Monday, May 28, 2012

" वाह नेता जी, !! शादी के लड्डू भी ज्यादा चाहियें आपको "...????

सभी लड्डू प्रेमी मित्रों को मेरा सादर प्रणाम !! जी हाँ , कई लोगों को लड्डू बहुत पसंद होते हैं , शायद इसीलिए ही कहावत बनाने वाले ने लड्डू पर ही कहावत बनायी की," शादी का लड्डू , जो खाए वो भी पछताए जो ना खाए वो भी पछताए !! लेकिन नेताओं को तो ये शादी  वाले लड्डू भी ज्यादा चाहियें और ये एक तरह से है भी न्याय संगत ! क्योंकि कहने को तो भारत में लोक - तंत्र है लेकिन वास्तविकता ये है की चुने हुए जनप्रतिनिधि अपने आपको किसी रजा या रानी से कम नहीं समझते !! ये आम जनता भी अच्छे तरीके से जानती है !! और राजाओं महाराजाओं की तो जितनी इच्छा होती थी उतनी शादियाँ हो जाती थीं !! मजाल है कोई ऊँगली भी उठा जाए !! बल्कि उस समय में तो शान्ति समझोते भी शादियों से होते थे !! अब आप कहोगे की आज ये क्या मुद्दा ले कर बैठ गए , तो मित्रो !! मैं आपकी उत्सुकता के बीच ज्यादा रुकावट नहीं बनूँगा !! 
                         हुआ यूँ की असम की एक महिला विधायक श्री मति रुमिनाथ ( 32. वर्षीय ) जी ने अपने पहले पति श्री राकेश सिंह जी के जीवित होने के बाव जूद अपना धर्म परिवर्तित करके श्रीमान जैकी जाकिर जी से प्रेम विवाह कर लिया ! जबकि उनकी एक प्यारी सी 2. साल की बच्ची भी है !! उन्होंने उन दोनों बाप बेटी को पिछले 2. वर्षों से छोड़ रख्खा था !! इस पवित्र कार्य में अपनी फेसबुक का भी महत्त्व पूर्ण योगदान है !! क्योंकि उनकी मुलाक़ात फेसबुक पर ही हुई !! 
                       इस पवित्र कार्य को सम्पूर्ण करवाने में वंहा के एक मंत्री सद्दीक अहमद साहेब ने भी अहम् भूमिका निभायी !! अब ये सारा मामला वंहा के मुख्यमंत्री श्री मान तरुण गगोई जी के पास पंहुच गया है !! इतिहास रचने वाली ये विधायिका साहेब फरमाती हैं की ये सब उन्होंने सिर्फ इसलिए जनता से गुप्त रख्खा , क्योंकि उनपर भारी राजनितिक दबाव था ???
                             अंत में मुझे तो भक्त शिरोमणि तुलसीदास जी की चोपाई याद आ रही है की ..." समरथ को नहीं दोष गोसांई ."....!!!!
 तो भाइयो बोला ही पडेगा की जय श्री कृष्णा ......!! क्योंकि प्रेम करना और ज्यादा शादियाँ उन्होंने ही सिखायीं हैं !! दोष दूं तो मैं किसको दूं ....???
            हमेशा की तरह आप इस लेख पर अपने अनमोल विचार मेरे ब्लॉग या ग्रुप पर लिखना ना भूलें ...जिसका नाम है .." 5th pillar corrouption killer " इसे आप अपने फेस - बुक के ज्यादा से ज्यादा मित्रों तक भी अवश्य पंहुचाएं जी !! आज ही लोग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 
             शुक्रिया - करम मेहरबानी !! 
          दोस्तों , जिंदगी हसीं है ! 
               मगर सिर्फ उनके लिए जिन्होंने प्यार किया है  , क्योंकि सिर्फ , प्यार करने वाले ही जानते हैं की 
          आन - बान  और शान से जीना किसे कहते हैं ........?????????????
       थैंक्स सभी मित्रों का ....सहयोग हेतु ...! 


