" तालमेल बिठाने में माहिर ,सभी मित्रों को मेरा. सादर नमस्कार !!
हमारे दादा जी कहा करते थे कि " जो सबके साथ तालमेल बिठाने की कला जानता हो, वो इमानदार हो , ये जरूरी नहीं होता" !! तक़रीबन हर राजनितिक दल में कई ऐसे " माहिर " लोग पाए जाते हैं !! ऐसे लोगों को बड़े महत्वपूरण पद भी सोंपे जाते हैं ! ऐसे लोग उस" बन्दर " के वंशज होते हैं,जिसने दो लडती हुई " बिल्लियों " में तालमेल बिठाया था ! ये अलग बात है कि वो बन्दर उनकी सारी "रोटियाँ" खा गया था !!
हर राजनितिक दल का एक संगठन होता है,जो जनता को कुछ विशेष " उद्देश्य व विचार " बताकर अपनी राजनीती चलाता है ! उन्ही उद्देश्यों और विचारों से सहमत लोग उसके कार्यकर्त्ता बनते है तथा उस राजनितिक दल को तन,मन,धन से रात दिन मेहनत करके कार्यकर्त्ता अपने नेताओं को जिताते हैं, तब कंही जाकर उस पार्टी की इस देश में सरकार बनती है !!
पहले वाले नेता अपने कार्यकर्ताओं का पूरा-पूरा ध्यान रखते थे और अपनी पार्टी की " रीती-नीति " पर कायम रहते थे !! परंतू आजकल के नेता.............इनपर जितना थूको , उतना कम है !! ससुरे रोज़ , जनता का एक " भ्रम " तोड़ देते हैं !!
आज ज्यादातर कार्यकर्ताओं का मन ही नहीं करता किसी नेता या पार्टी हेतु समर्पण भाव से काम करने हेतु !! कोई कार्यकर्त्ता " थक-हार" कर अपने घर बैठ गया है तो कोई पार्टी में रहकर " संघर्ष " कर रहा है ! क्योंकि "आस" पर ही तो जीवन टिका है !! किन्तु बेशर्म,घाघऔर बेईमान नेता ऐसे साफ़गोई छवि वाले कार्यकर्त्ता को ही बोलते हैं कि " अगर नहीं पसंद तो पार्टी छोड़ दो " .....!! हम पूछना चाहते हैं उन नेताओं से कि " क्या पार्टी तुम्हारे बाप की जागीर है".......?????
ऐसी स्थिति देश के लगभग सभी राजनितिक दलों में हो चुकी है ! " निष्ठावान " कार्यकर्त्ता और इस देश की सारी जनता हैरान-परेशान है !! असमंजस की स्थिति हो गयी है,इस भारत देश की !! इन्ही परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए "5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " नामक," सोशल मिडिया,इंटरनेट ब्लॉग-प्रेस " के ज़रिये, इस ब्लॉग के लेखक पीताम्बर दत्त शर्मा और उनकी टीम ने ये " कार्य " अपने कन्धों पर लिया है की भारत के सभी राजनितिक दलों के " निष्क्रिय हो चुके निष्ठावान कार्यकर्त्ता " को दुबारा से जागृत कर व उसमे नया जोश भर के फिरसे देशहित हेतु खडा करेंगे !!
आप सभी मित्रों से प्रार्थना है कि आप भी सभी काम छोड़कर , हमारे इस मिशन में जुड़ें और अपना तन-मन व धन से सहयोग करें !! हमारे इस लेख को ज्यादा से ज्यादा मित्रों को शेयर करें !! अपने अनमोल कोमेंट्स भी इसी ब्लॉग पर आकर लिखें!! अगर आप लेखक हैं,तो भी आप हमारे साथ जुड़ सकते हैं इस ब्लॉग को " ज्वाइन " करके !!
साथ लगे चित्र में सभी कान्टेक्ट लिखे हैं !!
इसीलिए हमने दिनांक 23 दिसंबर 2012 ,रविवार को प्रातः 11-00 बजे अग्रवाल धर्मशाला में एक कार्यक्रम भी रख्खा है , जिसका नाम है.......
" कार्यकर्त्ता सम्मलेन व विचार-गोष्ठी "
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जिसका विषय है:- कार्यकर्त्ता-संगठन-पार्टी और नेता में आपसी ताल-मेल !!
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सभी राजनितिक दलों के कार्यकर्त्ता सादर आमंत्रित हैं !!
