भलाई करने में तत्पर मेरे सभी मित्रों को मेरा सादर प्रणाम !! कृपया स्वीकार करें !!
कल श्री गंगानगर जिले की भाजपा ने अपने जिला कार्यकर्ताओं को बुलाकर अपने भाषण एक बार फिर से सुनाये !! सरकार ना बने तो भी भाषण सुनो , और सरकार बन जाए फिर भी आपके ही भाषण सुने !! भला ये क्या बात हुई जी ???
सक्रिय कार्यकर्ताओं को सम्भावित उम्मीदवार अपने वाहनों में भर कर लाये ,जो उनके समर्थक थे !! जो नहीं थे वो अपने साधनों से पंहुचे थे !! कार्यकर्ता बहुत कुछ सोच कर आये थे कि हम अपने प्रभारी श्री सुभाष जी महरिया से ये कहेंगे - वो सुझाव देंगे , उनकी शिकायत करेंगे जो कार्यकर्ताओं की सार - सम्भाल नहीं करते शासन में आने पर !! और उनको आईना दिखायेंगे जो पार्टी से बगावत करते हैं !!
लेकिन हमारे " चतुर सुजान " जिलाध्यक्ष सरदार महेन्द्र सिंह जी सोढ़ी ने बड़ी ही चतुराई से ऐसी व्यूह-रचना रची कि पूछो मत !! कार्यकर्ता प्रतीक्षा करते ही रह गये की अब प्रभारी महोदय हमसे हमारी भी " राय " पूछेंगे , सुझाव मांगेंगे !! केवल वोटों की पर्सेंटेज पूछकर ही इतिश्री कर ली गयी ! पहले तो तीन बजे की बजाय सवा चार बजे शुरू किया गया फिर पुराने पड़ चुके नेताओं से प्रभारी महोदय की तारीफ़ के पुल बाँधे गए !! गंगानगर के विधायक श्री राधेश्याम जी ने बहुत बढ़िया बात कही कि " अगर पार्टी को लगता हो कि मुझे अगले चुनावों में पार्टी की टिकेट नहीं देनी चाहिए तो मत देना !! दुसरे वक्ताओं ने चतुराई से पार्टी कार्यकर्ताओं के कंधे पर " विश्वास " रुपी बन्दूक रखकर चलादी , और अपनी जीत सुनिश्चित दिखाने की भरपूर कोशिश की !!
बीकानेर संभाग के प्रभारी श्री सुभाष महरिया जी ने अपने संबोधन में आगामी दस नवम्बर को जयपुर में होने वाली मोदी जी और वसुंधरा जी की रैली में पधारने हेतु सबको आग्रह भी किया , कार्यकर्ताओं को चाय-भोजन और कई पद बांटे जाने का लालच भी दिया, साथ के साथ धमकी भरे लहजे में डराया भी कि जो कार्यकर्ता ( नेता नहीं ) बगावत करने की कोशिश भी करेगा तो उसको किसी गाँव में घुसने नहीं दिया जाएगा !! वो अकेला पड जायेगा !!
इंटरनेट मिडिया में तो यही आ रहा था कि इस सक्रिय - कार्यकर्ताओं के सम्मलेन में उनकी राय जानी जायेगी , लेकिन ऐसा हुआ नहीं !! कोई वंहा विधायक बनने हेतु टिकेट मांगने गया था तो कोई आगामी चेयरमेन , डायरेक्टर , जिला प्रमुख और सरपंच आदि बनने गया था !! शायद इसी लिए भाषण बड़े और तालियों की आवाज़ बहुत कम थी !! अगर ऐसा ही सारे राजस्थान में हो रहा है तो वसुंधरा जी के लिए सोचने का विषय है ये !! पार्टी को " व्यापारी-माफिया " का घुन लग गया है !! इनको समर्पित कार्यकर्ताओं की नहीं बल्कि " भेडों " की जरूरत है !!
सुना है जयपुर रैली हेतु कूपन दिए जा रहे हैं धन संग्रह हेतु , R.T.I. और दागी सांसदों के संशोधनों को तो भाजपा भी पारित करवाती है और कार्यकर्ताओं से धन भी चाहती है , ये गैर वाजिब है !! भाजपा और दुसरे राजनितिक दलों में कोई अंतर अब दिखाई नहीं पड़ रहा है !! खुदा- खैर करे !! " आदेश नहीं संस्कार देने वाला " संघ क्या इन हालातों से प्रसन्न या संतुष्ट है !!?????