  

Sunday, May 27, 2012

" चोरों ने फिल्म बनायी - गली - गली में चोर है "??

माखन चोर के सभी भक्तों को मेरा सादर प्रणाम !! भारत देश महान पुरुषों और देवियों का देश है !! यंहां जो कुछ होता है वो संसार के किसी दुसरे कोने में नहीं होता जी !! शायद इसीलिए पूरे संसार से लोग यंहा के नमूनों को देखने आते रहते हैं !! और हमारे देश की तरह - तरह की बातें और कहावतें प्रचलित हैं ! जैसे सौ में से निनान्य्वें बेईमान , फिर भी मेरा भारत महान !! कल दो समाचार सुनने को मिले जी ! एक तो ये की अन्ना टीम ने भारत सरकार के पंद्रह मंत्रियों पर देश के साथ ,उच्च पद पर रहते हुए ठगी - डकैती करने का आरोप लगाया जी , और दूसरी ये खबर आई की हमारे देश की गौरव शाली खेल क्रिकेट से जो लोग जुआ - सट्टा खेल कर दो नंबर की कमाई यानी की चोरी करते हैं , उन्होंने ही देश को सुधारने हेतु , " गली - गली में चोर है " नामक फिल्म बना डाली , ताकि हमारी सरकार को ये पता चल जाये की चोरी कान्हा - कन्हा और कैसे हो रही है !!!! क्योंकि जब भी कोई मंत्री या बड़ा आदमी चोरी करते पकड़ा जाता है तो वो आठ - दस साल तक तो जांच ही करवाती रहती है !! धन्य है हमारा ये भारत देश !!!!
                                       भारत सरकार को वास्तव में एक नए मंत्रालय का गठन करना चाहिए , जिसमे यही रिसर्च होती रहे की बेईमानी - चोरी करने के कितने प्रकार हैं क्योंकि हमारे नेता तो इतने भोले हैं की इन लोगों को पता ही नहीं की ठगी कैसे होती है ???बेशर्मी की भी हद है !! सब कलयुग की माया है जी !! सतयुग , त्रेता और द्वापर में ही जब धरती पर इतने पाप होते थे की भगवान् को स्वयं आकर ही मामले निपटाने पड़ते थे !! तो आजकल तो कलयुग ही चल रहा है फिर घोर कलयुग आएगा !! तब कंही जाकर भगवान् " कल्कि " अवतार लेंगे , तब कंही जाकर धरती पर धर्म की पुनर्स्थापना हो पाएगी तब तलक तो आप सब मेरे साथ , मनोज कुमार जी की एक फिल्म के गीत को भजन समझ कर गायें ..... की .... जय बोलो बेईमान की जय बोलो !!! धर्म का न कोई दर है ना चिंता है अपमान की !! जय बोलो बेईमान की , जय बोलो बेईमान की .......!! 

               आपसे हमेशां की तरह एक बार फिर से अनुरोध है की , आप अपने अनमोल विचार हमारे ग्रुप और ब्लॉग पर जाकर अवश्य टाईप करें , और इसे ज्वाईन भी करें जिसका नाम है " 5th piller corrouption killer " इसे खोलने हेतु लाग आन करें <<<:- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अंत में सब बोलो ... बांके बिहारी लाल की जय !! 

Saturday, May 26, 2012

" अब मेरा क्या होगा ....अडवाणी जी "...????

