध क्यों करता है ?

13.हमारा देश ही दुनिया मे एक मात्र देश है जो मुस्लिम को हज सब्सिडी देता है 60 वर्षो मे सरकार ने इसके लिए 10000 करोड़ रुपये खर्च कर डाले क्यों ?

14.सोनिया गांधी ने अपनी जन्म दिनांक 1944 बताई है लेकिन तथ्य बताते है की उसके पिताजी सिग्नोर स्टेफनो माइनो 1943 से 1972 के बीच रूस मे केदी थे..

15.भारत मे मुस्लिमो के मदरसो के अनुदान हिन्दू मंदिरो से क्यों ?

16.कश्मीर मे गीता उपदेश देने पर संवेधानिक अडचने क्यों है ?

17.जामा मस्जिद के इमाम सैयद बुखारी ने एक बार कहा था की वह ओसामा बिन लादेन का समर्थन करता है और आईएसआई का ऐजेंट है फिर भी भारत सरकार उसे गिरफ्तार क्यों नहीं करती ?

18.सरकार ने अण्णा हज़ारे के आंदोलन को सख्ती से नहीं कुचला जबकि रामदेव के समर्थको और स्वामी रामदेव की जान के पीछे पड़ी थी क्यों ?

19.मोहनदास गांधी ने अपने ब्रह्मचर्य के प्रयोग को बुढ़ापेमे करके क्या सीखा ? युवाओ को क्या सिखाया ?

20.पाकिस्तान मे 1947 मे 22.45% हिन्दू थे आज मात्र 1.12% शेष है सब कहा गए ? मुगलो द्वारा ध्वस्त किया गया मंदिर सोमनाथ केजीर्णोद्धार की बात आई तो गांधी ने ऐसा क्यों कहा की यह सरकारी पैसे का दुरपयोग है जबकि जामा मस्जिद के पुनर्निर्माण के लिए सरकार पर दबाव डाला, अनशन पर बैठे..

21.भारत मे 1947 मे 7.88% मुस्लिम थे आज 18.80% है इतनी आबादी कैसे बढ़ी ? 22.भारत मे मीडिया हिन्दुओ के, संघ के खिलाफ क्यों बोलती है ? अकबर के हरम मे 4878 हिन्दू औरते थी, जोधा अकबर फिल्म मे और स्कूली इतिहास मे इसेक्यों नहीं छापा गया ?

23.ऐसा क्यों होता है की जो भी सोनिया गांधी का धर्म जानने की कोशिश करता है कोर्ट उसी पर जुर्माना लगा देता है ?

24.बाबर ने लाखो हिन्दुओ की हत्याकी फिर भी हम उसकी मस्जिद क्यों देखना चाहते है ? भारत मे 80% हिन्दू है फिर भी श्री राम मंदिर क्यों नहीं बन सकता ?

25.कॉंग्रेस के शासन मे 645 दंगे हुए है जिसमे 32,427 लोगमारे गए है मीडिया को वो दिखाई नहीं देता है जबकि गुजरात मे प्रतिकृया मे हुए दंगो मे 2000 लोग मारे गए उस पर मीडिया हो इतना हल्ला करती है क्यों ? 26. 67 कारसेवको को गोधरा मे जिंदा जलाया मीडिया उनकी बाते क्यूँ नहीं करती ?

27.जवाहर लाल नेहरू के दादा एक मुस्लिम (गया सुद्दीन गाजी) थे, हमें इतिहास मे गलत क्यों बताया गया ?

28.भारत मे गुरु परंपरा रही है, हरमहापुरुष के गुरु थे गांधी जी ने आज तक अपना गुरु क्यों नहीं बनाया?

29.भारत एक ऐसा देश है जहा से सभ्यता शुरू हुई तो गांधी इस देश का पिता कैसे ?

30.दुनिया मे एक भी हिन्दू देश नहीं है फिर भी आप सोचते है हिन्दू सांप्रदायिक है ?

