Thursday, July 30, 2015

मैं"धर्मान्तरण"नहीं करना चाहता बल्कि,धर्मों में आ चुके"अन्तर"को पाटने हेतु "रण" करना चाहता हूँ !- पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विह्लेषक) मो. न. - 9414657511

              आजकल के हालात को देखकर रोज़ाना मन में ख़याल आते हैं कि मेरे लेखन से तो किसी के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही लेकिन अगर कहीं मैं "नायक" फिल्म के नायक अनिल कपूर साहिब की तरह कुछ दिनों हेतु इस देश का प्रधानमन्त्री या राष्ट्रपति नहीं, क्योंकि उनके पास भी सभी काम को तुरन्त कर देने की शक्तियाँ जो नहीं हैं , सो इसीलिए मैं जब तलक "सर्वेसर्वा"न बन जाऊं , तब तक मैं तो दिनों में इस देश के ,सभी गुरुओं,लोकतंत्र के स्तम्भों,और तन्त्र आदि को "दुरुस्त" करके एक वर्ष के प्रयोग हेतु उसे लागू भी कर दूँगा  ! फिर अगर वो सही साबित हो जाए तो वो लागू रहे अन्यथा उसमें फिर बदलाव कर दूँगा !परन्तु ये सपना ही रहेगा , ये भी मुझे मालूम है जी !बात आज की करते हैं !
                    आज गुरु-पूर्णिमा है ! उन सच्चे गुरुओं को सादर नमन करते हुए ये कहना चाहता हूँ कि आज के समय में धर्मों में जो लोगों को जोड़ने की बजाये तोड़ने वाले या अपने धर्म को दुसरे के धर्म से बड़ा साबित करने हेतु प्रयास किये या करवये जा रहे हैं , उन सबको दुरुस्त करने हेतु हमें छद्म गुरुओं को चिन्हित करना होगा !इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र , नेताओं,पत्रकारों,प्रशासन और निर्माण कार्यों के गुरुओं में भी गुरुघंटालों को चिन्हित करना होगा ! 
                     फाँसी तो ऐसे लोगों को दी जानी चाहिए ! क्योंकि " आतंकियों, चोरों और घोटाले बाजों की असली " माताएँ " तो यही "गुरु-घण्टाल"लोग ही हैं ! तभी तो ये कहावत बनी है कि " चोर से पहले उसकी माँ को मारो "!! आज हम दोषियों को तो देर-सवेर फाँसी दे देते हैं कुछ 'भड़वों' के रोने के बावजूद भी लेकिन उनके "गुरु" रुपी माताएं जिहोने उनको बहकाया होता है , वो बाद में फिर अपनी संतानें पैदा कर देती हैं !
                           जैसे कि कल रात ndtv के रवीश कुमार प्राइम-टाइम में अपने दो चतुर मित्रों के संग मिलकर भाजपा और अकालीदल के "भोले"नेताओं से जबरदस्ती अपने शब्द कहलवा रहा था और मेमन की फांसी विषय पर ना केवल धार्मिक उन्माद भड़का रहा था , बल्कि देश का बंटवारा भी करने की भरपूर कोशिश भी कर रहा था!! क्या एक पत्रकार को ऐसा करने का हक़ है ??क्या ये पत्रकारिता का धर्म है ??क्या ये और इन जैसे अन्य लोग बिके हुए हैं,गद्दार हैं या गुरु-घण्टालों की पैदाइश हैं ??भारत का कोई क़ानून किसी को अपना गलत काम करते वक़्त ही पकड़ता और सज़ा क्यों नहीं देता है !शिकायत करने, गवाह मिलने और 20 साल तक बहस करने के बाद भी रात को जाग कर फांसी क्यों देता है ??
                            मैं बार-बार लिख चुका हूँ कि देश की ५-६ यूनिवर्सिटीयों को बंद कर देना चाहिए इनके प्रोफेसरों-प्रबंधकों की जाँच होने चाहिए ! गलत निकलने पर कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए ! मित्रो !! आज गुरु पूर्णिमा के दिन प्रण कीजिये कि आप सच्चा गुरु तलाश करके ही किसी प्रकार की शिक्षा ग्रहण करेंगे किसी गुरु-घण्टाल का शिष्य नहीं बनेंगे !सच्चे गुरु को ही अपना सर्वस्व सौंपना चाहिए !किसी फरेबी को नहीं !
                                ये आज़ादी नहीं , अतिक्रमण है जनाब !! इनको  बाँधा जाना  आवश्यक है " !!
                                मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !

No comments:

Post a Comment

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...