जिन मित्रों का अभी तक कुछ नहीं हुआ , उन सभी को मेरा दिलासा भरा नमस्कार !! कृपया स्वीकार करें और होसला रख्खें !! 
            जी हाँ मित्रो , कई लोग ऐसे भी होते हैं जो सारा जीवन संघर्ष में ही बिता देते हैं । उनका जीवन अपने परिवार के दुसरे सदस्यों को व्यवसथित करनें में ही गुज़र जाता है !! ना उन्हें ढंग के कपड़े मिलते हैं और न खाना ,कई लोग तो कुंआरे भी रह जाते हैं !! लगभग ऐसा ही राजनितिक जीवन में भी होता है ! हमने राजनितिक जीवन में आने के बाद ना जाने कितने , उपयुक्त अनुपयुक्त लोगों को ,पार्षद , विधायक और सांसद बन्वादिया !! इसके साथ साथ संगठन में भी कईयों को जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष बन्वादिया !! सारी उम्र दूसरों हेतु ही जिंदाबाद - मुर्दाबाद करते रहे !!संगठन के प्रति निष्ठा पूर्वक कार्य करते रहे .. किन्तु किसी भलेमानुष ने हमारी किसी पद हेतु अनुशंसा नहीं की !                आज अडवाणी जी से मैं ये प्रश्न इस लिए पूछ रहा हूँ क्योंकि मिडिया में शोर है की मोदी जी के आगमन से अडवानी जी , सुषमा जी , जेटली जी आदि आदि बड़े नेता परेशान हैं और सोच रहे हैं की अब हमारा क्या होगा ??? जबकि ये सब बड़े - बड़े पदों पर विराजमान रह चुके हैं ! इन्होने बड़े - बड़े काम भी किये और बड़ा सुख भी भोगा है !! फिर भी अगर वो परेशान हैं तो हम जैसे कनिष्ठ कार्यकर्ता क्या करें ....????? श्री मति वसुंधरा जी , येदियुरप्पा जी और मोदी जी ने तो दबाव बना कर अपना स्थान सुरक्षित कर लिया ......अब कोई हम जैसे कार्यकर्ताओं को भी तो कोई अपनी गोदी  में बिठाओ यारो !!
                          फिर हम सब मिल कर जनता के सामने जाएँ ,उनको विश्वास दिलाएं की हम आपकी समस्याओं को अपना समझेंगे !! और उनसे जल्द एकमुश्त फैसले करके निजात दिलाएंगे !! मुझ जैसे अनेकों छोटे - छोटे कार्यकर्ताओं की गारंटी पर ही आप जैसे बड़े नेताओं को कोई पहचानेगा या पहचाना गया था ...??? इसलिए जब तलक मैं या मुझ जैसा छोटा कार्यकर्त्ता भटकता फिरेगा तब तक आप जैसों को भी चैन नहीं मिलेगा !!!??? ज़रा सोचने वाली बात है और कुछ ज्यादा गहरी बात है ....मनन कीजिये प्लीज़ ....!! 

                 तो मित्रो आपका क्या विचार है इस बारे में ...??? मैंने जो लिखा है , और जो सन्मान वश नहीं लिख पाया क्योंकि अमर्यादित भाषा का मैं प्रयोग नहीं करता !! उसे भी आप अनुभव करके अपने अनमोल विचार हमारे ....नहीं - नहीं अपने ब्लॉग और ग्रुप , जिसका नाम " 5th piller corrouption killer " है , में जाकर टाईप कीजिये , और अपने सभी फेस-बुक मित्रों को भी हमारे ये लेख शेयर कीजिये !!! आप सब का बहुत - बहुत ...धन्यवाद !! बोलो जय श्री राम !! 

Friday, May 25, 2012

" जनता सीधे हाथ से देती नहीं , सरकार इसीलिए टेढ़ी ऊँगली करती है "...????