31.गांधी ने खिलाफत आंदोलन को सहयोग क्यों दिया इससे क्या फायदे हुए ?

32.शुद्धि कारण आंदोलन कर रहे स्वामी श्रद्धानन्द की हत्या करने वाले रशीद नाम के युवक को गांधी ने भाई कहकर संबोधित क्यों किया ?

33.गांधी ने कहा था की रशीद भाई जैसा है और स्वामी श्रद्धानन्द हिन्दू एकता का कार्यक्रम चलकर के "हिन्दू - मुस्लिम एकता" को विखंडित कर रहे थे..

34.जब तालिबान ने बुद्ध की मूर्तिया गिराई थी तो सेकुलर कीट मीडिया के "टाइम्स ऑफ इंडिया" ने अपने कॉलम मे लिखा था की यह बाबरी मस्जिद गिराने पर प्रतिशोध है.. क्या आप सहमत है इस वक्तव्य से ? जैसे को तैसा ? तो आपगुजरात के दंगो का विरोध क्यों करते हो वहाँभी तो गोधरा कांड के विरोध मे बदले की आग मे दंगे हुए थे ?

35.ईसाई मिशनरी मुस्लिम इलाको मे धर्मांतरणक्यों नहीं करते ?

36.भारतीय मीडिया हिन्दुत्व विरोधी क्यों है ? संघ सबसे बड़ा एनजीओ है बिना किसी सरकारी मदद केफिर मीडिया को इससे क्या परेशानी है ?

37. संघ देश के गरीब पिछड़े इलाको मे अपने स्वयं सेवी संस्थानो की मदद से मुफ्त मे विद्यालय चलता है..जहां सरकारी योजनाए नहीं चलती क्या संघ देश विरोधी है ? या मीडिया ?

38.आप मीडिया के बारे मे क्या सोचते हो ? रामदेव भगवा धारी है इसलिए ?
उसका समर्थन नहीं करती ? या अण्णा हज़ारे कॉंग्रेस प्रायोजित ऐजेंटताकि राष्ट्रवादियो को बाँट कर वोट काट सके ? और कॉंग्रेस जीते ?

39.केरल मे आप जीसस अल्ला के नाम से शपथ ले सकते है लेकिन राम का नाम ले नहीं सकते ।सेकुलर कीट TIMES OF INDIA ने अपने लेख मे लिखा था "किस तरह बंगलादेशी घुसपेथियों का भारतीयकरण किया जाये" आप ऐसे लेख से इन मीडिया की मंशा समझ सकते है की ये लोग भारत को एक धर्म शाला मानते है

40.हमारे राष्ट्र पति भवन मे एक मस्जिद है लेकिन मंदिर नहीं है क्या आप
अभी भी सोचते है भारत एक सेकुलर देश है ?

41.लोग कहते है की ताजमहल के बारे मे ये सब कोरी अफवाहे है की यह एक हिन्दू मंदिर है" अगर ये अफवाहे है तो कार्बन 14 पद्धति से इसकी जांच करवा लो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, और नीचे के आनन फानन मे बंद किए गए कमरे भी खोले जाए देश भी जाने की उसमे क्या है ? जैसे पद्मनाभ मंदिर के तहखाने खोले गए ? सच तो यह है की आगरा के पुरातत्व विभाग
के पास भी ऐसी कोई जानकारी नहीं है की इस महल का निर्माण शाहजहा ने
करवाया था

42.भारत मे मस्जिदों के इमाम और मौलवियों को दस दस हजार से अधिक
तंख्वाह मिलती है पुजारीय को क्यों नहीं ? क्या यही सेकुलर वाद है ? 43.2002 मे कर्नाटक सरकार को मंदिरो से 72 करोड़ की आवक हुई जिसमे से 50 करोड़ मदरसो पर खर्च हुए, 10 करोड़ चर्च पर और सिर्फ 8.5 करोड़ मंदिरो पर ..... ?

