Tuesday, December 25, 2012

" सरकार के भोंपू, ये आधुनिक....पत्रकार "...??

                  किसी का साधन बनना, बुरा नहीं होता जब उद्देश्य भलाई का हो ! लेकिन जब सरकार की कमियाँ छिपाने हेतु, उनकी भाषा कोई " पत्रकार "  बोले तो समझो...." मामला गड़बड़ है " ! 
                    आज के नेता अपने आपको किसी राजा, और नेत्रियाँ स्वयं को किसी महारानी से कम नहीं समझतीं ! चाहे वो ग्राम स्तर के ही क्यों ना हो !! इसमें सत्ता के नशे का असर तो होता ही है , कुछ जनता की " जी-हजूरी " का भी दोष होता है ! पुराने भारतीय राजा तो रात को भेष बदल कर जनता के बीच में जाया करते थे, ये जानने हेतु कि उनके राजमे जनता, कैसे अपना जीवन व्यतीत कर रही है! लेकिन आज के नेता सिर्फ चुनावों के समय में ही जनता के बीच में जाते हैं, वो भी सिर्फ वोट लेने और झूठे आश्वासन देने हेतु !!


                      आजके नेता अपने वातानुकूलित कमरे,गाड़ियों और कार्यालय से बाहर निकलकर जनता के बीच जाने में अपनी हेकड़ी समझते हैं !! और उनके इस कदम को न्यायोचित ठहराने हेतु चेनलों वाले किसी रिटायर्ड कर्मचारी,पत्रकार                                                                                     से या किसी समाजसेवी से कहलवाते हैं !! यही कार्य प्रिंट-मिडिया वाले पहले से ही करते आ रहे हैं !! इसी लिए इनको सरकार का भोंपू भी कहा जाता है !! ये ही वो लोग होते हैं... जो चोर को बताते हैं की सरकार में वन्हां " पोल" है वंहा जाकर चोरी कर..!! और जाकर सरकार को भी बोल आते हैं की चोरी हो सकती है...जी आपके यंहा तो बड़ी पोल पड़ी है....!!! सब कुछ घट जाने के पश्चात जनता को अपनी सुविधा अनुसार " खबर " बनाकर , बहस सुनाकर या खबर छाप कर जनता को सूचित करते हैं !! 
                         दिल्ली में हुई बलात्कार की घटना को बढ़ा-चढ़ा कर किसने बताया.....??? " मिडिया " ने.... !! आन्दोलन की ज्यादा कवरेज़ करके भीड़ किसने इकठ्ठी की...??? " मिडिया " ने...!! वंहा पक्ष-विपक्ष के नेताओं को जाने हेतु बाध्य किसने किया ...?? " मिडिया " ने......!! लाठीचार्ज में मासूम पिटे, किसने शोर मचाया....??? मिडिया ने...!! पिटने वाले मासूमों या " शरारती-तत्वों " के हाथ एक सिपाही चढ़ गया जिसकी आज मौत हो गयी,का दोषी आन्दोलन कारियों को किसने बनाया....??? " इसी मिडिया " ने.....!!!  अब बताइए......."आप" क्या करे !!???
                           जनता  सबकी " बदमाशियां " जान चुकी है....., बारी-बारी से सबका नंबर आने वाला है......सब - अब-सुधार दिए जायेंगे, कोई ....पहले,तो कोई थोडा....बाद में....!!! क्यों ..जनता..???? है कि नहीं .........!!!!!
                            प्रिय मित्रो, आपका क्या कहना है ...इस विषय पर ......???? अपने विचार आप मेरे ब्लॉग पर , जिसका नाम है..:- " 5th pillar corrouption killer " जाकर लिख सकते हैं !! जिसको खोलने का लिंक ये है...
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