सरकारी आनंद उठा रहे दोस्तों, मजेदार नमस्कार !! पिछले कुछ समय से कई प्रकार के भ्रष्टाचार की चर्चा देश में चल रही है ...|" अन्ना मण्डली "और जनता " जन - लोकपाल " चाहती है तो कांग्रेस और यु.पी.ए. " सरकारी या राहुल वाला लोक - पाल" चाहती है | सभी मान रहे हैं की रिश्वत दे कर भारत में कोई भी काम करवाया जा सकता है ?? सभी प्रकार की रिश्वत के बारे में चर्चा हो चुकी और सुझाव भी आ गए ...? लकिन " सरकारी - रिश्वत " के बारे में कोई नहीं बोल रहा , न अन्ना मण्डली और न ही सरकारी मण्डली ...क्यों.... ?? ......कारण स्पष्ट है | कोई नहीं चाहता कि ये रिश्वत मिलनी बंद हो ...?? क्योंकि ये कितने प्रकार की हो सकती है अभी इस पर ही रिसर्च होनी बाकी है ......?? क्योंकि रिश्वत के प्रयावाची " नियुक्ति, पदवी , सन्मान ,अलाटमेंट और नकद राशि " भी तो है ....?? एक मेडल के पीछे लोग क्या कुछ नहीं कर गुज़रते ? ......कई बार तो मुझे लगता है की हम नाहक ही अपने आपको बुद्धिमान समझने लग जाते हैं ...??? वास्तव में हमें रोज़ ही कोई न कोई मुर्ख बना कर अपना पेट भरता है ....??? और मज़े की बात ये है कि कोई भी " भूखे - पेट " नहीं सोता ...?? आ -- गया -- न -- मज़ा !! ........ बोलो ......जय....श्री....राम......!!!! क्योंकि....राम ...नाम....ही.....सत्य....है.......??????
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
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