44.हिन्दू अपने पैसे से मस्जिद क्यों बनवाए ? क्यों चर्च चलाये ? क्या मदरसो से डॉक्टर, इंजीनियर निकलते है ?

45.यहाँ पॉप के आगमन पर राष्ट्र अवकाश रखा जाता है औरशंकरचार्य को आधी रात दिवाली के दिन कैद क्यों किया जाता है ...

46.पॉप को भारत मे बिना आने दिया जाता है और नेपाल के राजा को मक्कार सक्रांति पर नहीं आने दिया जाता (1965)

47.एक अँग्रेजी अखबार ने सोनिया का एक लेख छापा हिन्दुत्व पर .... ? क्या उस अखबार को सोनिया से बेहतर लेखक नहीं मिला ?

48.उत्तर पूर्वी राज्यो मे न्यूजीलेंड, ऑस्ट्रेलिया और निदर लेंड की सहायता से
चर्च का निर्माण हो रहा है ....क्या आपको लगता है चर्च राष्ट्र वाद को बढ़ावा देते है ?

49.सोनिया गाँधी अपनी नागरिकता पर कुछ नहीं बोलती..क्यों 

50.सुब्रमन्यम
स्वामी के आरोपों पर कांग्रेस कुछनहीं बोलती क्यों...
बाकी के प्रश्न आप
जोड़िए...इतने जोड़िए की लोगो का दिमाग हिल जाये....!!!!!! —
ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिये , अपने मित्रों को टैग कीजिये  पढ़ें  रोजाना " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " लिंक है ये :www.pitamberduttsharma.blogspot.com.

Friday, September 7, 2012

" लोकतंत्र की नाजायज़ संतान है क्या हमारे - मनमोहन सिंह " ????

‎" मनमोहन सिंह ने देश की जनता से कभी प्रधानमंत्री बनाए जाने का जनादेश लिया ही नहीं. यह आज तक के अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी लोक सभा का चुनाव ही नहीं लड़ा. संसद में पिछले दरवाजे से घुसाया गया यानी राज्य सभा में भेजा गया और वह भी गौहाटी (असाम ) का फर्जी पता देकर. पूछने पर वहां के लोग बताते हैं कि इस नाम पते शक्ल सूरत का कोई भी सरदार यहाँ कभी नहीं रहा. गुजरे दो महीने से असाम साम्प्रदायिक हिंसा में जल रहा है और वहां से राज्य सभा की नुमाइंदगी करता यह कोंग्रेस का हीरो, जनता का जीरो और देश का नीरो चैन की बंसी बजा रहा है. क्योंकि इसकी जवाबदेही देश की जनता के प्रति नहीं है. इसकी जवाबदेही तो अमेरिका के प्रति है. याद करें परमाणु अप्रसार संधि के मुद्दे पर किस प्रकार इसने अमेरिका की पक्षधरता करते हुए सरकार को भी दांव पर लगा दिया था. यह संसद इस बार राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में लाचार नज़र आयी है. बार-बार लगातार सर्वोच्च न्यायालय या CAG ने ही घोटालों को बेनकाब किया है और हिसाब माँगा है. भारतीय लोकतंत्र संसद में मूर्छित है केवल जन चेतना में धड़क रहा है औ

