भावुक हो कर भूलवश भूल करने वाले दोस्तों , माफ़ी भरा नमस्कार ! दोस्तों फेस - बुक पर मुझे आज ३ महीने से ज्यादा यानि १०० दिन हो गए हैं , इस दोरान ८५ लेख मैंने ब्लाग पर लिखे ,और न जाने कितनी बातें , गीत ,चुटकुले और घटनाएँ सभी मित्रों के साथ बांटी फेस - बुक पर | सैंकड़ों मित्रों की विभिन्न प्रकार की बातें भी पढ़ी और देखि - सुनी | ये सब करते हुए कभी मन गुस्से से भर जाता तो कभी हंसने लगता , कभी मूड सेक्सी हो जाता तो कभी मजाकिया , कभी मन भाव-विभोर हो जाता तो कभी जोश भर जाता | मैंने कभी कम्प्यूटर चलने की ट्रेनिंग नहीं ली , आज भी पूरा चलाना नहीं आता , कई बातें तो मैं लिखता भी नहीं था वो मेरे नाम से लिखी हुई आ जातीं ? कई अनर्गल लेख , फोटो और चैटिंग , जो मेरे द्वारा नहीं की गयी थी वो मेरी वाल पर दिखाई देने लग जाती थी ???? जिस से मन बड़ा परेशान हो जाता था | अभी दो दिन पहले की ही बात है किसी मित्र ने सरदार मनमोहन सिंह जी , राहुल और चिदम्बरम जी के मुख बच्चों के नंगे चित्रों पर लगाये हुए थे , उन बच्चों ने एक दुसरे की पिशाब करने वाली जगह को पकड़ रखा था , उसे देख कर पहले तो मुझे हंसी आई तो हंसी - हंसी में मैंने वो फोटो सभी मित्रो को सेंड कर दी | ज्यादा तर मित्रों को वो पसंद आई , लेकिन तीन मित्र , सरदार सोढ़ी जी, नन्द किशोर जी और एक और मेरे प्रिय मित्र हैं उनका मैं नाम भूल गया उनको वो पसंद नहीं आई , क्योंकि मैं अपने सभी मित्रों को बहुत सन्मान की दृष्टि से देखता हूँ , किसी भी आदमी को नाराज़ करना मेरा उद्देश्य नहीं होता इस लिए आज मैंने अपने सारे लेखों और पोस्टिंग को दोबारा पढ़ा , जिस से मुझे महसूस हुआ की मुझे एक बार अपने सभी मित्रो से और उन सबसे जिनको मेरी किसी भी कही या सुनी गयी बात से कष्ट पंहुचा हो ,..... तो मैं हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगना चाहता हूँ | इंसान गलतियों का पुतला है , जो अपनी गलती मान ले , उसे माफ़ करने वाला बड़ा हो जाता है ......???? क्या आपने मुझे माफ़ कर दिया ??? अवश्य बातें ..... क्योंकि मैं अगले बुधवार से फिर देश हित में लिखने वाला हूँ नया खाता चालू करना है .....?? आज पता चला की लोग समय - समय पर हरिद्वार क्यों जाते हैं ...? बोलो .... राम ..... राम ..... राम ....!!!!
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