Wednesday, September 28, 2011

" वापिस ले जाओ अपनी , (सर - कार ) स. मनमोहन - जी "

कार वाले दोस्तों , पेट्रोल भरा  नमस्कार ! आजकल डीजल  भी पेट्रोल जैसा हो गया है | बात " सर " और " कार " की हो रही थी इसलिए वन्ही चलते हैं | अपने " मनु भाई " कहते हैं की हम २०१४ तक ये सरकार जरूर चलाएंगे ? बी.जे.पी. वाले कहते हैं कि हम कब मना कर रहे हैं लेकिन पी.एम्. बदल दो गृह मंत्री बदल दो | मनु भाई कहते हैं  फिर मेरे पास  बचेगा ही क्या ? कल को आप कहोगे कि पी.एम्. बदल दो ? फिर मैं क्या करूंगा ? वैसे इतिहास साक्षी है कि " देश पर संकट तभी - तभी आता है जब कांग्रेस पर संकट आ जाता है " आम आदमी कोई गलत वस्तु खरीद कर लाता है गलती से तो उसे फ़ौरन वापिस भी तो कर के आता है कि नहीं ?पर मनु भाई और उनका सारा मंत्री मंडल एक ही रत लगाये बैठा है कि " हमें २०१४ तक शासन करने का अधिकार मिला है , इसलिए कोईभी चाहे विपक्ष हो या जनता हमें रोक नहीं सकती ?"विपक्ष भी जनता को " चोर -  चोर मौसेरे भाई " जैसे लग रहे हैं सिर्फ हो - हल्ला मचाया जा रहा है  | सब अपनी पेंशन बचाने के चक्कर में हैं ?? या इनको भी " आधा " चंदा देने कि बात हो गयी है ?? जनता को सारे चोर क्यों दिखने लगे हैं ? क्या जनता की आँखों में  " काला -  मोतिया " आ गया है ?? इस सरकार  के सारे मंत्री आज  कुछ बोलते हैं तो कल  कुछ ? और  बी.जे.पी.  वाले " यात्रा " कर रहे हैं ?? इसी लिए मैं कह रहा हूँ कि सरदार मनमोहन सिंह जी आप अपना " सर " और " कार " वापिस ले जाइये अपने घर , क्योंकि न  तो आपका दिमाग काम कर रहा है , अगर दिमाग सही काम  कर रहा होता तो देश में " आतंकवाद , मंहगाई और भ्रष्टाचार समाप्त हो गए होते ? और अगर " कार " यानि हाथ काम कर रहे होते तो मंत्रियों कि इतनी हिम्मत नहीं  होती कि वो काम कि बजाए इधर - उधर के ब्यान दे रहे होते ???? आज किसी भी विभाग के अफसर अपने मंत्री कि सुनते नहीं किसी भी मंत्री को काम करना ही नहीं आता ??? तो जनता आपको  ५ साल तक क्यों ढोए ???? इसी लिए मैंने आज शीर्षक में मनमोहन जी के नाम के साथ " सिंह " नहीं  लगाया क्योंकि आदमी शेर तो तभी होता है न जब उसकी एक दहाड़ पर सब कांपने लग जाएँ ?  अतः आज के बाद हम तो हमारे प्रधान - मंत्री जी को सिर्फ मनमोहन , मनमोहन लाल या मनु भाई ही बुलाएँगे और कहेंगे कि कृपया मनु भाई हम पर दया करो  !  हम गलती कर बैठे जो आपको ५ साल तक सरकार चलाने का " अधिकार दे बैठे ?? वैसे सिर्फ आपको पूरा अधिकार तो हमने नहीं दिया था ? दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर आप ये सरकार चला रहे हो ?? ये छोटी पार्टियाँ भी बड़ी चतुर हैं प्रदेश के चुनावों में तो इन्हें साम्प्रदायिकता का भूत नहीं दिखाई देता इसलिए अलग - अलग चुनाव लड़ते हैं , लेकिन राष्ट्रीय चुनावों में ये सब " सेकुलर " बन जाते हैं और देश पर भरी संकट आ जाता है तो जनता को डरा कर ये सरकार बना लेते हैं ??? कोई मुसलमानों को हिन्दुओं से डराकर वोट लेता है तो कोई हिन्दुओं को मुसलमानों और ईसाईयों से डरा कर वोट ले लेता है | सब साले जनता को बारी - बारी से बेवकूफ बनाए जा रहे हैं ????????? बोलो ....! जय - श्री - राम !!     

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