" टेढ़ी ऊँगली " से घी निकालने वाले सभी मित्रों को फायदेमंद नमस्कार !! स्वीकार करें जी !! 
                         हमारी ' चालाक " सरकार ने कई बार ये फार्मूला अपनाया है की पहले वस्तुओं के दाम ज्यादा बढ़ादो , जब सभी राजनितिक दल , समाजसेवी, मिडिया और जनता दो - चार दिन रो - रो कर थक जाते हैं तब सरकार इन सबके आंसू पोंछने का नाटक करती है और एक - दो रूपये घटा कर अपनी पीठ खुद थोक लेती है !! इसी तरह से दुसरे राजनितिक दल , मिडिया और तथाकथित समाजसेवी भी अपने नंबर बनाने में लग जाते हैं !! 
                          अगर हम इसी बात का दूसरा पहलु देखें में पता चलेगा की भारत की जनता सरकार को एक रुपया भी टेक्स के रूप में देना नहीं चाहती !! भाषण में चाहे हम कन्हे की अगर सरकार टेक्स कम करदे तो सारी जनता टेक्स अदा करना शुरू कर देगी !! लेकिन सच्चाई यही है की जनता टेक्स की चोरी ही करना चाहती है !! 121. करोड़ के भारत में बड़ी मुश्किल से 20.% लोग ही सही टेक्स अदा करते होंगे !! 
                                 तो सवाल पैदा होता है की हमारी सरकार कैसे चले ???? हमारे घरों की तरह सरकार के भी कुछ छिपे हुए खर्चे होते हैं जिन्हें वो कागजों में दिखा नहीं सकती जैसे सुरक्षा सम्बन्धी खर्चे आदि - आदि और इत्यादि - इत्यादि !! यानी की इशारों में ही समझ जाओ तो फायदा है , अगर मैंने विस्तार से वो खर्चे आपको बता दिए तो देश के साथ साथ हमारे नेताओं , मिडिया वालों और सरकार पर आश्रित समाजसेवियों के सारे भेद खुलने का डर  है ...????? इसलिए किसी ने ठीक ही लिखा है की " परदे में रहने दो , पर्दा ना उठाओ , पर्दा जो उठ गया तो भेद ....खुल  जाएगा....फिर हो जाए गी अल्लाह मेरी तौबा - अल्लाह मेरी तौबा " .??? 
                                 तो इसलिए भाइयो और बहनों , मित्रो और सहेलियों आप सब धीरज से काम लेंवे अपने मनमोहन सिंह जी पर विश्वास करें उनको देश हित में रुपयों की जरूरत होगी तभी तो उन्हों ने कीमतें बढ़ा कर आपसे रूपये ले लिए जिस प्रकार से अबोध - बालक अपने घर से आवश्यकता पड़ने पर रूपये उठा लेता है !! देश को तोपें चाहियें , गोला बारूद चाहिए , पार्टियों को अपनी पार्टिया चलाने हेतु पैसा चाहिए !! आजकल एक सांसद के चुनाव पर करोड़ों खर्च हो जाता है वो भी बेचारे क्या करें किसी बेचारे को राजा  - कलमाड़ी बनना पड़ता है , कभी लालू - मुलायम को अपना अहम् और सन्मान त्याग कर सोनिया जी का समर्थन करना पड़ता है !!नहीं तो सी. बी . आई .तो है ही मनवाने के लिए !!
                     तो आम लोगो ....ज्यादा ख़ास बन्ने की कोशिश मत करो बड़े आदमियों को पालना आपका फ़र्ज़ है अतः सीधे - सीधे जो माँगा जाता है दे दो मुझे शोले फिल्म का गब्बर सिंह जी वाला कथन याद आरहा है की मेरे आदमी अगर तुम्हारी रक्षा करने के बदले थोडा सा अनाज ले लेते हैं तो क्या बुरा करते हैं ....??? उस समय के लोग उसको भी सरकार कह कर बुलाया करते थे और आज ये हमारी सरकार है ......अंतर क्या है ?????
                 आप अपने अनमोल विचार हमारे ब्लॉग और ग्रुप जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " में जाकर अवश्य टाईप करें और हमारे ब्लॉग को ज्वाईन भी करें ताकि हम आपके विचारों को अपनी प्रकाशित होने वाली पुस्तक में प्रकाशित कर सकें !! आप हमारे लेखों को अपनी पर अपने मित्रों की फेस - बुक पर शेयर भी कर सकते हैं या अपने अखबार और वेबसाईट पर प्रिंट भी कर सकते हैं बिलकुल फ्री !!!!!
        




Wednesday, May 23, 2012

" और कोई ....चारा ....नहीं था "....!!

