Sunday, July 19, 2015

" लो जी ! शुरू होने जा रही है संसद में राजनितिक सर्कस ! जोकर बनेंगे वामपंथी ,समाजवादी व सेकुलर रोग से पीड़ित पत्रकार और नेता "!- पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)- 9414657511

संसद का आनेवाला मानसून सत्र देश की कोई समस्या हल हेतु नहीं होने जा रहा है बल्कि सरकारी पक्ष अपनी इज़्ज़त बचाने और सारा विपक्ष इस सरकार की बची-खुची इज्जत लूटने का काम करेगा ! सभी राजनितिक दलों ने प्रेस-कांफ्रेंस बुलाकर अपनी-अपनी मंशाएं भी जगज़ाहिर कर दीं हैं !अंदरखाने गहरी चर्चाएं भी चल रही हैं कि कुल 5 नहीं तो 2 त्यागपत्र तो हो ही जायेंगे इस स्तर के अंत तक !?
                          वसुंधरा जी और शिवराज सिंह जी तो अपनी सफाई पार्टी अध्यक्ष जी को दे आये हैं लेकिन सुषमा जी और महाराष्ट्र की युवा महिला नेता पंकजा मूंडे जी का क्या बना ??कोई नहीं जानता इनके बारे में कांग्रेस और सरकार दोनों शांत हैं इसीलिए ये दोनों महिला नेता भी "चुप" बैठकर हालात सामान्य होने का इंतज़ार कर रही हैं !
                                अपने राहुल गांधी जी , जो आजकल कई प्रदेशों में किसानों के साथ , महिलाओं के साथ और मजदूरों के साथ " फोटो-सेशन" करवाकर अपने आपको देश का भावी U.P.A.प्रधानमंत्री घोषित करवाने की फ़िराक में हैं ! लेकिन हाय री किस्मत इतने लम्बे-लम्बे डायलॉग बोलने के बाद भी उनकी अपनी पार्टी ने उन्हें अभी तलक अपना बड़ा नेता ना मानने का बयान दिया है ! उनकी ताजपोशी माता सोनिया जी के इशारे पर रुक गयी है ! यानिकि कुर्सी की लड़ाई घर में ही नहीं सुलझी है !
                           उधर जिनको किस्मत की करामात से दिल्ली जैसे छोटे से प्रदेश की गद्दी भारी बहुमत से मिल गयी है , वो केजरीवाल जी अपने खिलाफ कोई बात किसी से भी नहीं सुनना चाहते हैं !वो फरमाते हैं कि हमें "जनता"बहुत पसंद करती है ! विपक्ष और मीडिया चाहे जो कहे ! उस पर तुर्रा ये कि जिससे हर काम हेतु पैसा लेना है उसी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं ! और तो और दिल्ली की विधान सभा में वो केंद्र सरकार के खिलाफ राजनितिक बयान दे रहे होते हैं !!गज़ब है मित्रो इनकी राजनीति भी !इनके तो वो हाल हैं कि "चलते-चलते पाँव के नीचे चुहिया क्या आगयी ? लगे अपने "आप"को शिकारी समझने !!कभी कहते हैं पंजाब जाकर रायता फैलाएंगे तो कभी उत्तर-प्रदेश या बिहार जाने की बात करते हैं !
                        उधर इनके गुरु अन्ना जी भी एक बार फिर धरना देंगे क्योंकि उनको भी समाचारों में बने रहने की लत लग गयी है !इस देश के वामपंथियों के बारे में सारा देश उनकी असलियत जान गया है , इसीलिए भारत के किसी भी प्रदेश में उनके लिए कोई स्थान नहीं है २ प्रदेशों को छोड़ कर !इन्होने कांग्रेस का माल खा कर देश की सभी मुख्य जगहों पर अपने आदमी घुसा दिए हैं, जो भारतीय संस्कृति को दूषित करने में लगे हुए हैं ! FTII और IIT.इसके मुख्य उदाहरण हैं !देश की कई युनिवर्सिटियों और पत्रकारों में भी इनके आदमी बैठे हैं जो देश विरोधी काम कर रहे हैं !इसीलिए इन्होने अब नयी तकनीक अपनायी है ! ये अब "आप" जैसी कई पार्टिया और संगठन बनाकर देश को तोड़ने का काम करेंगे ! जनता को सचेत हो जाना चाहिए !
                                   होना तो ये चाहिए था कि देश की मुख्य समस्याओं पर सभी राजनितिक दलों के नेता संसद में गहन चर्चा कर जनहित की योजनाएं बनाते, उनको लागू करवाने हेतु कारगर तंत्र स्थापित किया जाए ! लेकिन वाह रे नेताओ ! अपनी तनख्वाह बढ़ने हेतु तो आश्चर्यजनक रूप से इकठ्ठे हो जाते हैं ! लेकिन  जनता हेतु सर्कस करने लग जाते हो ! अरे एहसान फरा मोशो !! कुछ तो शर्म करो !
                            हमारे देश के मीडिया के बारे में तो बस मैं इतना ही कहूँगा कि ये पत्रकार हैं ही नहीं ! फ़र्ज़ी कॉलेजों से फ़र्ज़ी डिग्रियां लेकर अपने आकाओं को खुश करने वाले " मसाजर " हैं ! इन्हें क्या पता कि पत्रकारिता होती क्या चीज़ है ???

