Thursday, October 13, 2011

" चिठ्ठी "आई है ,आई है .."मनमोहन" की चिठ्ठी आई है....???

स्वर्गीय जगजीत सिंह जी के निधन से दुखी मित्रो , नमस्कार ! हमारे प्रिय प्रधान मंत्री जी ने आखिर "अन्ना मंत्रिमंडल " को "जन - लोकपाल  नहीं ,प्रभावी लोकपाल संशोधन लाने की चिठ्ठी लिख कर भेज ही दी ?? इनके डाकिये भी स्पेशल होते हैं जी बड़े लोग जो ठहरे ?? हमारी चिठ्ठी तो सुसरी ३० किलोमीटर का सफ़र भी ७ दिनों में तय करती है ( वैसे रिकार्ड तो और भी बड़ा है )इनकी चिठ्ठी तो देल्ही  से रालेगन सिटी १दिन में ही पंहुच जाती है ....?ग़ज़ल की दुनिया के बड़े सितारे को हम अपनी श्रधान्जली देने के पश्चात् हम आपको ये बतादें की अन्ना अगर कांग्रेसियों पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं तो ये गलत भी नहीं  है |क्योंकि कांग्रेस उन्हें एक हाथ से मार रही है तो दुसरे  से पलोस रही है तीसरे हाथ से मज़ाक उड़ा रही है तो चोथे हाथ से अपना मुंह दबा  कर डर को छुपा  भी  रही  है ...???  मुस्कुरा कर कल्लोल भी कर  रही है| आर .एस.एस. ने सिर्फ  चले  हुए आन्दोलन को सिर्फ इसलिए समर्थन दिया क्योंकि ये भ्रष्टाचार से सम्बंधित था ,ऐसा ही बी.जे.पी.ने  किया  तो कांग्रेसियों ने शोर मचा दिया कि  देखो - देखो ये तो आन्दोलन ही साम्प्रदायिक ताकतों का था ...?? क्या आज से पहले जितनी रैलियाँ,प्रदर्शन और आन्दोलन हुए किसी ने जांच की कि उसमे कौन - कौन शामिल हुआ था ...? अगर आज भी इस बात की जांच करवाई जाए तो सारी पार्टियाँ मुसीबत में पड़ जाएगी ...??इलेक्ट्रोनिक मिडिया वाले भी बहस दिखाते और करते वक्त एक  -दो वक्ता ऐसे बुला लेते हैं जो छिपे रूप से कांग्रेस का ही समर्थन करते हैं ...??किसके पीछे कौन है  या किसका हाथ  है,  ये देश की सुरक्षा एजेंसियों को हमेशा चेक करते  रहना चाहिए ..? मुझे एक बात समझ नहीं आती कि " राम मंदिर के ताले खुलवाए कांग्रेस ने , पूजा  शुरू करवाई कांग्रेस ने , मस्जिद तुडवाने में सहयोग किया कांग्रेस प्रधान - मंत्री ने , शिला पूजन राहुल गाँधी के सहयोग से हुआ, और तो और राम नवमी का अवकाश भी अपने मनमोहन सिंह जी ने घोषित किया ..??? क्या लाल्लू,क्या द्विगविजय जी , सब समय - समय पर तांत्रिकों के  आगे माथा निवाते आये हैं तो साम्प्रदायिक शक्तियां कौन हैं ??कांग्रेस  वाले या आर.एस.एस.,बी.जे.पी. वाले ...??? सच्चे मन से  नेताओं को राजनीती करनी चाहिए और सच्चे मन से ही हम सबको श्रधान्जली देनी चाहिए ....? बोलिए कृष्ण  कन्हैया  लाल  की  ......जय  !!आप कहेंगे की हमेशा तो राम जी की  जय  बुलाते हो , तो आज क्रिशन जी की जय क्यों ..?? वो इस लिए क्योंकि राजनीती के देवता वही हैं  और प्रेम के भी ...? तो जय श्री कृष्णा......!!   

