सच्चे देश - भक्त मित्रो , वन्दे - मातरम् !! और प्यार भरा नमस्कार स्वीकार करें !! अन्ना जी फिर वापिस आ गए हैं ! सरकार उन्हें स्वीकार नहीं कर पा रही , और न ही जनता उन्हें अब तलक पूरा समझ पायी है ?? बुद्धिजीवी लोग अलग - अलग राय रखते हैं !! मैंने भी कई मित्रों के विचार अन्ना जी और उनकी टीम के साथ मेल नहीं खाते देखे हैं ! कोई उन्हें कांग्रेस का एजेंट बता रहा है तो कोई उन्हें r.s.s. का ?? कोई कहता है उनकी टीम में निम्न जाती के लोग नहीं इसलिए ये आन्दोलन सही नहीं तो कोई पूछता है की उनके पीछे कौन है ???? ये मन भी बड़ी विचित्र चीज़ है ?? कभी इधर तो कभी उधर , थाली के बैंगन की तरह कभी एक जगह टिकता ही नहीं ?????? इसलिए कल से मैं गहन सोच में डूबा हुआ हूँ ?? की इस देश का दुश्मन कौन और किस रूप में आ जाये ?? हम कुछ भी नहीं जानते ??? मैंने जो सोचना शुरू किया तो अजीब अजीब विचार मन में आने लगे /// आप भी पढ़िए ... पहला विचार ये आया की भारत का दुश्मन भारतीय नारियों को बिगाड़ने हेतु ऊटपटांग सीरियल और फिल्मे बनाकर tv. पर फ्री दिखा रहा है ??? और मज़े की बात ये है की सारा फिल्म और add. उद्योग उनकी मदद कर रहा है ???? दूसरा विचार ये आया की भारत के मैहनत कश लोगों को बेकार बनाने का काम हमारा दुश्मन कर रहा है और उनकी मदद इस काम में हमारी भारत सरकार कर रही है म्न्रेगा के ज़रिये १८०/- रूपये रोज़ थोड़े से काम के बदले दे कर आलसी बना रही है ????? ८०/- रूपये अफसर खा रहे हैं और १००/- गरीब मजदूर पा रहा है ???? इस तरह से भारत का मजदूर वर्ग आलसी हो रहा है ??? तीसरा हमला भारत पर शिक्षा के द्वारा हो रहा है ?? ८वीं कक्षा तक के बच्चों को बिना मेंहनत के पास किया जा रहा है और विद्यालय में ही खाना दिया जा रहा है , किताबें दी जा रही हैं और साईकिल भी दिए जा रही हैं जिस से हमारे विद्यार्थियों की नींव कमज़ोर हो रही है ?? दूसरो पर आश्रित होना सिखाया जा रहा है ???? और मज़े की बात ये की इसमें भी हमारी सरकार देश के दुश्मनों की मदद कर रही है ?? बड़े " माल " लाकर , छोटे व्यापारियों को ख़तम करने की साजिश रची जा रही है ?? नकली नोट भेजे जा रहे हैं ??? उग्रवादी भेजे जा रहे हैं ??? देश भक्तों का इतिहास समाप्त करके सिर्फ गांधी परिवार तक सीमित किया जा रहा है ?? देश को लूटा जा रहा है शरेआम वो अलग ??? लोहे की छोटी सी कुल्हाड़ी " लकड़ी के हत्थे " की मदद से देश रुपी पेड़ को काट रही है और देश के दुश्मन tv.पर बहस में भाग लेते हुए , बड़ी बड़ी बिंदियाँ माथे पे लगाके ये बोलते हैं या बोलती हैं की क्या ये देश इतना कमज़ोर है जो एक " सीरियल या फिल्म " देखने से बिखर जायेगा ??? और हम उनके इन्ही शब्दों के मायाजाल में फंस कर उन्हें सही मान लेते हैं ?????? जैसे महेश भट्ट , महिला आयोग के सदस्य और कुछ n.g.o. के सदस्य आदि आदि जो देश को तरह तरह से नुक्सान पहुंचा रहे हैं ....??? जागो ...देश वासियों ....जागो !!!
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
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