फिल्मी दुनिया के ख्वाबों में जीने वाले देशवासियों,नमस्कार !!!!! आज मुझे शोले के " गब्बर "की याद आ गयी | देश का माहोल ही ऐसा हुआ पड़ा है कि हर कोई चाहता है कि वो बस आर्डर करे और जैसा फिल्मो में होता है सब उसके कहने पर चले | फिल्मों में पहले तो किसी बुजुर्ग या विलीन का कहना माना जाता है | मध्यांतर के बाद या तो हीरो उस बजुर्ग का कहना मानना बंद कर देता है ,या फिर खलनायक के शिष्य उसका कहना मानना बंद कर देते हैं यंही से कहानी में नया मोड़ आ जाता है |आप कहेंगे कि आज शर्मा जी को क्या हो गया, आज भ्रष्टाचार का मुद्दा छोड़ कर फ़िल्मी मुद्दा क्यों पकड़ लिया ? नहीं - नहीं ऐसी बात नहीं है मुद्दा आज भी भ्रष्टाचार ही है लकिन मैं आज जनता का ध्यान समाजसेवकों के स्टाइल पर भी लेजाना चाहता हूँ | हम कल कुछ मित्र लोग एक होटल पर बैठ कर चाय पी रहे थे | जिसमे नेता,पत्रकार और समाजसेवक सब तरह के लोग थे | एक बोला ,यार नेता बड़े बईमान हो गए हैं |जब आतंकवादी संसद पर हमला करने आये थे तो ससुरे ये नेता बच क्यों गए ,सारों को उग्रवादी गोली मर देते तो अच्चा था ! दूसरा बोला हाँ यार मैं तो सोचता हूँ कि वो देश कि सारी विधानसभाओं में भी घूम आते तो अच्छा होता ! सारा काम सही हो जाता | तीसरा बोला यार उग्रवादियों को ये काम सोंपना ठीक नहीं मैं तो कहता हूँ कि ये काम गब्बर सिंह से करवा लेते हैं ? वो ही अपने चेले को कहेगा कि , " अरे ओ साम्भा ! उठा तो ज़रा बन्दूक , लगा तो निशाना इस " कुत्ते " पर | मैं बोला यार अपनी भाषा असंसदीय मत करो नेताओं कि तरह ? चाहे गोली ही मारनी है इज्जत से मारो | एक सिनिअर पत्रकार हमारी बातें सुनते सुनते बिफर पड़े | क्या जमाना आ गया है | "सुधार" के लिए भी गोलियां ?यानि अमेरिका कि नीतियों का समर्थन ? अल्लाह बचाए भारत को !!क्या बाबा राम देव क्या अन्ना हजारे सब चाहते हैं के वो आर्डर करे और देश एक मिनट में सुधार जाए | नेता बोला जी नहीं ,हम और सभी देश के हितेषी ये चाहते हैं कि सभी देश भगत नेता,वकील,पत्रकार,और बुद्धिजीवी एक समय एक साथ बैठ कर आने वाले सौ सालों के अनुसार व्यवस्था और संविधान में बदलाव एक बार में ही करलें | रोज़ - रोज़ का टंटा ही ख़तम हो जाये | १०० सालों की सोच कर व्यवस्था बनायेंगे तो ससुरी ५० साल तो चलेगी | वरना आज़ादी के समय संविधान निर्माताओं ने संविधान में लिखा था की " आरक्षण ५या १० सालों बाद समाप्त कर दिया जायेगा लकिन आज तक नहीं हुआ ? फिर वोही नेता बोला यार इसी लिए तो मैं कहता हूँ कि " गब्बर " को किराये कर लेते हैं ? अरे बेवकूफ गब्बर को तो धरमिंदर ने " मार " दिया था | तो फिर धरमिंदर के बेटे " सुन्नी " को साइन कर लेते हैं एक एक बेईमान को पकड़ कर उसकी मुंडी घुमा देगा | फिर सब ठीक हो जायेगा | होटल वाला बोला उठो चलो पहले मेरे पैसे देदो , आये हैं सन्नी को साइन करने वाले |सीनियर पत्रकार बोले चलो यारो लोग सोचने भी नहीं देते देश के बारे में | अन्ना जी और बाबा जी आप तो सोच समझ कर कोई कदम उठाओ ???? फ़िल्मी ड़ीरामा मत बनाओ जनता तंग आ चुकी है रोज़ - रोज़ के नाटक से |
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
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