" बेचारे " सभी मित्रों को मेरा " चारे " वाला नमस्कार ! कृपया स्वीकार करें ! स्वीकार तो करना ही पड़ेगा क्योंकि आपके पास भी इसके सिवा कोई " चारा " नहीं है जैसे लालू , मुलायम . ममता और माया जी के पास u.p.a. को समर्थन देने के इलावा कोई चारा नहीं है !!
संघ के पास श्री संजय जोशी का स्तीफा दिलाने के सिवा कोई चारा नहीं है !  सरकार के पास पेट्रोल के दाम बढाने के सिवा कोई चारा नहीं है ! फिर रेल गैस और बसों के किराये बढाने के सिवाय कोई चारा नहीं रह जाएगा ??
                     जो लोग खा - खा कर फुले जा रहे हैं , भ्रष्ट चार करके नोटों में धंसे जा रहे हैं , गुंडे जो गुंडागिरी कर रहे हैं वो भी मजबूरी में ही तो कर रहे हैं उनके पास भी तो कोई चारा नहीं है ??? समाजसेवा करने वाले चोरों के भेद खोलने वाले इमानदार अफसर जो रोज़ मारे जा रहे हैं उनके पास भी तो कोई चारा नहीं है ! ये चारा है ही ऐसा शब्द जो दोनों जगह फिट बैठ जाता है !लालू जी पर तो बहुत ज्यादा फिट बैठा था !! दोनों एक दुसरे के प्राय्वाची बन गए थे !! 
             हम सब नेताओं को इस " 5th pillar corrouption killer " के माध्यम से चेता देना चाहते हैं की संभल जाओ , समझ जाओ ......!!! अन्यथा जिस दिन जनता के पास कोई चारा " क्रांति " के इलावा नहीं रहेगा ......उस दिन आप आगे - आगे रहोगे नेता जी और जनता पीछे - पीछे !!!! जनता पता नहीं आपको तंदूरी मुर्गा बनाएगी या झटके वाला बकरा .....????पता नहीं सभी राजनितिक दलों के नेताओं को हो क्या गया है ससुरे सब एक ही थाली के चाटते बट्टे हो रहे हैं विपक्षी नेता भी दो दिन जनता को बेवकूफ बनाने  प्रदर्शन करेंगे फिर सोनिया मनमोहन की गोदी में जाकर खेलने लगेंगे !! और तो और इन राजनितिक दलों को चलाने वाले दो मुख्या संगठनो का भी व्यवहार आश्चर्य जनक रूप से बदल गया है !अब आप ही देखिये की घोटाले बाज़ राजा सदन में आता है तो कांग्रेस के संगठन को कोई फर्क नहीं पड़ता और इधर गडकरी जी को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष दोबारा बनाने की जिद में और मोदी जी को राज़ी करने हेतु संजय जोशी जी की बलि दे दी जाती है ...क्यों ...??? आदमियों को उलट - पलट करने से क्या होगा मिलकर काम करने की हिदायत देने से ही हालात सुधरेंगे ऐसे स्टीफे दिलवाने से नहीं ...??? ऐसे ही सरकार को खर्चे कम करके , टेक्स कम करके जनता को राहत देनी होगी अन्यथा इस भारत का राम ही मालिक है जी .....!! क्यों मित्रो ??? ...आपकी क्या राय है इस बारे में ....www.pitamberduttsharma.blogspot.com. नामक ब्लॉग को खोल  कर अपनी टिप्प्न्नी लिखिए !! और अपने सभी दोस्तों को ये लेख सेंड करके अवश्य पढ़ाएं देश हित में ....!! क्रान्ति की अलख को जगाएं !! भ्रष्ट नेता को न देखने जाएँ , ना उसका भाषण सुने , न उसको वोट देवें चाहे वो आपकी जाती धर्म इलाके से ही सम्बंधित क्यों ना हो !! जोर से बोलिए ......!1
           धर्म की जय हो .....!!
                  अधर्म का नाश हो .....!!
                        प्राणियों में सद्भावना हो ....!!
                             विश्व का कल्याण हो ....!
             हर - हर - हर ........महादेव ...........!!! 

