Thursday, October 18, 2012

रियलिटी शो से करप्शन वैध बनता है


रियलिटी शो से करप्शन वैध बनता है

आजकल टेलिविजन वालों को अपना प्राइम टाइम और बहस टाइम का विषय खोजने के लिये पसीना नहीं बहाना पड़ता। उनका यह काम या तो खाप पंचायतें कर देती हैं या माननीय केजरीवालजी। प्राइम टाइम से जैसे जनता का मनोरंजन होता रहता है। केजरीवाल के खुलासों पर अपनी फ़ेसबुकिया राय रखते हुये जगदीश्वर चतुर्वेदी ने लिखा है- केजरीवाल तो समाचार चैनलों के रीयलिटी शो हो गए हैं।
आगे  अपने एक और स्टेटस में वे फ़रमाते हैं-  
कल से केजरीवाल एंड कंपनी के लोग फिर से टीवी चैनलों पर बैठे मिलेंगे और कहेंगे एक सप्ताह बाद हम फिर से फलां-फलां की पोल खोलने जा रहे हैं। गडकरी की पूर्व सूचना वे विज्ञापन की तरह वैसे ही दे रहे थे जैसे कौन बनेगा करोडपति का विज्ञापन दिखाया जाता है। कहने का अर्थ यह है कि केजरीवाल एंड कंपनी अपने प्रचार के लिए राजनीति कम और विज्ञापनकला के फार्मूलों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। वे किसी एक मुद्दे पर टिककर जनांदोलन नहीं कर रहे वे तो सिर्फ रीयलिटी शो कर रहे हैं और हरबार नए भ्रष्टाचार पर एक एपीसोड बनाकर पेश कर रहे हैं। रियलिटी शो से करप्शन वैध बनता है।
जिस तेजी से केजरीवाल जी लोगों के काम उजागर कर रहे हैं उससे जो मुझे लगा वह मैंने कल अपने स्टेटस में लिखा:
केजरीवाल जी के काम करने के तरीके से पता चलता है कि वे पुराने नौकरशाह हैं। जैसे नौकरशाह रोज फ़ाइलें निपटाते हैं वैसे ही वे रोज एक नया घपला निपटा देते हैं।
 लगता तो मुझे यह भी है:
केजरीवाल जी और राजनीतिक पार्टियों में भाषाई मतभेद दिखते हैं। जिसको केजरीवालजी ’ राजनीतिक पार्टियों की मिलीभगत ’ मानते हैं उसे राजनीतिक पार्टियां शायद ’शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व’ मानती हैं।
तस्वीरये जो शांतिपूर्ण सह अस्तित्व वाली बात है वह अपने एक कार्टून में राजेश दुबे जी ने भी बयान की है देखिये। मजाक की बात से अलग से हटकर देखा तो समाजवादी चिंतक किशन पटनायक जी  भ्रष्टाचार की समस्या पर विचार करते हुये लिखा है:
  1. सिर्फ भ्रष्टाचार की विशेष घटनाओं के प्रति जन आक्रोश को संगठित किया जा सकता है , किसी एक घटना को मुद्दा बनाकर एक राजनैतिक कार्यक्रम चलाया जा सकता है , जैसे बोफोर्स , बैंक घोटाला इत्यादि । भ्रष्टाचार्करनेवाले व्यक्ति के विरुद्ध प्रचार अभियान चलाकर उसे थोडे समय के लिए बदनाम भी किया जा सकता है ।लेकिन इन कार्यक्रमों से भ्रष्टाचार का उन्मूलन नहीं होता । समाज , राजनीति ,और प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार इस तरह के आन्दोलनों के द्वारा प्रभावित नहीं होता है , ज्यों का त्यों बना रहता है ।
