Thursday, July 16, 2015

"आँखों में धुल झोंको !और ऐश करो !! यही आज का तक़ाज़ा है जी " !!??-पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511

कोई ज़माना था सतयुग का , जब लोग तपस्या करके तुरंत भगवान से वर प्राप्त कर लिया करते थे !और फिर अपना जीवन आनंद से गुज़ार देते थे !फिर ज़माना बदला, राक्षस लोग आ गए ! उन्होंने तपस्या करके तुरंत वरदान प्राप्त करके अत्याचार करना शुरू कर दिया ,तो भगवान परेशान होने लगे ! ब्रह्मा और शिव जी जैसे भोले भण्डारी उन राक्षसों के जाल में आसानी से फंसने लगे !
                                     फिर त्रेता आया , भगवान तरह-तरह के अवतार लेकर ताक़त का दुरपयोग करने वाले राक्षसों का उद्धार करने लगे ! देवताओं को कई बार राक्षसों के चुंगल से भगवान विष्णु ने " मोहिनी" रूप धर के बचाया !यानी स्त्री प्रेम करने की भावना का नाज़ायज़ फायदा उठाना सिखाया !इस दौरान इंद्र के सिंघासन पर कब्ज़ा कर शासन करने की लालसा भी जग चुकी थी ! इंद्र भी अपनी गद्दी को बचाने हेतु प्रयासरत लोगों को बरगलाने हेतु अप्सराओं को भेजा करता था !
                            फिर द्वापर युग आया जिसमे भगवान कृष्ण ने अपनी लीलाएं दिखायीं जन्म से बचपन , बचपन से जवाानी और फिर जवानी से अवतार की उम्र के अंत तक भगवान श्री कृष्ण ने अपनी 16 कलाएं ना केवल दिखा दीं बल्कि लोगों को सीखा भी दीं !जिनमे गद्दारी, मक्कारी , राजनीती, कूटनीति,प्रेम प्यार, युद्ध, जीवन आदर्श और रासलीला-बाललीला मुख्य थीं !झूठ में सच मिला कर बोलना ,  विश्वास में धोखा मिलाकर मारना और ऊँगली टेढ़ी करके घी निकलना भी भगवान श्री कृष्ण ने ही हमें सिखाया !
                                   अब कलयुग आधा आकर चला गया है और आधा अभी और आना बाकी है ! आज जोकुछ भी देख सुन कर हम लोग परेशान हुए जा रहे हैं , आगे आने वाले समय में तो और भी अन्याय होंगे और भी क्रूर अपराध होंगे जी !तब क्या होगा ??आज हम देख रहे हैं कि चाहे कोई भी क्षेत्र हो जीवन का सब जगह एक ही फार्मूला चल रहा है कि सामने वाले की आँखों में धुल झोंको और ऐश करो !
                        कल हमारे नगर सूरतगढ़ में राहुल गांधी जी आये ! जी हाँ वही राहुल गांधी जी , जो 56 दिनों की छुट्टी पर जाकर ना जाने कौन-कौन से सबक सीख कर आये हैं सी-सी-सी-सी-$$$$करके !यहां अपने कार्यकर्ताओं को कह गए कि जो भी कार्यकर्त्ता जनहित हेतु सड़क पर ज्यादा उतरेगा , वो ही आगे चल कर शासन  हिस्सेदार या दावेदार बनेगा !अब कोई उनसे पूछे कि राहुल जी आगामी प्रधानमंत्री का पद तो आप देने से रहे ,चाहे कोई कितनी भी मेहनत करले क्यों ?बस जी !!"आँखों में धुल झोंको !और ऐश करो !! यही आज का तक़ाज़ा है जी " !!??
                    बाद में कहदेंगे कि मैं तो मज़ाक कर रहा था तो भला हम उनका क्या बिगाड़ लेंगे ??अन्ना हज़ारे जी को तो आपने अभी तलक कुछ बनाया नहीं है आपने , वो भी तो आपके "विशेष" कार्यकर्त्ता हैं राहुल जी !!???
                            आपका क्या कहना है मित्रो ! आप अपने अनमोल विचारों को मेरे ब्लॉग पर आकर लिखने का कष्ट अवश्य करें ! और अगर आपको मेरे ये विचार पसंद आएं तो इस लेख को शेयर भी करें ! सधन्यवाद !
                                 आपको बरसात के सुहाने मौसम की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां ! मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !

2 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (18-07-2015) को "कुछ नियमित लिंक और आ.श्यामल सुमन की पोस्ट का विश्लेषण" {चर्चा अंक - 2040} पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

    ReplyDelete
  2. Very nice post ...
    Welcome to my blog on my new post.

    ReplyDelete

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...