Saturday, October 8, 2011

" चेतना " कंहा जगाई जाएगी ? कंहा जगानी चाहिए ??? ?

 चेतन अवस्था में रहने वाले दोस्तों , नमस्कार ! लो जी सर्व श्री बाबा रामदेव , अन्ना हजारे , लाल  कृषण और छोटे मुलायम जी सभी " चेतना ", क्रांति " और जागरूकता रथ लेकर चल पड़े हैं  या चलने वाले हैं | जब किसी  विधान - सभा या लोकसभा का किसी को उमीदवार बनाना होता है  तब तो ये प्रादेशिक और केंद्रीय नेता ,जाती,धरम,पैसा और इलाका देख  कर टिकट बांटते हैं ? कार्यकर्ताओं और जनता को कोई नहीं पूछता  ?? कार्यकर्ताओं से लिये गए  चंदे को इन नेताओं ने कंहा खर्च कर दिया, कोई  नहीं बताता ?? ऊपर से आर्डर कर  देते  हैं  की प्रदर्शन कर दो , धरना  दे दो,वगेरह - वगेरह ,परन्तु बज़ट कोई नहीं भेजते ?? प्रदेश और केंद्र में  बसें भर कर कार्यकर्त्ता भेज दो ---?? पर कैसे, कंहा से भेजे कोई ?? सफाई  ऊपर से करो  ...... नीचे वाले अपने आप सुधर  जायेंगे ??? साधारण  जीवन  ,  उच्च विचार , त्याग की भावना , और देश भक्ति किसी भी पार्टी के बड़े लीडर में दिखाई ही नहीं देती | अफसर , पत्रकार , वकील और पुलिस सब " सभी  - चोर - हैं " बोलकर चोरी कर रहे हैं  ?? अध्यापक  , कवि और जज कुछ ठीक हैं | सेना  को तो कोई पूछता ही नहीं कि  क्या हो रहा है ? कार्यकर्त्ता तो हमेशा अपने बड़े नेता का स्वागत करता है , तन - मन - धन लगा देता है | निश्ठापूर्वक पार्टी के पदाधिकारियों के आदेश मानता है ? २० से ३० साल  गुज़र जाते हैं तब समझ  में आता है कि हमें तो मूर्ख बनाया जा रहा था ?? कभी किसी चोर,ठग ,कमीने और चालबाज़ को पार्टी का अध्यक्ष बना दिया जाता है ,तो कभी किसी पार्टी से बगावत करने वाले गिरोह बाज़ को ???? शरीफ , इमानदार और सिधान्तवादी सारी उम्र तालियाँ बजाते और माला पहनाते ही मर जाते हैं ????? ये सभी पार्टियों कि अंदरूनी कहानी है और भारतीय जनता पार्टी इस रोग से बुरी  तरह से ग्रसित है ?? क्या नगर और देहात मंडल , क्या जिला ,प्रदेश और केंद्र सब जगह छीना - झपटी चलती दिख रही है ???? जो कार्यशैली और इच्छाशक्ति दिखनी चाहिए किसी नेता में वो किसी भी  नेता में दूर - दूर तक नज़र नहीं आती ?? थोड़ी सी अन्ना जी और मोदी जी में दिखाई पड़ती है तो बाकी नेता उन्हें आगे नहीं आने देते बल्कि उन्हें चेल्लेंज करते हैं कि हिम्मत है तो २०१४ के चुनाव लड़ लो ?? अरे एक बार वैसे ही कुछ समय के लिए सरकार चलने की पावर किसी   ऐसे आदमी को देदो ?? या सारे नेताओं के बोम्ब फिट करके  नेहरु स्टेडियम में अफसरों के साथ बिठा दिया जाए और कह दिया जाए की अब आपको तभी छोड़ा जायेगा जब आप देश हित के सभी सर्वेक्षण , जांच , संशोधन और निर्णय नहीं कर लेते ??? सभी प्रदेशिक नेता अफसर भी साथ में बिठाए जाएँ लागु करवाने हेतु  ??   तब तो कोई उम्मीद है की देश का भला हो जायेगा अन्यथा बहन मायावती के अनुसार " एक नागनाथ तो दूसरा सांप नाथ " में   से ही किसी एक को  चुनना होगा ??  जय - श्री -  राम -  बोलना पड़ेगा ...... जय श्री राम !!      

