" बेतरतीब चुनाव प्रबन्धन , भाजपा के संगठन पदाधिकारियों के चुनाव में दिखायी ना देने , भाजपा देहात मंडल के कार्यकर्ताओं का कंहीं अता - पता न होने और प्रत्याशियों के नज़दीकियों का चुनाव प्रक्रिया से अनजान होना " जीत से दूर कर रहा है विधायक पद से प्रत्याशियों को !
कंहाँ गए भाजपा के वो नेता जो पद बांटते थे निष्ठावानों को और कंहा गए वो कार्यकर्त्ता जो निस्वार्थ भाव से पार्टी हेतु काम करते थे ???
आज जन-जन के मस्तिष्क में यही प्रश्न कौंध रहा है !!क्योंकि जनता भी भाजपा की रीतियों-नीतियों को पसंद करती है और पार्टी व संगठन की सभी गतिविधियों पर अपनी पैनी नज़र बनाये रखती है !! वो चाहती है कि और चाहे जो पार्टी या उसके नेता कितने भी भ्रष्ट हों या निकम्मे हों लेकिन भाजपा के तो बिलकुल भी भ्रष्ट और निकम्मे ना हों चाहे जनता उसे चुने या ना चुने क्योंकि सत्य को हमेशां अपना अस्तित्व बनाये रखना पड़ता है चाहे वो सतयुग हो या कलयुग !!
देश में पांच राज्यों के विधान-सभाओं के चुनाव हो रहे हैं जनता सब राजनितिक दलों व उनके नेताओं को तोल - परख रही है ! लेकिन सिक्के का एक दूसरा पहलू भी आज मैं आपके सामने रखना चाहता हूँ ! चुनावों के मौसम में जंहाँ सच्चाई,सिद्धांतों और व्यक्तित्व की बात बड़े ही जोर-शोर से होने लगती है , क्या मीडिया क्या छोटा और क्या बड़ा, सब सतयुग की कामना करने लग जाते हैं , नेताओं से बड़ी बड़ी आस लगा लेते हैं ! तो दूसरी और कुछ लोग चुनावों में अपने प्रत्याशियों की बोटी-बोटी नोच कर उसे खा जाना चाहते हैं ! सोचते हैं कि ये भी इन्हीं बीस दिन हेतु ही हमारे काबू में आया है , निचोड़ लो ससुरे को !! ऐसे लोगों में तक़रीबन सभी " वर्गों और व्यवसायों " के लोग शामिल होते हैं !! और सब जानते हैं लेकिन आज सब चुपके से " माल " अंदर कर लेना चाहते हैं कल कि कल देखि जायेगी !!
लेकिन यही वो बात है जो किसी को शरीफ बनने ही नहीं देती !! इसीलिए सब दोष दूसरों को ही देने हेतु अपनी ऊँगली सामने वाले की तरफ ताने ही रहते हैं !! राजस्थान में हो रहे विधानसभा चुनावों में ऐसी ही हालत दिखायी दे रही है !! भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेंद्र मोदी जी का काम देखकर और उनकी बात में बसी सच्चाई को समझ कर जनता ने अपना मन बना लिया है कि वो देश के अगले प्रधानमंत्री होने ही चाहिए !! लेकिन जब वो अपने प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को देखती है और उनके द्वारा भूतकाल में किये गये कार्यों को समझती है तो तनिक घबरा जाती है !! भविष्य में आने वाली मुसीबतों की शंकाएं उसे पहाड़ की तरह खड़ी दिखायी देने लगती हैं !!
इसीलिए राजस्थान में भाजपा के 200 में से 180 विधायक तो पक्के माने जा रहे थे जो अब कम होते-होते 110 की संख्या तलक पंहुच गए हैं !!भाजपा प्रत्याशियों को फूंक-फूंक कर कदम उठाने कि सख्त आवश्यकता है ! अपने दोस्तों और दुश्मनो को पहचानना भी होगा और बड़े ही तरीके से दोनों प्रकार के कार्यकर्ताओं से अपना काम भी करवाना होगा !! क्योंकि नुकसान पंहुचने वाला मधुर भी बोलता है और चुगलियाँ भी करता है !! हमारी और से तो सबको ढेर सारी शुभकामनाएं !!
