स्वाभिमानी मित्रो , प्यार भरा " रोकड़ी " नमस्कार !!पिछले कई दिनों से समाचार पढ़ रहा हूँ की रुपया गिर गया , रुपया गिर गया !! पता नहीं कन्हा गिर गया ये समझ में नहीं आ रहा था !! एक दिन मैंने अपने मित्रों से पपच ही लिया , यारो कोई तो मुझे बताओ आखिर ये रुपया कब - कब गिरता है ?? कन्हा गिरता है ? क्यों गिरता है ???कैसे गिरता है ???और डॉलर ससुरा 1967. से ही चढ़ता ही जा रहा है क्यों ????? मेरे मित्र बोले, अबे मास्टर रुक जा प्रश्न पे प्रश्न किये जा रहा है? जिस सरकार के पास जितना सोना होता है उतने ही नोट छपने का अधिकार उसके पास होता है ... उनके आगे बोलने से पहले ही मैं आगे बोला , रहने दो रहने दो , सोना तो हमारे पास उतना ही है जितना कल था , फिर रोज़ कैसे रुपया गिरता है ?? जरूर इसमें कोई विदेशी साजिश है ??? मित्र हंसने लगे , बोले जा यार तू तो बिलकुल भोला है , मैं बोला , भाइयो मैं तो एक बात जानता हूँ की मेरा रुपया है तो मेरी मर्ज़ी चलेगी या किसी विदेशी की , मैं ससुरे डॉलर की कीमत दो रूपये ही लगाता अगर मैं प्रधान मंत्री होता तो सब के लिए ये ऑर्डर पास कर देता की डॉलर के 2./- रूपये से ज्यादा देने ही नहीं है तो हमारे रूपये की कीमत कैसे गिरती ??? हम डॉलर के बदले हमारा सम्मान ही नहीं देते , कहते की हमारी करंसी लाओ तब देंगे हम हमारा सामान , तो कैसे रूपये की कीमत गिरती ???मेरे मित्र बोले भले मानुष हम 50.वस्तुएं बेचते हैं और 500. वस्तुए खरीदते हैं इसीलिए तो हमारी चलती नहीं ...?? मैं बोला की अगर हम में स्वाभिमान है तो हम उनकी 50. वस्तुओं की तरफ देखते भी नहीं ,और उनके डॉलर की कीमत 2./- रूपये ही लगाता अगर मैं प्रधान मंत्री होता ???? मेरे मित्र बोले की तभी तो तुम्हे कोई प्रधान मंत्री कोई बनाता नहीं ??? मैं सोच में घिर गया ?? की यार मैं तो अपनी और अपने देश की इज्जत और मान बढाने की बात कर रहा हूँ , और ये सब ये कह रहे हैं की इसी लिए तुझे कोई प्रधान मंत्री कोई नहीं बनाना चाहता तो क्या सारे बे - ईमानों को पसंद करते हैं .....??? ....... आप सब मित्रो आप ही मुझे समझाओ की क्या हम अगर मन को मजबूत बनाकर कुछ समय के लिए ऐसी घोषणा करदें की हमारी नज़र में डॉलर की कीमत मात्र 2./- रूपये है और इसी अनुपात से हम हमारा बाज़ार चलायें तो क्या नहीं चलेगा ???? क्या - क्या रुकावटें आएँगी ???? कौन सी ऐसी वस्तुएं हैं जिनके बिना हमारा काम नहीं चलता अगर हम उन्हें कुछ दिनों तक नहीं मंगाएं तो ????? क्या हम हमारे रुपये की इज्जत के लिए कुछ कुर्बानी नहीं दे सकते ....??? आखिर ह्म्मारी इज्जत भी तो हमारे देश की इज्जत से ही जुडी है ??? कैसे हमारे वित् मंत्री , वित् विशेषज्ञ आदि चुप बैठे रहते हैं ???? क्यों नहीं कोई प्रभावी बात कही या करी जा रही ???? हर बात पर बे - बस क्यों नज़र आती है हमारी सरकार और ये तथा - कथित नेता ( पक्ष और विपक्ष ) ???? क्या " मादा " ख़तम हो गया ........???? बोलो .....जय .......sri.....राम .......!!!!!!!!!!!
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