Friday, August 7, 2015

हम अपने "गुरु"जी को कितना जानते-पहचानते हैं और क्या हम उनका "कहा"मानते भी हैं ?? - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511 .

मित्रो !! आजकल टीवी चैनलों में तथाकथित "गुरुओं" के बारे में बहुत कुछ दिखाया, समझाया और बताया जा रहा है ! उनके गवाह भी पता नहीं कहाँ -कहाँ से आकर , अपना "ज्ञान" दिखा,सुना और बोलकर बता जाते हैं ?? वैसे तो सनातन धर्म "गुरुओं,देवताओं,देवियों और राक्षसों" से भरा पड़ा है ! जितने चाहो -जैसे चाहो वैसे ही गुरु और भगवान आपको और हमको मिल जाएंगे ! लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों हमें "वर्तमान"में जन्मे गुरु की "सेवा" करने की बड़ी ही इच्छा रहती है !??
                     मैं बदनाम हुए या जेल में पंहुच चुके "गुरुओं"की महिमा का बखान या कोई बुराई , अपने इस लेख में करके अपनी "T.R.P."नहीं बढ़ाना चाहता हूँ ! मैं तो सिर्फ ये कहना चाहता हूँ कि इन जैसों की आवश्यकता ही क्यों महसूस होती है ! आप सब अपने अंतर्मन में झाँक कर स्वयं ही इसका उत्तर मुझे और अपने आप को बताएं जी ! मैं तो अपने अंतर्मन की बात आपसे साँझा कर सकता हूँ !जो ये है -:
                         मैं एक ब्राह्मण परिवार में जन्मा व्यक्ति हूँ !मेरे माता-पिता ने सनातन धर्म का प्रचार करने का काम भी किया है ! इस कारण से मुझे  बताया गया है कि हर इंसान का पहला गुरु उसकी माता , दूसरा गुरु उसका पिता, तीसरा गुरु उसका शिक्षक होता है ! उसके बाद जो कोई जितनी "कलाओं" में निपुण होना चाहे उसे उतने ही गुरुओं की आवश्यकता पड़ती है ! इसी तरह से शायद सबका जीवन चलता है !
                               आगे चल कर जब उसे स्वर्ग जाने और नरक में ना जाने की चिंता सताने लगती है अपने कर्मों के कारण , तो वो परमात्मा से मिलने हेतु किसी धार्मिक गुरु की तलाश करता है ! जिस के लिए वो जिस घर में जन्मा है, उसी घर वालों के धर्म का ही गुरु तलाशना "आसान समझता है !बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो जन्मे तो किसी धर्म वाले घर में और शिष्य बनें किसी और धर्म के गुरु का ! हाँ !! लालच और बहलाकर अवश्य ऐसे लोगों की संख्या अवश्य बढ़ायी जा सकती है !
                            हमारे सनातन धर्म में तो स्पष्ट लिखा गया है कि " गुरु और शिष्य , दोनों एक दुसरे को ठोक-बजाकर  ही अपनाएं " !! फिर भी ई कलयुग में ना जाने कैसे कैसे चेले और गुरुओं से पाला पड़ जाता है जी !! भगवान ही बचाये इन "करामाती-खुराफाती"गुरुओं और उनसे भी खतरनाक उनके चेलों से ! भैया !वैसे ये भी देखने में आया है कि होशियार "चेले"तो गुरु को धत्ता बताकर अपनी नयी "दूकान" खोल लेते हैं !नए नियम बना देते हैं  दूसरों को भी उसके ही बनाये नियमों पर चलने हेतु मजबूर कर देते हैं !
                     "राधा-स्वामी,निरंकारी और सच्चा-सौदा "जैसे आधुनिक पन्थों में लिखी अच्छी बातों को तो छोड़िये जी !ऐसे लोग तो वेद,शास्त्र,रामायण,गीताऔरश्री गुरु ग्रन्थ साहेब की सच्ची बानी का कहा भी नहीं मानते ! अपने ही बनाये नियमों का महत्व बताते हैं ! ऐसे लोगों ने तो सीधे नरकों में ही जाना है ना जी ! ऐसे लोगों को कौन बचा सकता है ??इसलिए आज हम एकांत में बैठकर सोचें , और जानने की कोशिश करें कि हम अपने "गुरु"जी को कितना जानते-पहचानते हैं और क्या हम उनका "कहा"मानते भी हैं ?? नहीं मानते तो मानना शुरू करो जी !! आज से ही !

