Wednesday, October 10, 2012

" खाओ, नोच के - - वोट दो , सोच के " !!??

   " खाओ, नोच के - -  वोट दो , सोच के " !!??
                         ‎'थाली के लुढ़कते बैगन' इस मुहावरे को जब जब सुनता हु रालोद के अजित सिंह का चेहरा याद आता है।कभी इधर चला मैं कभी उधर चला.... 

अभी हाल के दिनो में विधायक का चुनाव था युपी में चमचो और भुखक्कड़ो की दो हफ्तो तक मौज थी।
छक के खाते थे,जम के पिते थे।
जो कम पिते थे घर जाते थे,
ज्यादा पिने वाले सड़को पे ही ठहर जाते थे।

अपने सेक्टर में एक आदमी को थाली के लुढ़कते बैगन के नक्शे कदम पे देखा।
शाम को हाथी वालो के कार्यालय में चिकन खाता था,
रात को कमल वालो से पी के जाता था।
सुबह साईकिल वाले का पुलाव बिरयानि।

एक दिन जब मुझसे सहा ना गया,
उसकी कारस्तानियो पे चुप रहा ना गया।
हम तपाक से उसके पास पहुँचे।
अभी गुलाब जामुन ही उ मुँह में धरे थे।
मेरे सवाल भी एक बाद एक तड़ातड़ पड़े थे।

हर जगह उनके मुँह मारने का हमने प्रायोजन पुछा।हमारा सवाल तो उनके सर पे लगा ठ्ठ्ठ््ठाक,
पर उनके मेन्टॉस दीमाग पे मैं रह गया आवाक।

सवाल जो पड़े चटाक से,
जवाब भी दिये तपाक से-
धुर्र बुड़बक

खुब खाओ नोच के,
वोट दो सोच के,
पाँच साल ये खायेंगे,
दो हफ्ते ही तो जेब नोचवायेंगे।
फिर पाँच साल तो हमें रोना है,
फिर ये धाँसु मौका काहे खोना है।
खुब खाओ नोच के
वोट....

तक्षण
ँँँँँअविनाश ँँँँँ


                                                      
प्यारे दोस्तो,सादर नमस्कार !!
आप जो मुझे इतना प्यार दे रहे हैं, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद-शुक्रिया करम और मेहरबानी ! आपकी दोस्ती और प्यार को हमेशां मैं अपने दिल में संजो कर रखूँगा !! आपके प्रिय ब्लॉग और ग्रुप " 5th pillar corrouption killer " में मेरे इलावा देश के मशहूर लेखकों के विचार भी प्रकाशित होते है !! आप चाहें तो आपके विचार भी इसमें प्रकाशित हो सकते हैं !! इसे खोलने हेतु लाग आन आज ही करें :-www.pitamberduttsharma.blogspot.com. और ज्यादा जानकारी हेतु संपर्क करें :- पीताम्बर दत शर्मा , हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार, पंचायत समिति भवन के सामने, सूरतगढ़ ! ( जिला ; श्री गंगानगर, राजस्थान, भारत ) मो.न. 09414657511.फेक्स ; 01509-222768. कृपया आप सब ये ब्लॉग पढ़ें, इसे अपने मित्रों संग बांटें और अपने अनमोल कमेंट्स ब्लाग पर जाकर अवश्य लिखें !! आप ये ब्लॉग ज्वाईन भी कर सकते हैं !! धन्यवाद !! जयहिंद - जय - भारत !! आप सदा प्रसन्न रहें !! ऐसी मेरी मनोकामना है !!
Posted by PD SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN and SANKHYKI PR
KOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of PUNJABI WELFARE SOCIETY,Suratgarh (RAJ.) at 12:57 AM
माँ बनाती थी रोटी
पहली गाय की
आखरी कुत्ते की...

...
हर सुबह
गाय का बछड़ा आ जाता
दरवाज़े पर
गुड की डली के लिए

कबूतर का चुग्गा
चीटियों का आटा
गौरैया के लिए अनाज के दाने
ग्यारस,अमावस,पूनम का सीधा...

सब कुछ निकल आता था
उस घर से
जिस में विलासिता के नाम पर
एक टेबल पंखा था...

आज सामान से भरे घर से
कुछ भी नहीं निकलता
सिवाय कर्कश आवाजों के...


                                                                         
Dictionary is the only Place where
Death comes before Life

End comes before Start
Child comes before Parents

Divorce comes before Marriage
Evening comes before Morning

Result comes before Test
Destination comes before Struggle

Dinner comes before Lunch
Doctor comes before Fever

However, the THING I consider right in Dictionary is that
Friend comes before Relative........
 " दोस्तों  की   रचनाएँ !!

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