Tuesday, October 4, 2011

"देखना गुजरात में " भट्ट " की पत्नी बनेगी विधानसभा की कांग्रेसी उमीदवार ..!"

राजनीती में आने की चाह रखने वाले दोस्तों , मेरा नमस्कार स्वीकार करें !,आज ही  मैंने न्यूज चेनल पर गुजरात के पूर्व पुलिस अधिकारी  श्री संजीव  भट्ट की पत्नी को ये कहते सुना की मोदी जी ने  उस पुलिस  वाले को प्रमोशन का  वादा किया है , इसलिए वो हमारे  खिलाफ हुआ है ..... आदि आदि | उनके हाव-  भाव देख कर मैंने भी भविश्यवान्नी  करदी की ये महिला  हमारी नेता है , चाहे विधान सभा में जाय या लोकसभा में | कांग्रेस पार्टी ने पूरी तैयारी करली है | अब आप कहोगे की  तुम्हे  क्यों जलन हो  रही है ???  तो भाइयो ये कथा मैंने आपको इस लिए बताई है क्योंकि ये भी भ्रष्टाचार का ही दूसरा रूप है | करे चाहे कोई  लेकिन है  भ्रष्टाचार  और इसकी निंदा  भी होनी चाहिए  | आप कहोगे तो भाई अभी से  क्यों रो  रहा है ,?  तो वो इस लिए क्योंकि आज से पहले कई ऐसे महापुरुष और देवियाँ हैं जो  इस प्रकार के भ्रष्टाचार की कीमत के बदले कई राजनितिक पार्टियों का प्रचार कर चुके हैं | इसमें कई बड़े - बड़े नाम आ जाते हैं बेचारे ये पुलिस वाले और अफसर बेचारे किस खेत की मूली हैं ??? ये तो होते ही प्रिय सेवादार हैं ??  अगर जाट विधायक बन गया तो वंहा लगभग सारे जाट अफसर आ जाते हैं और दूसरा  विधायक बन गया तो दुसरे अफसर ...?  इसी तरह  से अदाकारों , कलाकारों और  बेचारों  को जनता के हित  के  लिए नेता साडी पार्टियों द्वारा बनाया जाता है ? अब  आप कहोगे की ये " बेचारे " कौन है ?  ये अपने एन.जी.ओ. और कौन ? ये सारी उम्र  दूसरों की मदद  जो करते हैं , तो राजनितिक दलों का भी फ़र्ज़ बनता है की नहीं भाई ??? अब ये दूसरी बात  है की ये  लोग समस्या उठा तो सकते हैं लेकिन हल  निकालने हेतु  सत्ता नहीं संभाल  सकते ?? हर राह है .... काँटों भरी ..... चलना भी है .... और संभलना भी | जय श्री राम !!बोलना पड़ेगा भाई सबको .........????? जय श्री --- राम ! 

Saturday, October 1, 2011

भारत के - " लाल बहादुरशास्त्री और करम चाँद गाँधी जी " -- " happy birth - day "

