खोजी प्रकृति के दोस्तों नमस्कार ! इंसान सदियों से सत्य की खोज करने की कोशिश और नाटक दोनों एक साथ कर रहा है | कभी ये स्वयं मूर्ख बन जाता है ,तो कभी दूसरों को मूर्ख बना लेता है ..!! हर कोई जोर शोर से प्रचार करता है की वो अपना काम पूरी इमानदारी से कर रहा है | जनता एक दुसरे को अपनी बुध्धिनुसार तोलती है उसे जिस से उसे कोई काम होता है | स्वयं से सम्बंधित कार्य में इन्सान खुद निर्णय लेता है और ज्यादा लोगों से सम्बंधित कार्यों हेतु बहुमत से निर्णय लिया जाता है | यही प्रथा संसार में हजारों सालों से चली आ रही है | पहले राजा लोग स्वयं रात को भेष बदल कर जनता के हाल - चाल की खोज निकालते थे , या फिर अपने विश्वासपात्र जासूसों से पता लगवाते थे | आज लोकतंत्र में प्रधान - मंत्री को तो समय ही नहीं होता रात को भेष बदल कर जन - भावना जानने का , वो अपने मंत्रियों और ख़ुफ़िया एजेंसियों पर निर्भर रहते हैं | कई पत्रकारों पर भी उनकी " विशेष " कृपा रहती है , सो वो पत्रकार अपने आपको खोजी - पत्रकार कहते थे , और वो पी.एम्. को अपनी खोज के बारे में बताते थे और अपने मुंह से शेखियां भी बघारते रहते थे की मैं अमेरिका जा रहा हूँ .....आदि - आदि | मंत्री मंडल के मंत्री अपने बारे में ही खोज करवाते रहते हैं ...??? कि उनका ग्राफ जनता की नज़र में कंहा पंहुचा ...?? खुफिया एजंसियां बहुत व्यस्त और आलसी दोनों हो गयी हैं ..? इसी लिए देश में क्या हो रहा है पी.एम्. को सबके बाद में पता चलता है .उनके मंत्री लाखों का माल सेंकडों में बेच देते हैं और सारी रकम गठबंधन पार्टियों के खजाने में पंहुचा दी जाती है ...??? तब भी उन्हें पता नहीं चलता ....जय हो !अब " अन्ना -मण्डली " और " सोनिया - मण्डली " में से सच्चा कौन है ??? इसका पता नहीं चल रहा " जनता " को , दोनों एक दुसरे को चोर और झूठा बता रहे हैं ... दोनों के नकली - असली सपोर्टर भी भारी संख्या में हैं ..?? जनता बेचारी चेतना शून्य हुई पड़ी है ...??? उसे समझ में नहीं आ रहा कि किसके साथ जाए ...अन्नाजी के साथ ...या सोनिया जी कि मण्डली के साथ ..????? इस लिए सभी खोजी पत्रकारों से मेरी ये करबद्ध प्रार्थना है कि " सच " खोज के लाओ और जनता को बताओ | ताकि पता चले कि अन्ना मण्डली किन व्यापारियों की कर्मचारी है और सोनिया मण्डली में कौन " अली बाबा " और कौन - कौन से ४० चोर हैं ...???? आलस्य त्यागो खोजी पत्रकारों जनता को सत्य से अवगत करवाओ क्योंकि ये भी एक प्रकार की देश भक्ति है ...??????? भगवान आपको शक्ति और सदबुध्धि दे ! राजीव शुक्ला और अरुण शोरी जी जैसा न बनाए ! बोलो --- भारत ---माता ---- की ---- जय !!!!!!!!!!!!
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
प्रिय पाठक मित्रो ! सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...
-
मेरे प्रिय " हंस - हंस्नियो मित्रो , धवल - शुद्ध नमस्कार !!! दलीप कुमार साहिब की एक फिल्म थी ,जिसमे हिन्दू...
-
" झीनी चादर " अपने जीवन में ओढने वाले सभी मित्रों को मेरा सादर नमस्कार !! कबीर जी कहते हैं ,जब हम पैदा हुए ,...
-
भारतीय संस्कृति के अनुसार , जब से ये सृष्टि रची गयी है ,लगभग तभी से धर्म के नाम पर तथाकथित धर्म चलाने वालों द्वारा ही अपराध किये या करवाये ...
शुभ दीपावली
ReplyDelete