Tuesday, May 16, 2017

"मत टूटने दो मासूम फूलों को,पढ़ जायेंगे,जल्दी क्यों"? - पीताम्बर दत्त शर्मा(स्वतंत्र-टिप्पणीकार)

हाय !! कितना दुखद ये समाचार आया है !दिल बैठा -बैठा सा जा रहा है मेरा ये समाचार सुनकर ही ,लेकिन जिस माता-पिता,भाई-बहन,दादा-दादी,भैया-भाभी,चाचा-चाची,मामा-मामी,बुआ-फूफा और नाना-नानी के सामने दसवीं-बारहवीं के छात्र-छात्रा की लाश पड़ी होगी उन का क्या हाल होगा ?अडोसी-पड़ोसियों के आंसू भी नहीं थम पा रहे होंगे !कल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने अपने"भांजे-भांजियों"के लिए एक सन्देश भी प्रसारित करवाया था कि "बच्चो ! घबराना मत!अबकी बार अगर सफल नहीं हो पाए तो कोई बात नहीं ! फिर मेहनत करना !अगली बार पास हो जाएंगे अच्छे नंबर लेकर !जीवन एक धारा है ! इसे बहता रहना चाहिए रुकने नहीं देना है हमको इस धारा को" !!
                      लेकिन हाय !! हमारे मध्य-प्रदेश के कई शहरों में 12 नन्हें बच्चों ने घबरा कर ऐसे निर्णय ले लिए जिस से  ना केवल परिवारों बल्कि उनके विद्यालयों और पूरे देश में कोहराम मच गया !रो-रो कर सबका बुरा हाल है सबका !एक "सन्नाटा सा फ़ैल गया है जैसे जीवन में ! कौन,कौन किस-किस को कैसे ढाढस बँधाये ?शब्द ही नहीं मिल रहे !आंसू ही नहीं रुक पा रहे !क्या किया जाए ?क्यों गिरी ये बिजली ? कौन दोषी हैं इस पाप के ?क्या वो स्कूल वाले ?या फिर वही माँ-बाप,जिन्होंने ज्यादा नंबर पाने की चाह में ,आसानी से अपना बुढ़ापा गुज़र जाए,आराम से उनका बच्चा अफसर बनकर अपना जीवन-यापन करे ,इस चाह में उस पर दबाव डाला ?कौन दोषी है ?
                           अफ़सोस ! किसी भारतीय अदालत में तो कोई केस नहीं चलेगा ,लेकिन भगवान् की अदालत में ही इसका निर्णय होगा ! जो दोषी होगा उसे फिर सज़ा मिलेगी ?या फिर ये दुःख सहना ही उनके किसी पिछले जन्म के कुकर्म की सज़ा है ?जो वो भुगत रहे हैं !आज मैं बड़े ही भावुक मन से ये लेख लिख पा रहा हूँ !इस लिए सभी मृत बालकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ,परिवार के सदस्यों को ये दुःख सहन करने की परमात्मा शक्ति प्रदान करे !ऐसी कामना करता हूँ ! 
                         


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                         मैं बड़े ही गर्व के साथ कह सकता हूँ की मेरे ब्लॉग को माननीय प्रधानमंत्री श्री मान नरेंद्र मोदी जी और माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा श्री मान अमित शाह जी भी पढ़ते हैं !उन्होंने मुझे ट्वीट भी किये हैं ! कई बड़े लेखक और लेखिकाएं,कवी-कवित्रियाँ और स्वतंत्र टिप्पणीकार आदि भी जुड़े हैं जिससे मैं अपने आपको गौरवान्वित समझता हूँ !आशा करता हूँ की आप सबका मुझे और ज्यादा साथ मिलेगा ! फिर मैं बारी बारी से आप सबके शहरों में आकर मिलूंगा !आपसे और ज्यादा सीखूंगा !
                           आप सबसे अनुरोध है कि आप मुझे अपने अनमोल सुझाव देते रहा करें !
                               सधन्यवाद !
                                                  आपका अपना ,
                                                   पीताम्बर दत्त शर्मा,
                                                     सूरतगढ़ !

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