                                





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आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत ! इस पर लिखे हुए लेख आपको मेरे पेज,ग्रुप्स और फेसबुक पर भी पढ़ने को मिल जायेंगे ! धन्यवाद ! आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा , ( लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511

Wednesday, August 5, 2015

" कासिम हो या उस्मानुल्लाह "है तो पाकिस्तान का ठुल्ला !! - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511

आज गांदरबल के पास हाइवे पर पाकिस्तान से आये हुए 2 आतंकवादियों ने पहले तो सेना के वाहन पर आक्रमण कर दिया , जिसमे 2 जवान शहीद हो गए और एक आतंकवादी भी मारा गया ! दूसरा उग्रवादी जंगलों की तरफ भाग निकला ! आगे चल कर उसने दो युवाओं को रास्ता जानने हेतु बंधक बना लिया !
                              चलते-चलते मौका पाकर , खाना खिलाने के बहाने से उन दो बंधकों ने हौसला करके उस आतंकवादी को काबू में कर लिया ! पोलिस भी उनको ढूंढती हुई उधर ही आ गयी तो उसे ज़िंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल हुई ! जो कि एक बहुत बड़ी बात है !अब पाकिस्तान का "भांडा"फूट जाएगा और दुनिया के सामने असलियत बाहर आ जायेगी !
                              एक तरफ तो मोदी  को बाहर के दुश्मनों से लड़ना पड़ रहा है और दूसरी तरफ देश के अन्दर बैठे वामपंथी विचारधारा यानिकि धरना,प्रदर्शन,जलसे,जलूस से तोड़-फोड़ करने वाले , बिकाऊ मीडिया और भ्रष्ट नेताओं-पार्टियों की घृणित चालों से स्वयं को और अपने सहयोगियों को भी बचाना पड़ता है !अब मौजूदा संसद सत्र को ही देख लीजिये ! कांग्रेस कुटिल योजनाएं बनाकर मोदी सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों पर अनाप-शनाप आरोप लगाकर उनके स्तीफे मांग रही है और उनके सहयोगी चेनेल वाले एंकर व पत्रकार इन मामूली आरोपों को U.P.A.सरकार के हज़ारों -करोड़ के घोटालों के बराबर करने पर उतारू हैं ! जनता को बेवकूफ समझा जा रहा है !
                             लेकिन मोदी जी ! आप बेफिक्र होकर काम कीजिये ! आपको भारत की जनता का आशीर्वाद मिला हुआ है !उसे आज भी आप पर पूरा भरोसा है !जिस तरह से आपने नागालैंड की समस्या का समाधान किया है ! आप प्रशंसा के पात्र हैं ! पूरा विश्व आपकी योग्यता की कद्र करता है ! आप तो पाकिस्तान को भी मुंह-तोड़ जवाब देने की कोई पुख्ता योजना बनाओ जी !इस उग्रवादी को जिन युवाओं ने हौसला करके पकड़ने में पोलिस की मदद करी है उनको भी उचित इनाम दिया जाना चाहिए !
                             हालांकि भाजपा के दुसरे नेता आप जितने जज़्बे से भरे हुए नहीं है , लेकिन फिर भी जनता आने वाले 5 सालों में आपके कार्यों को देखेगी , समझेगी और फिर निर्णय करेगी कि आपको आगे 5 साल और काम करने का अवसर दिया जाए या नहीं !निचले स्तर पर भाजपा संगठन को बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है !क्योंकि छोटे नेताओं जीवन मूल्यों से भरा नहीं है ! वो अपने कर्तव्यों को भी नहीं पहचान रहे !
                       " कासिम हो या उस्मानुल्लाह "है तो पाकिस्तान का ठुल्ला !! जल्दी जांच करके जल्दी इसका फैसला कराओ !दिवाली आने तक दिवाली मनवा ही दो जी आप तो !
                       