" लस्सी और चाय की लड़ाई "

इस गर्मी के मौसम में , लस्सी और चाय का भरपूर आनंद उठाने वाले दोस्तों , मीठा - नमकीन नमस्कार स्वीकारें !! 
         आज मैं आपको एक कविता पढ़ाने जा रहा हूँ जो लिखी तो पंजाबी में गयी है !!लेकिन क्योंकि पंजाबी आप सब मित्रों से पढ़ी नहीं जायेगी , इसलिए हिंदी में पंजाबी लिख रहा हूँ !! शीर्षक है :- 
             " लस्सी - ते - चाह "
   लस्सी आखे चाह नू ,
                 मैं सोहनी , मैं गोरी - गोरी ,
                      तूं - काली - कल्वट्टी !
                  मैं निंदर दा  सुख - सुनओढ आ ,
                      तूं जगरातों - पट्टी !
    जिस वेले मैं चायीं - चायीं , छन्ने अन्दर छलका,
    केह्डा साम्भे मेरियां लिश्का, कौन संभाले ढलकाँ!
     रँग मेरा मख्खन वरगा ,रूप वी मेरा सौणा !
     दुध - मलाई माँ - पे मेरे , मेरा असला उच्चा ! जेहडा मेनू रिड्कन बैठे , ओस्तों वारी जांवा !
       खड़के ढ़ोल मधानी वाला , मैं विच भंगडे पावां    मैं लोकां दी सेहत बनावां ,तूं पाई सेहत विगाड़े   मैं पई ठंड कलेजे पान्वा ,तूं पई सीना साड़े !!
             चाह कहंदी ............?
     पै गई एं नी माई बग्गो , मेरे मगर धिगाने ,
   मेरियां  सुड कियाँ भरदे जिह्ड़े , ओ ही लोग सियाने ,
      मेरा हुस्न पिछा नन जेह्ड़े ,दिल मैं उन्ना दे ढमाँ !!
     मेरा रंग कलिखन ,उसते लैला वर्गी लग्गा ,
पिंडे दी मैं पीड़ गवावाँ ,जदों थ्केवें भौरां ,
   ठरयाँ ते चुसयाँ नु मैं , मिठियाँ कराँ टकोराँ !
    तूं ऐ खंग - ज़ुकाम ते नजला , की मैं गिन - गिन दस्सां !!
  मेरे निघ्घे घुट  उतारण चढ़ीयाँ होइयाँ कस्सां ,            तूं कज्जी रहो कुज्जे दे अन्दर ,तेनु की तक्लीफा !!
   जे मैं सोह्नियाँ मेजां उत्ते रख्खां पई तशरीफां !!
           अग्गों लस्सी कहंदी है .....?? 
   अपनी जात कुडतन होवे , मिश्री नाल न लड़िये !
   नी कल्मुहिये ,कौडिये ,तत्तिये भेडिये नखरे सडिये ! ना कोई सीरत , ना कोई सूरत , ना मुंह - ना मथ्था !!
  तूं ताँ  इंज जापें जिवें जिन्न कोई पहाड़ों लथ्था !
       मेनू पुछ हकीकत अपनी , बंनी  फ़िरें तू रानी ?
  शूं - शूं करदा , हौके भरदा , कोड़ा तत्ता - पानी !!
   ते भुख -तरेह दी दुश्मन - बैरन ,की तेरी मल्याई !
   बंदियां दी तूं चर्बी खोरें , नाल करें वडीयाई ???
  तेरा चोइया ढहके , जिहड़े कपड़े नु तरकावें ??
     सालम गाची - साबण घस जाए , दाग न तेरा जाये 
                      चाय की जवाब देंदी है ???
       नि जा ,क्यों मेरे सर भांडे भन्ने , लै हुन मेरी वारी 
      तेरियां वी करतूतां जाने , वसदी दुनिया सारी ?
    तेन्नु पीन दे लई , जे भांडे दे विच पाइए ,
       थिन्दा हो जाए भांडा नाले , मुश्क ना उसदा जावे  
    


                           कैसी लगी ........अवश्य बताएं जी !