                                   
 आपको बरसात के सुहाने मौसम की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां ! मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !

5 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (21-07-2015) को "कौवा मोती खायेगा...?" (चर्चा अंक-2043) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. अच्छा है पर चाहें जो कह लीजिए वो वही करते रहेंगे कभी नहीं बदलेंगे

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  3. नामुमकिन है बदलना !!

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  4. संसद की तो बाद में चर्चा करेंगे - वैसे भी हमारे देश में प्लानिंन्ग तो वर्ल्ड क्लास ही होती है. सारा खेल तो कार्यपालन में ही तो है. वो पुल के सौ परसेंट से बना मकान!!!!!

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  5. मौजे ही मौजे हैं साहब, बहुत दिन से इन्तजार रहता है इस दिन का,कि अधिवेशन चालू हो , करना क्या है?दैनिक भत्ता चालू गया, खुद व मेहमानो के साथ सब्सिडी का नाश्ता कर कुछ देर के लिए अंदर बैठक में जाना है, हंगामा करना है , खींसे निपोरते बाहर आ लॉबी में सोफों पर पसर कर आपस में बतियाना है , जो अंदर लड़ रहे थे वे बाहर हाथ मिला कर गपिया रहे होंगे , फिर मेहमानों, मित्रों के साथ सब्सिडी का लंच करेंगे ,वापिस सदन में जा कर थोड़ी देर में हल्ला गुल्ला कर बैठक स्थगित करा कर , लॉबी में खिलखिलाएंगे , सब्सिडी की चाय नाश्ता करेंगे, फिर सदन में जा कर धरना दे कर या बेल में शोर मचा कर सदन की बैठक अगले दिन के लिए स्थगित करा लौट आएंगे , शाम को संसद कैंटीन में फिर डिनर लेने पहुँच जायेंगे
    लॉबी में सब एक हैं , हंगामा कर जनता को बेवकूफ बनाना उनकी फितरत है ,मन ही मन प्रसन्न हैं कि एक बार फिर हम ने जनता को उल्लू बनाया ,सरकार किसी भी दल की क्यों न हो ,विपक्ष में कोई सा भी दाल क्यों न बैठा हो , जीवन चर्या यही ही रहती है , जनता कानून, विकास के लिए तरसती रहे , लेकिन इन नाकारों को कोई शर्म नहीं , कोई चिंता नहीं इन्होने नहीं बदलना है नहीं बदलेंगे , गरीब जनता पूरा वेतन भी बेशक भूखी रहे पर करोड़पति सांसद सब्सिडी का खा कर जनता के पेट पर लात मारते रहेंगे ,पर हम भी कुछ नहीं कर सकते , बड़ी लाचारी है क्योंकि ये सब तो एक ही कुम्हार के निर्मित चिकने घड़े हैं

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...