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Monday, August 3, 2015

"मैडम सुमित्रा महाजन ने अपनी क्लास (संसद) से बाहर किये 25 शरारती बच्चे (सांसद)"!! - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511

"संयम - धैर्य"की परीक्षा ले रहा विपक्ष संसद में आज उस वक़्त अचंभित रह गया ,जब लोकसभा की अध्यक्षा श्रीमती सुमित्रा महाजन जी को कोंग्रेसी सांसदों के हुड़दंग ने उनके "नाक तक पानी"कर दिया ! कभी संसद की वेल में आ जाना शोर मचाते हुए ! तो कभी पोस्टर दिखाना पिछले 10 दिनों से लगातार जारी था !
                        मैडम सोनिया जी और युवराज राहुल गांधी ने अपने सांसदों को समझा रख्खा था कि "मोदी सरकार को कोई काम नहीं करने देना है "!! उसी का नतीजा था कि बार-बार सर्वदलीय बैठकें बुलाये जाने , हर विषय पर चर्चा का आश्वासन देने के बाद भी उनके कानों तक जूँ तक नहीं रेंगी !मजबूरन ये कार्यवाही लोकसभा अध्यक्षा जी को करनी ही पड़ी !
                        अब ये चतुर सुजान ये शोर मचाएंगे कि विरोध करने की परम्परा तो पुरानी है जी , मैडम को " थोड़ा " सबर करना चाहिए था ! भाजपा भी विरोध करती थी और स्वयं सुमित्रा महाजन जी भी !तो हमें इतनी बड़ी सज़ा क्यों ? सच ये है कि कांग्रेस के हर काम में एक विशेष प्रकार की "कुटिलता"भरी होती है ! जो अब जनता को भली-भाँती समझ आने लगी है ! इसी का नतीजा ये है कि जहां-जहां राहुल और सोनिया जी वोट मांगने जाएंगे वहां-वहाँ उनकी पार्टी हारेगी ! उनकी स्वयं की जीत तो दुसरे दलों के "लिहाज़" के कारण होती है !
                       अब देखना ये है कि क्या इस छोटी सी सज़ा से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल कोई सबक सीखेगा या फिर देश को "पीछे" लेजाने की कार्यवाहियां इन देश-द्रोही राजनितिक दलों द्वारा जारी रख्खी जाएंगी ??मुझे नहीं लगता कि इस घटना से कांग्रेस के "उदंडी"सांसदों के व्यवहार में कोई अंतर आएगा !क्योंकि इनके पुराने सांसदों का भी कोई विशेष योगदान नहीं है संसदीय इतिहास में , बस !! सिफारशों से ही ईनाम पाये हुए हैं !
                          अरे यारो !! बहस करो !! प्रभावित करो !! और फिर किसी नतीजे पर पंहुचो ! क्या नाटक लगा रख्खा है ! बेशर्मो !! अफ़सोस है तुम जैसे नेताओं पर  !! " आक-थू !! इन हरामजादों को कोई नहीं समझा सकता !सिवाए मोदी जी के !! कब है 15 अगस्त ?? कब है 15 अगस्त " ??

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Thursday, July 30, 2015

मैं"धर्मान्तरण"नहीं करना चाहता बल्कि,धर्मों में आ चुके"अन्तर"को पाटने हेतु "रण" करना चाहता हूँ !- पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विह्लेषक) मो. न. - 9414657511

