माल कमाने में हमेशा " रेड्डी " रहने वाले दोस्तों , जय श्री राम !!! धन कमाना कोई बुरी बात नहीं है ,जरूर कमाना चाहिए , नहीं कमाएँगे तो देश - धर्म कैसे चलेगा ?? परन्तु गलत तरीके से धन इकठ्ठा नहीं करना चाहिए , परन्तु आजकल धन का महत्व इतना बढ़ गया है कि हर चीज़ केवल " धन के तराजू " में ही तोली जाती है | यंहा तक कि " रिश्ते - नाते " भी धन के आगे फीके पड़ गये हैं | जीवन के मूल्यों को छोड़ इंसान पैसा - पैसा करता " बावलों " की तरह डोल रहा है | गलत - सही का अंतर भूल गया है आदमी ? वो चाहे मैं होऊं या आप , " रेड्डी - बंधू हों या अमर सिंह ,अहमद पटेल हो या स्व.प्रमोद महाजन सब पकडे जाने से पहले संत होते हैं ? १० से १००००० रूपये तक का चोर पकड़ा भी जाता है और सजा भी पाता है | इससे बड़ा चोर सिपाही , जज आदि को पार्टनर बना लेता है ? नेता लोग बात करवाते हैं ? पत्रकार और ठेकेदार मीटिंग की व्य्वस्था देखते हैं रेट तय करने में मदद करते हैं ?? एक कहावत है कि " ऊँगली पकडाओ तो पौंचा पकड़ लेना " यानि " लालच " आ जाना , जो स्वभाविक है | सतर्क तो तंत्र को होना चाहिए , सजा का डर होना चाहिए और इज्जत जाने का खतरा होना चाहिए ???? समाजिक बहिष्कार और हुक्का - पानी बंद होना भी पहले एक सजा होती थी ? मगर आजकल तो ऐसे लोग मुख्याअतिथि बनाए जाते हैं जी | राम सबका भला करे , कोई मजबूरी हो तो चोरी भी जायज़ समझी जाती थी मगर आज तो " चोरी, हेराफेरी फैशन बन गया है जी ?? हमारे शहर में भी ४-५ टोलिया हैं जो छोटी - मोटी राजनितिक पार्टियों के झंडे उठाये फिरते हैं , सुबह मजदूरों या लोगों को साथ लेकर जिंदाबाद - मुर्दाबाद बोलेंगे , शामको उन्ही अफसरों से पैसे लेकर मोजमस्ती करेंगे ?? इनमे नेता,पत्रकार,व्यापारी और ठेकेदार शामिल होते हैं जी | देश का " भठा बैठता है" तो बैठ जाए ? जय राम जी की बोलना पड़ेगा नहीं तो राम नाम सत्य हो जायेगा | अमर सिंह जी तो तिहाड़ पंहुच गए हैं | १९७७ में कई शरीफ नेता जेल गये थे तो उन्होंने " जनता पार्टी बना दी थी , अब चोर नेता और अफसर तिहाड़ में हैं तो न जाने कौनसी पार्टी बनेगी राम ही जाने ! ? ? ?
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