  2. ’भ्रष्टाचार – भ्रष्टाचार ’ चिल्लाने से उसमें कोई कमी नहीं आती । इसका मतलब है कि भ्रष्टाचार को नियंत्रण में रखनेवाली स्थितियाँ बिगड़ चुकी हैं और नियंत्रण करनेवाली व्यवस्था में बहुत खोट आ गई है । कभी – कभी भ्रष्टाचार की कुछ सनसनीखेज घटनाओं को लेकर जो भ्रष्टाचार विरोधी वातावरण बनता है या ’ लहर’ देश में पैदा होती है । उसका खोखलापन यह है कि उसमें सामाजिक स्थिति और नियंत्रण व्यवस्था की बुनियादी खामियों पर ध्यान नहीं जाता है । यहाँ तक कि मुख्य अपराधी को दंडित करने के बारे में गंभीरता नहीं रहती । वह सिर्फ एक व्यक्ति-विरोधी या घटना-विरोधी प्रचार होकर रह जाता है । कभी-कभी तो लगता है कि इस प्रकार के विरोधी प्रचार को चलाने के पीछे कुछ निहित स्वार्थ सक्रिय हैं । 
  3. भ्रष्टाचार को जड़ से समझने के लिए निम्नलिखित आधारभूत विकृतियों की ओर ध्यान देना होगा – (१) प्रशासन के ढाँचे की गलतियाँ । जवाबदेही की स्पष्ट और समयबद्ध प्रक्रिया का न होना , भारतीय शासन प्रणाली का मुख्य दोष है । (२) समाज में आय-व्यय तथा जीवन-स्तरों की गैर-बराबरियाँ अत्यधिक हैं । जहाँ ज्यादा गैर-बराबरियाँ रहेंगी , वहाँ भ्रष्टाचार अवश्य व्याप्त होगा । (३) राष्ट्रीय चरित्र का पतनशील होना ।
  4. भ्रष्टाचार की उत्पत्ति के अन्य बिन्दुओं पर सचमुच मूलभूत परिवर्तन यानी क्रान्तिकारी परिवर्तन की जरूरत होगी । आधुनिक समाज में आर्थिक गैर-बराबरी भ्रष्टाचार की जननी है । जैसे – जैसे गैर-बराबरियों के स्तर अधिक होने लगते हैं , उनके दबाव से निचले स्तरों के लोग वैध तरीकों से ही उच्च स्तर के जीवन तक पहुँचने की कोशिश कर पाते हैं । नई आर्थिक नीतियों के बाद आमदनियों की गैर-बरबरी बहुत बढ़ने लगी है । मध्य वर्ग में से एक ऐसा तबका तैयार हो रहा है,जिसका मासिक वेतन २० हजार रुपये से एक लाख रुपया होगा । इसका जो प्रभाव नीचे के स्तरों पर होगा , उससे जहाँ भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं है , वहाँ अपराध की तीव्रता बढ़ेगी ।
                                                      प्यारे दोस्तो,सादर नमस्कार !!
    आप जो मुझे इतना प्यार दे रहे हैं, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद-शुक्रिया करम और मेहरबानी ! आपकी दोस्ती और प्यार को हमेशां मैं अपने दिल में संजो कर रखूँगा !! आपके प्रिय ब्लॉग और ग्रुप " 5th pillar corrouption killer " में मेरे इलावा देश के मशहूर लेखकों के विचार भी प्रकाशित होते है !! आप चाहें तो आपके विचार भी इसमें प्रकाशित हो सकते हैं !! इसे खोलने हेतु लाग आन आज ही करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. और ज्यादा जानकारी हेतु संपर्क करें :- पीताम्बर दत शर्मा , हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार, पंचायत समिति भवन के सामने, सूरतगढ़ ! ( जिला ; श्री गंगानगर, राजस्थान, भारत ) मो.न. 09414657511.फेक्स ; 01509-222768. कृपया आप सब ये ब्लॉग पढ़ें, इसे अपने मित्रों संग बांटें और अपने अनमोल कमेंट्स ब्लाग पर जाकर अवश्य लिखें !! आप ये ब्लॉग ज्वाईन भी कर सकते हैं !! धन्यवाद !! जयहिंद - जय - भारत !! आप सदा प्रसन्न रहें !! ऐसी मेरी मनोकामना है !!

                                                              

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