              आजकल के हालात को देखकर रोज़ाना मन में ख़याल आते हैं कि मेरे लेखन से तो किसी के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही लेकिन अगर कहीं मैं "नायक" फिल्म के नायक अनिल कपूर साहिब की तरह कुछ दिनों हेतु इस देश का प्रधानमन्त्री या राष्ट्रपति नहीं, क्योंकि उनके पास भी सभी काम को तुरन्त कर देने की शक्तियाँ जो नहीं हैं , सो इसीलिए मैं जब तलक "सर्वेसर्वा"न बन जाऊं , तब तक मैं तो दिनों में इस देश के ,सभी गुरुओं,लोकतंत्र के स्तम्भों,और तन्त्र आदि को "दुरुस्त" करके एक वर्ष के प्रयोग हेतु उसे लागू भी कर दूँगा  ! फिर अगर वो सही साबित हो जाए तो वो लागू रहे अन्यथा उसमें फिर बदलाव कर दूँगा !परन्तु ये सपना ही रहेगा , ये भी मुझे मालूम है जी !बात आज की करते हैं !
                    आज गुरु-पूर्णिमा है ! उन सच्चे गुरुओं को सादर नमन करते हुए ये कहना चाहता हूँ कि आज के समय में धर्मों में जो लोगों को जोड़ने की बजाये तोड़ने वाले या अपने धर्म को दुसरे के धर्म से बड़ा साबित करने हेतु प्रयास किये या करवये जा रहे हैं , उन सबको दुरुस्त करने हेतु हमें छद्म गुरुओं को चिन्हित करना होगा !इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र , नेताओं,पत्रकारों,प्रशासन और निर्माण कार्यों के गुरुओं में भी गुरुघंटालों को चिन्हित करना होगा ! 
                     फाँसी तो ऐसे लोगों को दी जानी चाहिए ! क्योंकि " आतंकियों, चोरों और घोटाले बाजों की असली " माताएँ " तो यही "गुरु-घण्टाल"लोग ही हैं ! तभी तो ये कहावत बनी है कि " चोर से पहले उसकी माँ को मारो "!! आज हम दोषियों को तो देर-सवेर फाँसी दे देते हैं कुछ 'भड़वों' के रोने के बावजूद भी लेकिन उनके "गुरु" रुपी माताएं जिहोने उनको बहकाया होता है , वो बाद में फिर अपनी संतानें पैदा कर देती हैं !
                           जैसे कि कल रात ndtv के रवीश कुमार प्राइम-टाइम में अपने दो चतुर मित्रों के संग मिलकर भाजपा और अकालीदल के "भोले"नेताओं से जबरदस्ती अपने शब्द कहलवा रहा था और मेमन की फांसी विषय पर ना केवल धार्मिक उन्माद भड़का रहा था , बल्कि देश का बंटवारा भी करने की भरपूर कोशिश भी कर रहा था!! क्या एक पत्रकार को ऐसा करने का हक़ है ??क्या ये पत्रकारिता का धर्म है ??क्या ये और इन जैसे अन्य लोग बिके हुए हैं,गद्दार हैं या गुरु-घण्टालों की पैदाइश हैं ??भारत का कोई क़ानून किसी को अपना गलत काम करते वक़्त ही पकड़ता और सज़ा क्यों नहीं देता है !शिकायत करने, गवाह मिलने और 20 साल तक बहस करने के बाद भी रात को जाग कर फांसी क्यों देता है ??
                            मैं बार-बार लिख चुका हूँ कि देश की ५-६ यूनिवर्सिटीयों को बंद कर देना चाहिए इनके प्रोफेसरों-प्रबंधकों की जाँच होने चाहिए ! गलत निकलने पर कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए ! मित्रो !! आज गुरु पूर्णिमा के दिन प्रण कीजिये कि आप सच्चा गुरु तलाश करके ही किसी प्रकार की शिक्षा ग्रहण करेंगे किसी गुरु-घण्टाल का शिष्य नहीं बनेंगे !सच्चे गुरु को ही अपना सर्वस्व सौंपना चाहिए !किसी फरेबी को नहीं !
                                ये आज़ादी नहीं , अतिक्रमण है जनाब !! इनको  बाँधा जाना  आवश्यक है " !!
                                मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !

Wednesday, July 29, 2015

" ख़ाक " जो आज ख़ाक में मिलेगी !! - पीताम्बर दत्त शर्मा ( लेखक-विश्लेषक ) मो. न. - 9414657511


                *मुंबई बम ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन को गुरुवार को 6.30 मिनट पर नागपुर जेल में फांसी दे दी गई। याकूब की फांसी के दौरान उसके परिवार के लोग भी जेल परिसर में मौजूद थे। जेल अधीक्षक सहित 6 अधिकारियों की मौजूदगी में फांसी दी गई।पोस्टमार्टम के बाद उसका शव उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा। *याकूब के शव का पोस्टमार्टम शुरु* जेल प्रशासन ने सुबह 7 बजकर 1 मिनट पर उसे मृत घोषित किया। इसके साथ याकूब के शव का पोस्टमार्टम शुरु कर दिया। *जन्मदिन के दिन ही मौत* ये भी अजीब संयोग की है कि आज ही के दिन याकूब का जन्म हुआ था और आज ही के दिन उसे मौत मिली। आज याकूब का 53 वां जन्मदिन है। आज उसे वहीँ दफनाया जायेगा जहां उसके बुज़ुर्गवार दफनाएं गए हैं !

