Tuesday, November 29, 2011

" मुझे ठेका दे दो .......पूरे हिन्दुस्तान का " .....! !

सभी ठेकेदार मित्रो , अधिक बनाये हुए फर्जी बिल की तरह ज्यादा प्यार भरा नमस्कार !! दोस्तों वैसे तो मैं एक साधारण सा आदमी हूँ , लेकिन सोचता बड़ा हूँ और लिखता भी बड़ा हूँ !! मेरे एक मित्र ने एक दिन मुझसे पुछा की यार तुम्हारे घर में कभी लड़ने की आवाज़ नहीं आती , हमारे घर तो हर बात पर पत्नी से सर फुतोवल की नौबत बनी रहती है | तो मैंने उस मित्र को बताया की भाई देखो , हमने अपने अपने काम और उसका क्षेत्र बाँट रखे हैं , छोटे - मोटे कामों में मैं दखल नहीं देता और बड़े कामों और फैसलों में मेरी पत्नी नहीं बोलती | मेरे मित्र की  और जिज्ञासा जाग गयी ,वो बोला ..बताओ कौन कौन काम कैसे कैसे बांटे हैं , मैं बोला की जैसे बर्तन किसने धोने हैं , सफाई किसने करनी है और कपडे किसने धोने हैं या रोटी किसने बनानी है ,ऐसे कामों में मैं नहीं बोलता बस मैं चुप - चाप कर देता हूँ और अमेरिका की अर्थ निति कैसे चलेगी , इंग्लॅण्ड का प्रधानमंत्री कौन बनेगा और भारत की तरफ से पाकिस्तान कौन जायेगा आदि बड़े कामों में मेरी पत्नी नहीं बोलती बस मैं ही निर्णय करता हूँ ! तो साहिब ऐसी बातें करते करते मैं सो गया और एक सपना देखा रात को जो मैं आप सब मित्रों में बाँट रहा हूँ , आशा है की आपको भी पसंद आएगा !! हमारे प्रधानमंत्री विदेशी सौदागरों को काम बाँट रहे हैं इसी भावना के तहत मैं भी एक प्रार्थना - पत्र लेकर अपने मनमोहन जी के पास पंहुचा , और बोला की साहिब भारतियों से तो आजकल कोई काम होता नहीं इसलिए आप म्न्रेगा के तहत खाली बिठा कर मजदूरों को १०० रूपये दे रहे हो और वो निठ्ठले हो रहे हैं | आठवीं कक्षा तक बिना पढ़े ही पास कर रहे हो अच्छी दुश्मनी निकल रहे हो, देश का भविष्य कैसे उज्जवल हो पायेगा ?? सरदार जी बोले की देश का भविष्य बनाना किसको है , सोनिया जी का कहना है , सारा माल आपस में बाँट कर खाना है और विदेशियों को एक बार फिर भारत सौंपना है !!?? तो मैं बोला साहिब ! आप मुझे ही ठेका देदो इस देश का , आप लोगों को बोल देना की ये देश को सुधार देगा , सारा मिडिया आपका खरीदा हुआ है इसलिए वो आपकी हाँ में हाँ मिलाएगा ही , और ये N.G.O. किस दिन काम आयेंगे ?? विपक्षी पार्टियों की कमज़ोर नस आपके हाथ में है ही , बस कोई नहीं बोलेगा !! आप जैसे कहोगे मैं वैसे ही कर दूंगा !! ये बुद्धिजीवी थोड़ी देर हो - हल्ला मचाएंगे फिर चुप हो जायेंगे ?? साहिब बोले ठीक है पहले तुम ये बताओ की क्या करोगे ,  मैं बोला साहिब मैं सब से पहले देश और दुनिया को सबोधित करूँगा की मैं देश में पूरे बदलाव लाना चाहता हूँ इस लिए सभी मेरा सहयोग करें , फिर मैं सारे विदेशियों को ६ महीने हेतु देश से बाहर भेज दूंगा , सभी देश वासियों की अलग - अलग लिस्ट बनाऊंगा की कौन बेरोजगार है और वो क्या काम कर सकता है , उनसे वोही काम करवाऊंगा , जोकुछ नहीं जानते उन्हें वो ही सिखाऊंगा जिसकी देश को जरूरत है ! देश में वोही पाठ्यक्रम चलेगा जिसके प्रशिक्षकों की देश को जरूरत होगी | 90% पारदर्शिता लाऊंगा हर सरकारी कार्यक्रम में ! मैं पाकिस्तान , बंगलादेश ,श्रीलंका , नेपाल ,और भुत्तान को सारा भारत दे दूंगा और उस बड़े देश के एक प्रधान मंत्री और ५ उप - प्रधान मंत्री होंगे ! सब के समान अधिकार होंगे ! सेना को और मज़बूत बनाऊंगा ! टेक्स प्रणाली साधारण करूँगा !! किसी भी धर्म का कोई भी प्रदर्शन घर से बाहर नहीं होगा !! केवल अपने घर में ही जो जिसकी चाहे जैसे चाहे वैसे पूजा कर सकेगा और मौजूदा धार्मिक स्थलों आदि को शिक्षा स्थलों या अस्पतालों में बदल दूंगा !! हर व्यक्ति को 8. घंटे काम करना जरूरी होगा ! सबको 58.साल बाद रिटायर्मेंट और पेंशन दूंगा !प्रत्येक सरकारी कार्य को समयावधि में बाँध दूंगा !! किसी विदेशी को स्थायी तोर पर भारत में नहीं रहने दूंगा !! और भारत के सभी नए और पुराने देश भक्तों और शहीदों की जानकारी भारत सहित विदेशों में भी भेजूंगा !!   सरदार मनमोहन सिघ जी बोले अरे वाह !! मुझे पागल कुत्ते ने काटा है की तुम्हे फ्री में ठेका दूंगा ?? तेरे कहने पे देश में तो समस्या ही नहीं रहेगी तो हमें कौन पूछेगा ??? इसलिए चल भाग .....आया था मुझे बेवकूफ बनाने ? मैं बोला सरदार जी , आएगा वो भी समय जब कोई मेरे विचारों वाला इस देश की सत्ता को संभालेगा , और तब ये देश दुबारा " सोने की चिड़िया बनेगा ?? अब तो लोग शरीफ आदमी को ये समझ कर वोट ही नहीं देते की ये कौन सा जीत पायेगा ?? लेकिन जल्द ही देशवासी ऐसे ही दृढ इच्छा शक्ति वालों को ढूंढ कर जिताएंगे और वो लोग एक ही संसद की बैठक में एक साथ ये सारे प्रस्ताव पास करके ही उठेंगे ????  बोलो ...JAI...SRI...RAAM...!!!  

1 comment:

  1. .भगवान् करे आप जैसे लोग के हाथो में ही देश का भविष्य हो जाये.

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

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