Tuesday, May 22, 2012

" काला धन - श्वेत पत्र --- ग्रे - सरकार ! हो गया ,बनटआधार " !!

प्यारे मित्रो , रंग बिरंगा नमस्कार स्वीकार करें !! 
                 भारत की जनता ," कौमा " में चली गयी है और हमारी सरकार प्रतीक्षा में है की कब जनता मरे और देश के नेतागण जनता की अर्थी उठाये !! जब से ये नेता अमेरिका के पिछलग्गू बने हैं भारत का बेडा गर्क ही होता जा रहा है !! जिसको देखो वो ही किसी ना किसी के पीछे ही लगा हुआ है !! विपक्षी दल भी किसी के कहने पे ही काम कर रहे हैं , देश के समाजसेवी संगठन भी किसी न किसी कार्पोरेट घराने से जुड़े हुए हैं ! और जनता कानूनी रूप से देश के नेताओं से जुडी हुई है !                    देश के रूपये की कीमत गिर रही है ,मंदी का दौर चल रहा है ! मंहगाई आम आदमी को मार रही है ,ऐसे में बाबा रामदेव ने सुझाया की जो विदेशों में काला धन पडा है उस से देश को चला लो !! सरकार हैरान हो गयी की बाबा को कैसे पता चला ? जब ज्यादा शोर मचने लगा तो सरकार ने " श्वेत पत्र " जारी कर दिया ! 108. पन्नो का श्वेत पत्र बनाया गया जिसमे वो ही बातें बताई गयीं जो आयकर विभाग ने सरकार को बतायीं या फिर विदेश मंत्रालय को पता चल चुकीं थीं !! लेकिन सर्कार ने ये नहीं बताया की किन - किन लोगों का कितना - कितना धन कौन से बेंक में पड़ा है ?? और उसे भारत वापिस कैसे लाया जाएगा इसका भी ज़िक्र तक नहीं है क्यों .....???? वो इसलिए क्योंकि सरकार सब कुछ जानती है की किसका धन है और वो उसे भरपूर अवसर देना चाहती है की आप इसका इंतजाम  करलो !! जब काला धन सफेद हो चूका होगा तब सरकार कहेगी की , पिछली भूलें माफ़ और अबसे टेक्स दिया करो !!
                     आधा - अधूरा श्वेत - पत्र जारी कर सरकार का रंग भी " ग्रे " यानी काला सा हो गया है !! शक के घेरे में पूरी तरह से आ चुकी है ये यु .पी .ऐ . की सरकार और उसके सारे मंत्री ??? लेकिन जो विपक्ष अब इतनी हाय तौबा मचा रहा है वो ही कल को इन्ही प्रणब मुखर्जी जी को राष्ट्रपति बनाने की सिफारिश भी करता नज़र आयेगा !! या इनके ही किसी और आदमी का समर्थन करेगा क्यों ....??? आज के नेताओं , अफसरों की कार गुजारियों से भारत देश का बंटाधार हो चूका है जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना ही पड़ेगा !! आप ही बताइए मित्रो .......!!! कोई है सुझाव आपके ज़हन में !! ??? चलो 3.जून 2012. को दिल्ली के राम लीला मैदान चलते हैं वंहा जाकर सोचेंगे !! की क्या करना है ?? 

            आप हमेशा की तरह हमारा ब्लाग पढ़ते रहिये जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " इसे पढने हेतु लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. हमें सोचना होगा की इन नेताओं को कौन सी भाषा समझ आती है ....????? इसे पढने और अपने मित्रों संग बांटने हेतु आपका अग्रिम धन्यवाद !! बोलिए बड़े प्रेम से .....जय श्री राम !!  

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...