                                  जैसे कोई बच्चा गलत संगत में आकर बुरा आदि बनता है बिलकुल वैसे ही कोई अच्छा आदमी बुरे नेताओं के भाषणों को सुन-सुन कर बुरा आदमी बन जाता है ! इन बुरे राजनेताओं ने ही सेकुलरिज़्म,कोम्युनलिज़्म ,समाजवाडिज़्म और माओवादिज़्म नामक शब्द दिए हैं इस देश को ! इस काम में पत्रकारों ने भी अहम भूमिका निभायी है ! कॉंग्रेस्स का काम तो बांटो और राज करो ही है जो उन्होंने अपने आका अंग्रेज़ों से बाखूबी सीखा है ! उनके आधे नेता कुछ बोल रहे हैं और आधे नेता कुछ और ही बकवास किये जा रहे हैं ! कोई  नहीं है ऐसे दीमक प्रजाति को !इसके साथ-साथ मैं ये भी बता दूँ कि कई लोग आज टीवी चैनलों पर , फेसबुक आदि पर बड़े देश-भक्त बनते भी नज़र आएंगे ! वो भी इस देश की तरक्की में उतने ही दोषी हैं जितने ये बुरे लोग !

                                     दूसरी तरफ वो शख्स सुपुर्दे ख़ाक आज ही रामेश्वरम में होगा जो हमारा प्यारा था ! जब वो एक वैज्ञानिक  और जब वो हमारे प्रिय महामहिम राष्ट्रपति बने तब भी ! जब उन्होंने छात्रों को पढ़ाया तब भी और जब उन्होंने परमाणु विस्फोट किया तब भी हमें प्यारा था !    डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम। उनकी बात मानने का मन करता था। उनसे वादे करने का जी चाहता था। उनके साथ शपथ लेने को दिल करता था। इस साल जब जनवरी माह में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पधारे तो वहां का जर्रा-जर्रा कलाम-कलाम पुकार रहा था। सारे रास्ते वहीँ जा रहे थे जहाँ वे बोलने वाले थे।  हजारों बच्चों ने उनके साथ शपथ ली कि वे जिसे भी वोट देंगे उससे पहले उसके काम की गणना करेंगे। उन्होंने वहां मौजूद सबसे दोहराने के लिए कहा कि यदि दिल में सुंदर चरित्र बसता है तो घर में सौहार्द्र होता है और जो घर में साौहाद्र्र होता है तो देश व्यवस्थित होता है और जब देश व्यवस्थित होता है तो दुनिया में शांति स्थापित होती है।
  लेकिन हमने ये क्या किया देश के सबसे कर्मठ व्यक्ति के देह त्यागते ही स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी। सोमवार रात ही बच्चों के स्कू ल से मोबाइल पर मैसेज आ गया कि पूर्व राष्ट्रपति के दुखद निधन पर स्कूल में अगले दिन अवकाश रहेगा और परीक्षा उसके अगले दिन होगी जबकि बच्चों के कलाम चाचा कहते थे कि मेरी मृत्यु पर अवकाश घोषित मत करना। अगर तुम मुझसे प्यार करते हो तो एक दिन ज्यादा काम करना। हमारे विद्यालयों ने जाहिर कर दिया है कि वेे केवल शख्स का सम्मान करते हैं शख्सियत का नहीं।
       जयपुर में  'विजन २०-२०'  के बारे में बात करते हुए उन्होंने पूछा - ''बच्चो क्या तुम बता सकते हो कि महाभारत का मेरा प्रिय पात्र कौनसा है? बच्चों ने कहा अर्जुन फिर युधिष्ठिर फिर भीम...कलाम चाचा नो-नो कहते गए और फिर बोले विदुर क्योंकि वे निर्भय, निष्पक्ष और निर्लिप्त थे। उन्होंने बच्चों से बुलवाया कि अगर हर भारतीय एक बेहतर नागरिक होगा तो दुनिया को एक अरब बेहतर नागरिक मिलेंगे। उन्होंने जोर दिया कि शिक्षा अगर रोजगारोन्मुख होगी तो 2020  तक हर भारतीय के पास काम होगा।
   कलाम साहब की रुखसती से हर आंख नम और सर सजदे में है। जैसे हर एक को तलाश है एक ऐसे कंधे कि जहां आंखें बरस सकें। वैसे ऐसा प्रस्थान किसी का भी ख्वाब हो सकता है। यह महादेशभक्त का महाप्रयाण है। जिंदगी भर जिस काम को लक्ष्य मानकर पूरा करने में लगे रहे उसी के साथ इस लिविंग प्लानेट यानी  पृथ्वी को अलविदा कहा। यह क्या कम है कि अपने महाप्रयाण से उन्होंने आतंकवादियों की गोलियों की भयावह गूंज को कम कर दिया। सुबह से भारत जिस दहशत को जी रहा था, देर शाम इस पर कलाम साहब का नजरिया छाने लगा। आतंक हार गया। देशभक्ति, मानवता की जीत हुई। आखों की नमी में शहादत के रंग इंद्रधनुष की तरह नजर आने लगे। बरगद-सी सोच ऐसा ही आभा-मंडल रचती है। हैरान हो सकते हैं कि कोई इतनों का इतना प्रिय कैसे हो सकता है। इतने सादा अंदाज में रहने वाली असाधारण आत्मा को कोटि-कोटि प्रणाम।
                      किसे जन्नत मिलेगी किसे दोज़ख !! ये तो उस खुदा को फैसला करना है ! मैं किसी के पक्ष में कोई "पटिशन" नहीं लगाउँगा खुदा के सामने क्योंकि मुझे उस पर विश्वास है कि वो दोनों में से एक को ही ज़न्नत भेजेगा ! विश्वास बड़ी चीज़ है ! क्यों आज विश्वास को कमज़ोर किया जा रहा है ??आप बताइये मित्रो !! ऐसे लोगों को क्या सज़ा दी जाए !आप ही बताएं अगर हमारी कोई व्यवस्था खराब भी हो गयी है तो उचित जगह और उचित समय पर ये लोग उसे क्यों नहीं उठाते ??
                              ये आज़ादी नहीं , अतिक्रमण है जनाब !! इनको  बाँधा जाना  आवश्यक है " !!
                                मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
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Tuesday, July 28, 2015