" आकर्षक - समाचार ,लुभावने समाचार " आप भी पढ़िए और मित्रों को भी पढ़ाइये .....!!!
कंहाँ गए भाजपा के वो नेता जो पद बांटते थे निष्ठावानों को और कंहा गए वो कार्यकर्त्ता जो निस्वार्थ भाव से पार्टी हेतु काम करते थे ???
आज जन-जन के मस्तिष्क में यही प्रश्न कौंध रहा है !!क्योंकि जनता भी भाजपा की रीतियों-नीतियों को पसंद करती है और पार्टी व संगठन की सभी गतिविधियों पर अपनी पैनी नज़र बनाये रखती है !! वो चाहती है कि और चाहे जो पार्टी या उसके नेता कितने भी भ्रष्ट हों या निकम्मे हों लेकिन भाजपा के तो बिलकुल भी भ्रष्ट और निकम्मे ना हों चाहे जनता उसे चुने या ना चुने क्योंकि सत्य को हमेशां अपना अस्तित्व बनाये रखना पड़ता है चाहे वो सतयुग हो या कलयुग !!
देश में पांच राज्यों के विधान-सभाओं के चुनाव हो रहे हैं जनता सब राजनितिक दलों व उनके नेताओं को तोल - परख रही है ! लेकिन सिक्के का एक दूसरा पहलू भी आज मैं आपके सामने रखना चाहता हूँ ! चुनावों के मौसम में जंहाँ सच्चाई,सिद्धांतों और व्यक्तित्व की बात बड़े ही जोर-शोर से होने लगती है , क्या मीडिया क्या छोटा और क्या बड़ा, सब सतयुग की कामना करने लग जाते हैं , नेताओं से बड़ी बड़ी आस लगा लेते हैं ! तो दूसरी और कुछ लोग चुनावों में अपने प्रत्याशियों की बोटी-बोटी नोच कर उसे खा जाना चाहते हैं ! सोचते हैं कि ये भी इन्हीं बीस दिन हेतु ही हमारे काबू में आया है , निचोड़ लो ससुरे को !! ऐसे लोगों में तक़रीबन सभी " वर्गों और व्यवसायों " के लोग शामिल होते हैं !! और सब जानते हैं लेकिन आज सब चुपके से " माल " अंदर कर लेना चाहते हैं कल कि कल देखि जायेगी !!
लेकिन यही वो बात है जो किसी को शरीफ बनने ही नहीं देती !! इसीलिए सब दोष दूसरों को ही देने हेतु अपनी ऊँगली सामने वाले की तरफ ताने ही रहते हैं !! राजस्थान में हो रहे विधानसभा चुनावों में ऐसी ही हालत दिखायी दे रही है !! भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेंद्र मोदी जी का काम देखकर और उनकी बात में बसी सच्चाई को समझ कर जनता ने अपना मन बना लिया है कि वो देश के अगले प्रधानमंत्री होने ही चाहिए !! लेकिन जब वो अपने प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को देखती है और उनके द्वारा भूतकाल में किये गये कार्यों को समझती है तो तनिक घबरा जाती है !! भविष्य में आने वाली मुसीबतों की शंकाएं उसे पहाड़ की तरह खड़ी दिखायी देने लगती हैं !!
इसीलिए राजस्थान में भाजपा के 200 में से 180 विधायक तो पक्के माने जा रहे थे जो अब कम होते-होते 110 की संख्या तलक पंहुच गए हैं !!भाजपा प्रत्याशियों को फूंक-फूंक कर कदम उठाने कि सख्त आवश्यकता है ! अपने दोस्तों और दुश्मनो को पहचानना भी होगा और बड़े ही तरीके से दोनों प्रकार के कार्यकर्ताओं से अपना काम भी करवाना होगा !! क्योंकि नुकसान पंहुचने वाला मधुर भी बोलता है और चुगलियाँ भी करता है !! हमारी और से तो सबको ढेर सारी शुभकामनाएं !!
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