र जनता किंकर्तव्य क्योंकि सच के सैकड़ों संस्करण और उसकी हमशक्ल साजिशें जनता को एक जुट नहीं होने दे रहीं. ----अमेरिका यही चाहता है और इस काम को बखूबी अंजाम दिया है उसके मुनीम मनमोहन ने.
  अगर यह लड़ाई लोकतंत्र की होती तो अच्छा था...अगर यह लड़ाई जनादेश की होती तो अच्छा था ...अगर यह लड़ाई कोंग्रेस -भाजपा--सपा-वाम--NDA-UPA की होती तब भी अच्छा था...यह लड़ाई हिन्दू -मुसलमान की भी नहीं है. यह लड़ाई तो KGB Vs. CIA है जिसमें जनादेश या हम भारतीय नागरिकों की इच्छा बेमानी है. हमारा प्रधानमंत्री चुनाव जीत कर नहीं आता बल्कि "मेड बाई अमेरिका" आता है. हमारे क़ानून "मेड बाई अमेरिका" आते हैं. हमारा राष्ट्रपति "मेड बाई अमेरिका" होता है. सोनियां इलाज करवाने जाती हैं तो अमेरिका. यह अमरीकी गुर्गे भारत की राजनीति में सेंध फोड़ कर घुस आये हैं चुनाव जीत कर हमारा जनादेश ले कर नहीं आये. एशिया में सोवियत रूस के वर्चस्व को मात देने के लिए अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को गोट बनाया था और भारत को मात देने के लिए मन मोहन सिंह को गोट बनाया है. मन मोहन सिंह भारतीय राजनीति के टेस्ट ट्यूब बेबी होते तो स्वीकार कर लिए जाते...वह भारतीय राजनीतिक पालने मैं पल रही लोकतंत्र की नाजायज संतान हैं. यह अमरीकी वायरस भारतीय राजनीति में जब से घुसे है भारत की राजनीति वायरल फीबर से ग्रस्त है. चूंकि मन मोहन सिंह जनता से सीधे चुन कर तो आये नहीं हैं इस लिए जनता के प्रति जवाबदेह भी नहीं हैं वह अमेरिका के द्वारा भारत पर थोपे गए हैं इस लिए अमेरिका के प्रति जवाब देह हैं और आज की तारीख में हम दरअसल अमेरिका के गुलाम हैं." ----राजीव चतुर्वेदी
      रोजाना पढ़ें :- " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " लिंक ये है :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com.

Thursday, September 6, 2012

" आरक्षण से बने - अफसर,डाक्टर,नेताऔर कर्मचारी क्या देश को " सर्वोत्तम " बना पाएंगे ???

प्रिय मित्रो, जय भीम !!
                                    महाभारत    वाले भीम नहीं जी बीसवीं सदी वाले " भीमराव आंबेडकर" साहिब, जिन्होंने हमारा संविधान बनाया था ! उन्होंने उसमें लिखवाया था कि " पीड़ित जातियों का स्तर बराबर लाने हेतु "5 वर्षों तक" आरक्षण दिया जाये !! लेकिन पांच वर्षों तक ये कार्य सम्पूरण नहीं हो पाया , इसलिए इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता समझी गयी !! जो की एक सही कार्य था !! लेकिन हमारे शातिर नेताओं ने इसे अपना राजनितिक हथियार बना                                        लिया !!इन्हें लगता है कि इससे उनको " वोट " ज्यादा मिलेंगे !! हैं ना ये नेता लोग समझदार ???? और ये यह भी कह रहे हैं कि 65 सालों तक जो आरक्षण दिया गया,उससे एक भी परिवार " उच्च " स्तर तक नहीं                  पंहुच पाया !! तो " दोषी " कौन है ???? और उसकी क्या सज़ा होनी चाहिए ??क्या जीवन स्तर ऊंचा करने हेतु" बुध्धि " की आवश्यकता नहीं होती ?????? 
                जब किसी क़त्ल करने की सज़ा किसी और को नहीं दी जा सकती तो ये " आरक्षण " रुपी सज़ा आज की पीढ़ी को क्यों दी जा रही है!!है कोई समझाने वाला - इस हिंदुस्तान में !!!??
             अगर फिर  इस देश के सभी नेता,अफसर अपने सभी काम इन आरक्षित व्यक्तियों से करवाने हेतु सहमत हो जाएँ, या फिर हम लिए ऐसा कोई क़ानून बना दिया जाए तो हमेशां के लिए हर बार हर जगह किसीको भी आरक्षण देने हेतु तैयार हैं!! 
             जब नेता सभी स्तर पर आरक्षण देने को तैयार नहीं,उनसे अपना इलाज करने  को तैयार नहीं, आरक्षितों से अपने बच्चों को पढवाने हेतु तैयार नहीं यंहा तक की कुछ भी आरक्षितों से करवाना नहीं चाहते तो हमें कैसे मजबूर किया जा सकता है ???? 
               श्रीवी.पी. सिंह जी ने श्री देवी लाल जी के डर से " मंडल - आयोग " को लागू किया और अब ये अपने सरदार मनमोहन सिंह जी भाजपा से डरके परमोशन में " फंडा " अड़ा रहे हैं !!
                 कौन नहीं जानता की सभी राजनितिक दल आरक्षण का हक़ प्राप्त नेताओं को सिर्फ दिखावे हेतु ही रखते हैं !! कोई तो बताये कि आज तक भारत का कोई प्रधानमंत्री आरक्षण प्राप्त व्यक्ति क्यों नहीं बना ??? 
                  नेताओ  !!!!!!!!!         न्यायकरना सीखो नहीं तो लोग तुम्हें " रावण " बना डालेंगे , चाहे फिर आप   किसी भी राजनितिक दल से क्यों ना हों !!!!!!!!