देशभक्त,निष्ठावान,और स्वदेशी दोस्तों,जोशीला जय -हिंद! आज भारत के उन महान दो सपूतों का जनम दिन है जिन्हों ने देश के लिए सिध्धांतो की  आधार शिला रखी ! " फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर " की स्थापना में इन दो महा पुरषों  का बहुत बड़ा हाथ है ?? वो ऐसे की जब इनके कार्यों से देश आज़ाद हो चुका था,  पंडित नेहरु प्रधान मंत्री बन चुके थे , तब  मैं अपनी माता के गर्भ में था ... यानि महा भारत के अभिमन्यु की तरह वो सब संस्कार मेरे दिमाग में भी  घर  कर गए जो मेरी माता ने मेरे पिता जी के श्री मुख से इन महा पुरषों के बारे में सुने ! ऐसा ही उस समय के सभी  महानुभावों के साथ भी हुआ होगा जो मेरी उम्र के हैं , ऐसा मेरा मानना है ! इसीलिए मेरी उम्र के ज्यादातर लोगो में देश भक्ति की भावना जीवित है !! जन्हा महात्मा गांधी जी ने हमें शान्ति के साथ रहना सिखाया  समाज में मिलजुल कर रहना बताया , वन्ही श्री लाल बहादुर  शास्त्री जो  देश के दुसरे प्रधान मंत्री थे ने " जय जवान - जय किसान  " का नारा देकर सब का पेट भरने और  विदेशी दुश्मनों को नाकों चने  चबाने का  सबक सिखाया ....??? मगर आज हम इतने स्वार्थी हो गए हैं की देश का या देश वासियों का भला  तो दूर अपने सगे सम्बन्धियों को भी  धोखा देने से बाज़ नहीं  आते ...???? सारे  रिश्तों को हम पैसे से तोलने लग गए ????  " न बीवी न बच्चा , ना  बाप बड़ा न मैया , ...  द होल थिंग इज देट  के भैया.., सबसे बड़ा  रुपईया....???? " ये गीत आज की व्यवस्था पर बिलकुल सटीक बैठता है ?? अन्ना जी , मोदी जी और बाबा राम  देव  जी ने आज देश को फिर  एक  नई दिशा  दी  है, जिसे  देशवासियों  ने पसंद  किया  है ! अब  देखना  है की देश किस  तरफ  जाता है ....!! चोर ज्यादा हैं और शरीफ कम .....! " ये लड़ाई है दिए की और तूफ़ान की ..." वन्दे --- मातरम् !!     

Friday, September 30, 2011

" हम से भूल हो गयी ......., हमका माफ़ी दे दो .... !!!"

भावुक हो कर भूलवश भूल करने वाले दोस्तों ,  माफ़ी भरा नमस्कार ! दोस्तों फेस - बुक पर मुझे आज ३ महीने से ज्यादा यानि  १०० दिन हो गए हैं , इस दोरान ८५ लेख मैंने ब्लाग पर लिखे ,और न जाने कितनी बातें , गीत ,चुटकुले और घटनाएँ सभी मित्रों के साथ बांटी फेस - बुक पर |  सैंकड़ों  मित्रों की विभिन्न प्रकार की बातें भी पढ़ी और देखि - सुनी | ये  सब करते हुए कभी मन गुस्से से भर जाता तो कभी हंसने लगता , कभी मूड सेक्सी हो जाता तो कभी मजाकिया , कभी मन भाव-विभोर हो जाता तो कभी जोश भर जाता | मैंने कभी कम्प्यूटर चलने की ट्रेनिंग नहीं ली , आज भी पूरा चलाना नहीं आता , कई बातें तो मैं लिखता भी नहीं था वो मेरे नाम से लिखी हुई आ जातीं ? कई अनर्गल लेख , फोटो और चैटिंग , जो मेरे द्वारा नहीं की गयी थी वो मेरी वाल पर दिखाई देने लग जाती थी ???? जिस से मन बड़ा परेशान हो जाता था | अभी दो दिन पहले की ही बात है किसी मित्र  ने सरदार मनमोहन सिंह जी , राहुल और  चिदम्बरम जी के मुख बच्चों के नंगे चित्रों पर लगाये हुए  थे , उन बच्चों ने एक दुसरे की पिशाब करने वाली जगह को पकड़ रखा था , उसे  देख  कर पहले तो मुझे हंसी आई तो  हंसी - हंसी में मैंने वो फोटो सभी मित्रो को सेंड कर दी |  ज्यादा तर मित्रों को वो पसंद आई , लेकिन तीन मित्र , सरदार सोढ़ी जी, नन्द किशोर जी और एक और  मेरे प्रिय मित्र हैं उनका मैं नाम भूल गया उनको वो पसंद नहीं  आई , क्योंकि मैं अपने सभी मित्रों को बहुत सन्मान की दृष्टि से देखता हूँ , किसी भी आदमी को नाराज़ करना मेरा उद्देश्य नहीं होता इस लिए आज मैंने अपने सारे लेखों और पोस्टिंग को दोबारा पढ़ा , जिस से मुझे महसूस  हुआ  की मुझे एक बार अपने सभी मित्रो से और उन सबसे जिनको मेरी किसी भी कही  या सुनी गयी बात से कष्ट पंहुचा हो ,..... तो  मैं हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगना चाहता हूँ | इंसान गलतियों का पुतला है , जो अपनी गलती मान ले , उसे माफ़ करने वाला बड़ा हो जाता है ......???? क्या आपने मुझे माफ़ कर दिया ??? अवश्य बातें ..... क्योंकि मैं अगले बुधवार से फिर देश हित में लिखने वाला हूँ नया खाता चालू करना है .....?? आज पता चला की लोग समय - समय पर हरिद्वार क्यों जाते हैं ...? बोलो .... राम ..... राम ..... राम ....!!!!

