मेरे प्रिय भरोसे मंद मित्रो , भावपूरण नमस्कार स्वीकार करें !! " जनता " के लिए आज तलक न जाने कितने समाजसेवी , नेता अपना समय , धन और जान तक गवा बैठे हैं , इस नामुराद जनता को याद नहीं है , कितने संत इस जनता को सुधारने हेतु अपना तन , मन , और धन , ज्ञान देने और लेने में लगा चुके हैं , इस " बेबस " जनता को वो भी याद नहीं , इस " निर्दयी " जनता के सामने कितने अन्याय हुए ,और ये चुप - चाप देखती और सहती रही , वो भी इसे याद नहीं ???? हमारा इतिहास साक्षी है की ये जनता कितनी " भुलक्कड़ " है ??? ये भी किसी से छिपा नहीं है ???? अन्ना जी , आपने 3.- 4.बार आन्दोलन करके देख लिए , सरकारी और गैर सरकारी नेताओं का हाल भी आपने देख लिया ??? समझ दार लोग सब समझ चुके हैं की किसके लिए क्या फायदे मंद बात है ??? और क्या नहीं ?? तो अब आपका दोबारा अनशन पर बैठना कटाई उचित नहीं है !! क्योंकि यही वो जनता है जो चोर नेताओं को " वोट " डालकर जीताती है !! दारू पीकर अपना वोट " बेच " आती है !! या अपनी जाती धर्म और इलाके के पीछे भाग पड़ती है ???? तो क्यों इस " नीरीह " जनता हेतु अपनी जान खतरे में डाली जाये ??? ये वोही जनता है जिसके सामने " द्रोपदी का चीर - हरण हुआ " और ये देखती रही ?? ये वोही जनता है , जिसके सामने "सीता को अग्नि परीक्षा" देनी पड़ी ??? और ये वो ही जनता है जिसके सामने " यीशु - मसीह " सूली पर चढ़ा दिए गए ????? क्या इस जनता की " अपनी " कोई जिम्मेदारी नहीं ??? क्यों कोई , महाराणा प्रताप , शिवाजी , लक्ष्मी बाई , तांत्या टोपे , भगत सिंह , चन्द्र शेखर आज़ाद , अपनी जान दे ??? या गांधी , जे . पी . और अन्ना जी जैसे अपना अमूल्य जीवन बर्बाद करें ??? अब जनता को स्वयं कार्यक्रम बना कर आन्दोलन करना चाहिए , और अन्ना जी , केजरी वाल जी और किरण बेदी जी जैसों को सिर्फ दिशा निर्देशों हेतु अपने पीछे रखना चाहिए ???? तब तो है मज्जा ??? नहीं तो अन्ना जी भूखे बैठे रहें और जनता रजाई में बैठी t.v. चेनलों पर समाचार देखती रहे , ये उचित नहीं है ???? आप सब मित्र इस विषय पर क्या सोचते हैं ??? कृपया अपने अनमोल विचार , मेरे ब्लॉग " ५थ पिल्लर करप्शन किलर " पर अवश्य लिखें !! या लाग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. पर भी अपने विचार प्रकट कर सकते हैं !! तो बोलो ......जय श्री राम !!!!
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
प्रिय पाठक मित्रो ! सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...
-
मेरे प्रिय " हंस - हंस्नियो मित्रो , धवल - शुद्ध नमस्कार !!! दलीप कुमार साहिब की एक फिल्म थी ,जिसमे हिन्दू...
-
" झीनी चादर " अपने जीवन में ओढने वाले सभी मित्रों को मेरा सादर नमस्कार !! कबीर जी कहते हैं ,जब हम पैदा हुए ,...
-
भारतीय संस्कृति के अनुसार , जब से ये सृष्टि रची गयी है ,लगभग तभी से धर्म के नाम पर तथाकथित धर्म चलाने वालों द्वारा ही अपराध किये या करवाये ...
No comments:
Post a Comment