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नोट:- कृपया नेता और उनके भगत ना पधारें !!
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हमारे दादा जी कहा करते थे कि " जो सबके साथ तालमेल बिठाने की कला जानता हो, वो इमानदार हो , ये जरूरी नहीं होता" !! तक़रीबन हर राजनितिक दल में कई ऐसे " माहिर " लोग पाए जाते हैं !! ऐसे लोगों को बड़े महत्वपूरण पद भी सोंपे जाते हैं ! ऐसे लोग उस" बन्दर " के वंशज होते हैं,जिसने दो लडती हुई " बिल्लियों " में तालमेल बिठाया था ! ये अलग बात है कि वो बन्दर उनकी सारी "रोटियाँ" खा गया था !!
हर राजनितिक दल का एक संगठन होता है,जो जनता को कुछ विशेष " उद्देश्य व विचार " बताकर अपनी राजनीती चलाता है ! उन्ही उद्देश्यों और विचारों से सहमत लोग उसके कार्यकर्त्ता बनते है तथा उस राजनितिक दल को तन,मन,धन से रात दिन मेहनत करके कार्यकर्त्ता अपने नेताओं को जिताते हैं, तब कंही जाकर उस पार्टी की इस देश में सरकार बनती है !!
पहले वाले नेता अपने कार्यकर्ताओं का पूरा-पूरा ध्यान रखते थे और अपनी पार्टी की " रीती-नीति " पर कायम रहते थे !! परंतू आजकल के नेता.............इनपर जितना थूको , उतना कम है !! ससुरे रोज़ , जनता का एक " भ्रम " तोड़ देते हैं !!
आज ज्यादातर कार्यकर्ताओं का मन ही नहीं करता किसी नेता या पार्टी हेतु समर्पण भाव से काम करने हेतु !! कोई कार्यकर्त्ता " थक-हार" कर अपने घर बैठ गया है तो कोई पार्टी में रहकर " संघर्ष " कर रहा है ! क्योंकि "आस" पर ही तो जीवन टिका है !! किन्तु बेशर्म,घाघऔर बेईमान नेता ऐसे साफ़गोई छवि वाले कार्यकर्त्ता को ही बोलते हैं कि " अगर नहीं पसंद तो पार्टी छोड़ दो " .....!! हम पूछना चाहते हैं उन नेताओं से कि " क्या पार्टी तुम्हारे बाप की जागीर है".......?????
ऐसी स्थिति देश के लगभग सभी राजनितिक दलों में हो चुकी है ! " निष्ठावान " कार्यकर्त्ता और इस देश की सारी जनता हैरान-परेशान है !! असमंजस की स्थिति हो गयी है,इस भारत देश की !! इन्ही परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए "5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " नामक," सोशल मिडिया,इंटरनेट ब्लॉग-प्रेस " के ज़रिये, इस ब्लॉग के लेखक पीताम्बर दत्त शर्मा और उनकी टीम ने ये " कार्य " अपने कन्धों पर लिया है की भारत के सभी राजनितिक दलों के " निष्क्रिय हो चुके निष्ठावान कार्यकर्त्ता " को दुबारा से जागृत कर व उसमे नया जोश भर के फिरसे देशहित हेतु खडा करेंगे !!
आप सभी मित्रों से प्रार्थना है कि आप भी सभी काम छोड़कर , हमारे इस मिशन में जुड़ें और अपना तन-मन व धन से सहयोग करें !! हमारे इस लेख को ज्यादा से ज्यादा मित्रों को शेयर करें !! अपने अनमोल कोमेंट्स भी इसी ब्लॉग पर आकर लिखें!! अगर आप लेखक हैं,तो भी आप हमारे साथ जुड़ सकते हैं इस ब्लॉग को " ज्वाइन " करके !!
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इसीलिए हमने दिनांक 23 दिसंबर 2012 ,रविवार को प्रातः 11-00 बजे अग्रवाल धर्मशाला में एक कार्यक्रम भी रख्खा है , जिसका नाम है.......
" कार्यकर्त्ता सम्मलेन व विचार-गोष्ठी "
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जिसका विषय है:- कार्यकर्त्ता-संगठन-पार्टी और नेता में आपसी ताल-मेल !!
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सभी राजनितिक दलों के कार्यकर्त्ता सादर आमंत्रित हैं !!
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नोट:- कृपया नेता और उनके भगत ना पधारें !!
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