Wednesday, September 28, 2011

" वापिस ले जाओ अपनी , (सर - कार ) स. मनमोहन - जी "

कार वाले दोस्तों , पेट्रोल भरा  नमस्कार ! आजकल डीजल  भी पेट्रोल जैसा हो गया है | बात " सर " और " कार " की हो रही थी इसलिए वन्ही चलते हैं | अपने " मनु भाई " कहते हैं की हम २०१४ तक ये सरकार जरूर चलाएंगे ? बी.जे.पी. वाले कहते हैं कि हम कब मना कर रहे हैं लेकिन पी.एम्. बदल दो गृह मंत्री बदल दो | मनु भाई कहते हैं  फिर मेरे पास  बचेगा ही क्या ? कल को आप कहोगे कि पी.एम्. बदल दो ? फिर मैं क्या करूंगा ? वैसे इतिहास साक्षी है कि " देश पर संकट तभी - तभी आता है जब कांग्रेस पर संकट आ जाता है " आम आदमी कोई गलत वस्तु खरीद कर लाता है गलती से तो उसे फ़ौरन वापिस भी तो कर के आता है कि नहीं ?पर मनु भाई और उनका सारा मंत्री मंडल एक ही रत लगाये बैठा है कि " हमें २०१४ तक शासन करने का अधिकार मिला है , इसलिए कोईभी चाहे विपक्ष हो या जनता हमें रोक नहीं सकती ?"विपक्ष भी जनता को " चोर -  चोर मौसेरे भाई " जैसे लग रहे हैं सिर्फ हो - हल्ला मचाया जा रहा है  | सब अपनी पेंशन बचाने के चक्कर में हैं ?? या इनको भी " आधा " चंदा देने कि बात हो गयी है ?? जनता को सारे चोर क्यों दिखने लगे हैं ? क्या जनता की आँखों में  " काला -  मोतिया " आ गया है ?? इस सरकार  के सारे मंत्री आज  कुछ बोलते हैं तो कल  कुछ ? और  बी.जे.पी.  वाले " यात्रा " कर रहे हैं ?? इसी लिए मैं कह रहा हूँ कि सरदार मनमोहन सिंह जी आप अपना " सर " और " कार " वापिस ले जाइये अपने घर , क्योंकि न  तो आपका दिमाग काम कर रहा है , अगर दिमाग सही काम  कर रहा होता तो देश में " आतंकवाद , मंहगाई और भ्रष्टाचार समाप्त हो गए होते ? और अगर " कार " यानि हाथ काम कर रहे होते तो मंत्रियों कि इतनी हिम्मत नहीं  होती कि वो काम कि बजाए इधर - उधर के ब्यान दे रहे होते ???? आज किसी भी विभाग के अफसर अपने मंत्री कि सुनते नहीं किसी भी मंत्री को काम करना ही नहीं आता ??? तो जनता आपको  ५ साल तक क्यों ढोए ???? इसी लिए मैंने आज शीर्षक में मनमोहन जी के नाम के साथ " सिंह " नहीं  लगाया क्योंकि आदमी शेर तो तभी होता है न जब उसकी एक दहाड़ पर सब कांपने लग जाएँ ?  अतः आज के बाद हम तो हमारे प्रधान - मंत्री जी को सिर्फ मनमोहन , मनमोहन लाल या मनु भाई ही बुलाएँगे और कहेंगे कि कृपया मनु भाई हम पर दया करो  !  हम गलती कर बैठे जो आपको ५ साल तक सरकार चलाने का " अधिकार दे बैठे ?? वैसे सिर्फ आपको पूरा अधिकार तो हमने नहीं दिया था ? दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर आप ये सरकार चला रहे हो ?? ये छोटी पार्टियाँ भी बड़ी चतुर हैं प्रदेश के चुनावों में तो इन्हें साम्प्रदायिकता का भूत नहीं दिखाई देता इसलिए अलग - अलग चुनाव लड़ते हैं , लेकिन राष्ट्रीय चुनावों में ये सब " सेकुलर " बन जाते हैं और देश पर भरी संकट आ जाता है तो जनता को डरा कर ये सरकार बना लेते हैं ??? कोई मुसलमानों को हिन्दुओं से डराकर वोट लेता है तो कोई हिन्दुओं को मुसलमानों और ईसाईयों से डरा कर वोट ले लेता है | सब साले जनता को बारी - बारी से बेवकूफ बनाए जा रहे हैं ????????? बोलो ....! जय - श्री - राम !!     