" ये आज़ादी नहीं , अतिक्रमण है जनाब !! इनको बाँधा जाना आवश्यक है " !! - पीताम्बर दत्त शर्मा ( लेखक-विश्लेषक ) मो. न. - 9414657511

माननीय प्रधानमंत्री जी ने भारत की जनता से सुझाव माँगे हैं कि उन्हें बताया जाए कि वो किन-किन विषयों पर भाषण दें ? भारतवासी भरपूर संख्या में अपने सुझाव अवश्य देंगे क्योंकि यही तो एक वो काम है जो हम बड़ी खूबी से करना जानते हैं ! 
                             माननीय मोदी जी !! आप बड़े ही चतुर सुजान हैं ! आप जानते हैं कि इस बहाने से जनता का आक्रोश अगर कुछ होगा तो वो कम हो जाएगा ! इसीलिए आपने ऐसा सोचा है ! तो लीजिये साहेब मेरे सुझाव हाज़िर हैं :-
1. भारत के नागरिकों की आज़ादी को कम किया जाए !क्योंकि हम जब चाहते हैं तभी हम दूसरों के मामले में टांग अड़ा देते हैं !हम जब चाहें काम करते हैं, जब चाहें नहीं करते ! हमें काम पर बैठे हुए भी काम ना करने की आज़ादी है !और तो और हमें किसी को काम नहीं देना भी खूब आता है ! हम किसी भी काम को गंदा, महंगा और देर से भी कर या करवा सकते हैं !
2. हम जब चाहें संत बन सकते हैं और जब चाहें डाकू बन जाएँ !जब चाहें देश-भक्त और जब चाहें गद्दार बन जाएँ !किसी सरकारी एजेंसी को  चलेगा तो पकडे जाएंगे ! पकडे गए तो पंद्रह-बीस साल केस चलेगा ! अगर सज़ा हो भी गयी तो कई मानवीय आधार पर छुड़वा भी सकते हैं !
3. हमारे भारत में तन्त्र और क़ानून ऐसा है कि एक मिनट के काम को सम्पूर्ण होने में बरसों लग जाते हैं और अगर हम ख़ास हैं तो कई देर लगने वाला काम मिनटों में भी हो सकता है !
                            क्या आप भाषण देने की बजाये ये घोषणा नहीं कर सकते कि देश की हर कुव्यवस्था को सुव्यवस्था में बदलने हेतु हम सभी दलों के राष्ट्री,प्रादेशिक नेता अपने सभी सचिवों के साथ दिल्ली के नेहरू स्टेडियम में एक मुश्त होकर बैठेंगे , तब तलक नहीं उठेंगे जब तलक सब विचार-विमर्श करके बदला नहीं जाता और लागू नहीं कर दिया जाता !??????
                              हम अब नहीं  देखना चाहते वो ही 21. तोपों की सलामी , उड़ते रंग-बिरंगे गुबारे और नेताओं के थके हुए चेहरे !!हम देखना चाहते हैं कुछ क्रांतिकारी कदम उठते हुए ! कुछ चलते हुए और आगे बढ़ते हुए !सब प्रकार की रियायतें समाप्त हों जनता की भी और नेताओं की भी !सिर्फ सेना में ही नहीं बल्कि देश के हर काम में एक रैंक और एक तनख्वाह और पेन्शन हो ! अपने आप उंच-नीच का अंतर भी समाप्त हो जाएगा !  वामपंथियों ने अपने मनमाफिक भारत का इतिहास लिखा , अपने मन-माफिक jnu., जामिया-मिलिया-इस्लामिया जैसी यूनिवर्सिटियों में पढ़ाया  !! जिसका नतीजा ये निकला कि चैनलों अखबारों में ऐसे पत्रकार पैदा हो गए जिनको कुछ भी अच्छा नहीं लगता ! और कई ऐसे नेता पैदा हो गए जिनको भारत की संस्कृति अच्छी नहीं लगती ! तो आप भाषण से क्या उखाड़ लोगे साहेब !
  ये आज़ादी नहीं , अतिक्रमण है जनाब !! इनको  बाँधा जाना  आवश्यक है " !!
                                मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !


Sunday, July 26, 2015

" ये आदमी सड़क के और हमारे सरकारी नियम "!!?? - पीताम्बर दत्त शर्मा ( लेखक-विश्लेषक ) मो. न. - 9414657511

पाठक मित्रो ! बहुत वर्षों पहले शत्रुघ्न सिन्हा साहेब की एक फिल्म आई थी , जिसका नाम था " आदमी सड़क का " ! इस फिल्म में उन्होंने निम्न स्तर के लोगों की समस्याएं दिखायीं थीं और ये भी दिखाया था की चाहे वो गरीब हैं लेकिन उनमे ईमानदारी संस्कार और उपकार की भावना बहुत होती है ! श्री देवेन्द्र गोयल की इस फिल्म में पैसों वालों के चरित्र की सच्चाई को  बड़ी खूबी के साथ दिखाया गया था !
                         आज दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री " विष्णु के पन्द्रवें अवतार "केजरीवाल जी को भी सड़क के आदमियों की इतनी याद आई कि उन्होंने भावावेश में बहकर सड़क  नियमों का पालन करवाने वाले ट्रेफिक , होमगार्ड्स और आम पोलिस वालों को " ठुल्ला " शब्द बोल दिया ! भावावेश में बह गए मैं इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि बाद में उन्होंने माफ़ी भी मांग ली , लेकिन सिर्फ ईमानदार पोलिस वालों से ! याद रहे !
                        अब सवाल ये पैदा हो गया कि क्या ये भाषा हमें मान्य है ??तो इसके लिए मेरा कहना ये है कि भाषा का स्तर सबसे पहले हमारे सिनेमा और प्रचार एजेंसियों ने बिगाड़ा ! जब उनको किसी ने नहीं रोका तो नेता लोग भी वैसा ही बोलने लगे ! आजके फ़िल्मी डायलॉग,गाने और कहानियाँ सब इतनी बिगड़ चुकी हैं की पूछिए मत ! जब ऐसी फिल्मे और अड्वर्टइज़्मेंट बनाने वाले लोगों से कोई पूछता भी है तो वो ही घिसा-पिटा तर्क सामने रख्खा जाता है कि हम तो वो ही दिखाते हैं जो समाज में हो रहा है !गंदगी- अच्छाई दोनों समाज में शुरू से हैं और रहेंगी लेकिन अंतर सिर्फ इतना है कि पहले गंदगी छिपायी जाती थी और अच्छाई को उबारा जाता था लेकिन आज गंदगी दिखाई ही नहीं उछाली जा रही है और अच्छाई को छिपाया जा रहा है !  निश्चय ही ये कार्य देश द्रोह में आता है !
                                     भारत में कोई भी कार्य और राजनीती करने वाले अगर देश के दुश्मन देशों से किसी भी प्रकार के पैसे को पाकर ,उसका का प्रयोग समाज को बिगाड़ने का काम करते हैं तो वे भी देश द्रोही हैं ! सज़ा के पात्र हैं ! ऐसे लोगों में से एक माननीय नहीं-नहीं श्री -- नहीं-नहीं ये भी  उचित नहीं उनके लिए मिस्टर केजरीवाल भी यही काम कर रहे हैं ! भारत की व्यवस्था में कोई ना कोई कमी निकाल के अनुचित मांगे रख कर देश का ध्यान तरक्की करने से हटाना ही उनका काम हो गया है ! कोई उनसे पूछे कि आज से पहले जो दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे , वो कोई काम नहीं करते थे ??उन्होंने महिलाओं या सड़क के आदमियों हेतु कोई योजनाएं नहीं बनायीं ??
