रविकर की कामना, चतुर्दिक प्रेम हर्ष हो-
मंगलमय नव वर्ष हो, फैले धवल उजास ।
आस पूर्ण होवें सभी, बढ़े आत्म-विश्वास ।
बढ़े आत्म-विश्वास, रास सन तेरह आये ।
शुभ शुभ हो हर घड़ी, जिन्दगी नित मुस्काये ।
रविकर की कामना, चतुर्दिक प्रेम हर्ष हो ।
सुख-शान्ति सौहार्द, मंगलमय नव वर्ष हो ।।
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दाम, दामिनी दमन, दम, दंगा दपु दामाद ।
दरबारी दरवेश दुर, दुर्जन जिंदाबाद ।
दुर्जन जिंदाबाद, अनर्गल भाषण-बाजी ।
कर शब्दों से रेप, स्वयंभू बनते गाजी ।
बारह, बारह बजा, बीतती जाय यामिनी ।
नए वर्ष में शपथ, मरे नहीं मित्र दामिनी ।।
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विनम्र श्रद्धांजलि
ताड़ो नीयत दुष्ट की, पहचानो पशु-व्याल |
मित्र-सेक्स विपरीत गर, रखो अपेक्षित ख्याल |
रखो अपेक्षित ख्याल, पिता पति पुत्र सरीखे।
बनकर सच्चा मित्र, हिफाजत करना सीखे || एक घरी का स्वार्थ, जिन्दगी नहीं उजाड़ो |
जोखिम चलो बराय, मुसीबत झटपट ताड़ो ||
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बलात्कार के बाद की ज़लालत
Virendra Kumar Sharma at कबीरा खडा़ बाज़ार में -11 minutes ago
यह तो है बेहूदगी, होय दुबारा रेप । सड़ी व्यवस्था टेस्ट की, गया डाक्टर खेप । गया डाक्टर खेप, योनि में ऊँगली डाले । सम्भावना का खेल, गलत ही पता लगा ले । बार बार बालात, नहीं यह रविकर सोहै । रीति चुनो आधुनिक, बेहूदगी यह तो है । |
अस्त-व्यस्त नेटवर्क, ग्राम में बहुत व्यस्त था-रविकर
सादर नमस्ते
विदा 2012
स्वागत है 2013
"क्षमा"
व्यस्त बहुत रविकर रहा, कुहरा पाला शीत ।
दो डिग्री था न्यूनतम, यू पी से भयभीत ।
यू पी से भयभीत, भाग के झारखंड में ।
नौ डिग्री में मौज, मजे से आज ठण्ड में ।
लम्बा यह व्यवधान, कर्म में किन्तु मस्त था ।
अस्त-व्यस्त नेटवर्क, ग्राम में बहुत व्यस्त था ।।
कर्तव्य पथ
विसराता मनुष्य ।
अधिकार पर
हर्षाता युग ।।
निकृष्ट जीवन
आत्मा अशुद्ध
भूलता यथार्थ
अनर्गलता पुष्ट ।।
चेतो रे चश्मों
बहाओ प्रेमनीर
देखने को हर्षित
नववर्ष है अधीर ।।
शुभकामनायें
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