Sunday, September 25, 2011

" YE - NATIKTA - VATIKTA - KYA HAI ..? HIMMAT HO TO 2014 MAIN HRAA DENA ..?? "

बेशर्म दोस्तों , शर्म भरा नमस्कार ! आजकल इसी गुण की भारी कमी है विशेषकर हिन्दुस्तान में ,पहले तो लोग " चुल्लु भर पानी में डूब कर मर जाते थे ?? अब तो समुद्र भी छोटा पड़ता है , उसमे से भी ससुरे नेता लोग तैर कर वापिस आ जाते हैं और फिर बे - शर्मी से आकर जनता को बोलते हैं कि " हमें तो २०१४ तक राज करने का अधिकार है ??  जिसे हम पसंद नहीं वो २०१४ में हमारे मुकाबले चुनाव लड़ले ? " लो करल्यो बात ? ये बात जोर शोर से वो इसलिए कहते हैं क्योंकि वो जानते है कि जो शरीफ होगा वो एम्.पी. का चुनाव लड़ ही नहीं पायेगा ? अगर फिर  भी अगर शरीफ आदमी चुनाव लड़ता है  तो , धन कंहा से लायेगा , वो भी अगर उसे कंही से मिल गया तो , जाती , धरम और इलाके के चक्कर में तो फंस ही जायेगा ....???? इन्ही बातों पर बेईमान नेता ताल ठोक कर चुनावों में मुकाबला करने का चेलेंज दे रहे हैं आम आदमी को ??? मगर ये यह नहीं जानते कि चाहे " रावण " हो या " कंस " " हिटलर "  हो या " मुसोलिनी " सबको इसी " आम " सी दिखने वाली जनता ने ही धूल चटाई है ?? जनता ने अगर सोच लिया तो दुनिया ने पहले भी देखा है और भविष्य में भी देखेगी कि कोई आम जनता में से नया नायक निकल कर आएगा और इन निक्कमे नेताओं का भ्रम तोड़ेगा , गर्व नष्ट करेगा और जनहित में सरकार चलाएगा ?? चाहे मोहम्मद गौरी हो या ओरंगजेब , मुग़ल हो या अंग्रेज सब को इस जनता ने भगाया है , भारत - माता कि जय बोल कर या  वन्दे - मातरम् बोल कर ! ??   

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...