                           अब कुछ बातें सड़क के लोगों की भी कर लेते हैं जी ! सबसे पहले रेहड़ी वाले , खोमचे वाले , रिक्शा-टेम्पो-गाड़े वाले इनकी बात करते हैं !इनकी गलती ये होती है की ये कहीं भी खड़े हो जाते हैं और कहीं से भी निकल लेते हैं !इनको कोई हटाना चाहे तो ये हट्टे नहीं जहां ये एक बार खड़े हो गए उस जगह को ये अपनी पत्ते-शुदा जगह मान लेते हैं !
                             सरकार सड़क की व्यवस्था हेतु होमगार्ड्स और ट्रेफिक पोलिस वालों की ड्यूटी लगाती है बस यहीं से भ्रष्टाचार शुरू हो जाता है ! ये तरकीब कौन सूझता है और उसे अपनी सहमति कौन देता है ये हर केस में अलग-अलग लोग होते हैं किसी में पोलिस वाला और किसी में रेहड़ी  खोमचे वाला !  " ठुल्ला " कौन हुआ ?? सुझाव मानने वाला या सुझाव बताने वाला ?? हमारा क़ानून तो दोनों को दोषी मानता है ! लेकिन केजरी वाल जी ने सिर्फ पोलिस वालों को ही " ठुल्ला " क्यों कहा ?? ये सोचने की बात है ! वोट तो सबके होते हैं भाई !
                            बात दिल्ली की हो या फिर आपके और हमारे शहर की ये समस्याएं ससुरी एक जैसी ही होतीं हैं !हमारे सूरतगढ़ में भी अगर किसी ने हेलमेट ना पहना हो तो चालान काटने से पहले कुछ लेने-देने की चर्चा अवश्य होती है ! हमारे सूरतगढ़ में भी रेहड़ी वाले अनशन पर बैठे हैं वो चाहते हैं कि उन्हें शहर के उस हिस्से में रेहड़ी लगाने की"मुफ्त" अनुमति प्रदान की जाए जहां दुकानों का रेट करोड़ों में है !लेकिन वो लोग ये गारंटी देने को तैयार नहीं हैं कि उसके बाद में कोई नयी रेहड़ी इस शहर में नहीं लगेगी ! भिखारी,मजमे वाले और पार्किंगवाले भी इसीतरह की समस्याएं कड़ी करते रहते हैं जिस से जनता परेशान हो जाती है ! छोेटे शहरों को बड़ा बनाने हेतु इस तरह के लोगों को एक साथ कंही एडजस्ट करना चाहिए !
                                केजरीवाल जी और उन जैसी सोच रखने वाले नेताओं से विनती है कि वो देश की चाल को रोकने का काम नहीं करें बल्कि चाल कैसे दौड़ में बदले ऐसे काम करें ! दिल्ली पोलिस का और अन्य महकमें बाद में केंद्र से मांगें पहले जो महकमे उनके पास हैं उनमे बढ़िया काम करके दिखाएँ ! अगर उनमे वो बढ़िया सिद्ध हो जायेंगे तो जनता उन्हें महकमे नहीं बल्कि प्रधानमंत्री का पद भी दे सकती है लेकिन बड़े पद हेतु उन्हें अपनी सोच भी बड़ी करनी होगी जी !!

                                      मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...