                आइये !!मित्रो सब मिलकर एक " आवाज़ " उठायें !! " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " द्वारा जिसका लिंक ये है:- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. पढ़ें - विचारें - और - इसे - बाँटें !!!!

Wednesday, September 5, 2012

" श्री विवेकानंद सार्ध - शती समारोह आयोजन समिति ," सूरतगढ़ का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर जोधपुर में संपन्न ! !

" श्री विवेकानंद सार्ध - शती  समारोह आयोजन समिति ," सूरतगढ़ का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर   जोधपुर में संपन्न ! !
                          प्रिय मित्रो,नमस्कार!! R.S.S.2013.में श्री विवेकानंद जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में पूरे भारत वर्ष में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा !! इस कार्य हेतु समितियां , तहसील स्तर  पर बना दी गयी हैं ! और खंड स्तर तक जल्द बना दी जाएँगी ! ये समितियां साल भर कई कार्यक्रम कराएंगी जन- सहयोग से, जैसे :- शोभायात्रा, साहित्य बांटना, सूर्य नमस्कार,सामूहिक लम्बी दौड़,खेलकूद प्रतियोगिताएं, भाषण प्रतियोगिताएं एवं धार्मिक कथा वाचन आदि आदि !
     इस  हेतु  2दिवसीय  प्रशिक्षण शिविर जोधपुर में   संपन्न  हुआ  !! जिसमे सूरतगढ़ से  श्री  विजयानंद  जी  के नेत्रित्व में   श्री अशोक  वशिष्ठ,स . शरणपाल  सिंह  मान,मदन बिश्नोई,विद्यासागर ,सुरेन्द्र गोयल रविशंकर , पीताम्बर दत्त शर्मा, चन्द्र   स्वामी, हंसराज  जाखड , जसबीर सिंह निज्जर  सहित  अन्य कई सज्जन एवं महिलाएं गयीं थीं !!
                               उपरोक्त कार्य क्रमों को संपन्न कराने हेतु कुल 5 आयाम बनाये गए हैं , 1. युवा-शक्ति,संवर्धिनी,प्रबुध्ध-भारत,ग्रामायण और अस्मिता आयाम !! इन आयामों से सम्बन्धित टोलियाँ ही गाँव- गाँव, शहर-शहर जाकर श्री विवेकानंद जी के जीवन सार बतायेंगी और विभिन्न आयोजन जनसहयोग से कराएगी !! आप सबका सहयोग अपेक्षित है !! कृपया तन-मन व धन से सहयोग करें !!
                                                 द्वारा 
                                        पीताम्बर दत्त शर्मा
                                               प्रचार- प्रमुख
                                       ( जिला, सूरतगढ़ )
                                          संघ दृष्टि से.

 रोजाना पढ़ें " 5th pillar corrouption killer " जिसका लिंक है ये :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com.

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...