कल श्री गंगानगर जिले की भाजपा ने अपने जिला कार्यकर्ताओं को बुलाकर अपने भाषण एक बार फिर से सुनाये !! सरकार ना बने तो भी भाषण सुनो , और सरकार बन जाए फिर भी आपके ही भाषण सुने !! भला ये क्या बात हुई जी ???
सक्रिय कार्यकर्ताओं को सम्भावित उम्मीदवार अपने वाहनों में भर कर लाये ,जो उनके समर्थक थे !! जो नहीं थे वो अपने साधनों से पंहुचे थे !! कार्यकर्ता बहुत कुछ सोच कर आये थे कि हम अपने प्रभारी श्री सुभाष जी महरिया से ये कहेंगे - वो सुझाव देंगे , उनकी शिकायत करेंगे जो कार्यकर्ताओं की सार - सम्भाल नहीं करते शासन में आने पर !! और उनको आईना दिखायेंगे जो पार्टी से बगावत करते हैं !!
लेकिन हमारे " चतुर सुजान " जिलाध्यक्ष सरदार महेन्द्र सिंह जी सोढ़ी ने बड़ी ही चतुराई से ऐसी व्यूह-रचना रची कि पूछो मत !! कार्यकर्ता प्रतीक्षा करते ही रह गये की अब प्रभारी महोदय हमसे हमारी भी " राय " पूछेंगे , सुझाव मांगेंगे !! केवल वोटों की पर्सेंटेज पूछकर ही इतिश्री कर ली गयी ! पहले तो तीन बजे की बजाय सवा चार बजे शुरू किया गया फिर पुराने पड़ चुके नेताओं से प्रभारी महोदय की तारीफ़ के पुल बाँधे गए !! गंगानगर के विधायक श्री राधेश्याम जी ने बहुत बढ़िया बात कही कि " अगर पार्टी को लगता हो कि मुझे अगले चुनावों में पार्टी की टिकेट नहीं देनी चाहिए तो मत देना !! दुसरे वक्ताओं ने चतुराई से पार्टी कार्यकर्ताओं के कंधे पर " विश्वास " रुपी बन्दूक रखकर चलादी , और अपनी जीत सुनिश्चित दिखाने की भरपूर कोशिश की !!
बीकानेर संभाग के प्रभारी श्री सुभाष महरिया जी ने अपने संबोधन में आगामी दस नवम्बर को जयपुर में होने वाली मोदी जी और वसुंधरा जी की रैली में पधारने हेतु सबको आग्रह भी किया , कार्यकर्ताओं को चाय-भोजन और कई पद बांटे जाने का लालच भी दिया, साथ के साथ धमकी भरे लहजे में डराया भी कि जो कार्यकर्ता ( नेता नहीं ) बगावत करने की कोशिश भी करेगा तो उसको किसी गाँव में घुसने नहीं दिया जाएगा !! वो अकेला पड जायेगा !!
इंटरनेट मिडिया में तो यही आ रहा था कि इस सक्रिय - कार्यकर्ताओं के सम्मलेन में उनकी राय जानी जायेगी , लेकिन ऐसा हुआ नहीं !! कोई वंहा विधायक बनने हेतु टिकेट मांगने गया था तो कोई आगामी चेयरमेन , डायरेक्टर , जिला प्रमुख और सरपंच आदि बनने गया था !! शायद इसी लिए भाषण बड़े और तालियों की आवाज़ बहुत कम थी !! अगर ऐसा ही सारे राजस्थान में हो रहा है तो वसुंधरा जी के लिए सोचने का विषय है ये !! पार्टी को " व्यापारी-माफिया " का घुन लग गया है !! इनको समर्पित कार्यकर्ताओं की नहीं बल्कि " भेडों " की जरूरत है !!
सुना है जयपुर रैली हेतु कूपन दिए जा रहे हैं धन संग्रह हेतु , R.T.I. और दागी सांसदों के संशोधनों को तो भाजपा भी पारित करवाती है और कार्यकर्ताओं से धन भी चाहती है , ये गैर वाजिब है !! भाजपा और दुसरे राजनितिक दलों में कोई अंतर अब दिखाई नहीं पड़ रहा है !! खुदा- खैर करे !! " आदेश नहीं संस्कार देने वाला " संघ क्या इन हालातों से प्रसन्न या संतुष्ट है !!?????
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