Wednesday, October 3, 2012

" देश कैसे - - - तरक्की करे "...???


  
         जब विदेशी Status Symbol हो और स्वदेशी Cheap लगे तो देश आगे कैसे बढे...
जब नहाने के बाद Deo लगाना जरुरी और भगवान के सामने सर झुकना Boring लगे तो देश आगे कैसे बढे...
जब Dirty Picture को नेशनल अवार्ड मिले और पान सिंह तोमर फ्लॉप रहे तो देश आगे कैसे बढे...
जब राजेश खन्ना के मृत्यु पर मीडिया विधवा अलाप करे और क्रांतिकारियों के शहादत दिवस पर एक दीपक भी न जले तो देश आगे कैसे बढे...
जब देश का युवा Malls में जेब कटवाए और बाहर ठेले पर मोलभाव करे तो देश आगे कैसे बढे...
जब युवाओं को हिंदी बोलने में घीन और देश का प्रधानमन्त्री अंग्रेजी को सर्वश्रेष्ठ भाषा कहे तो देश आगे कैसे बढे...
गर्लफ्रेंड के लिए कविताएं लिखने वाला युवा अगर देश की स्थिति पर मौन रहे तो देश आगे कैसे बढे...
अनगिनत ग्रंथो के बाद भी अगर हिंदू चरित्र पतन करे
तो देश आगे कैसे बढे...
धर्म निरपेक्षता के नाम पर किसी को ठगा जाए और हम शांत रहे तो देश आगे कैसे बढे...
इन लाइनों को पढकर कुछ एहसास हो और फिर भी युवा कुछ न करे तो देश आगे कैसे बढे...
सोचिए जरा !


                                           


                                                
एक युवा राजनेता मेरे मित्र हैं। खूब प्रतिभाशाली हैं और जबर्दस्त वक्ता हैं। वे बिहार-झारखंड की जमीनी समस्या को बखूबी समझते हैं। उनकी प्रतिभा मुझे आकर्षित करती है, लेकिन प्रतिभा की मंजिल के बारे में सोचकर वितृष्णा होती है। वे जब कभी भविष्य की बात करते हैं तो कहते हैं, "अपना राज-पाट आयेगा तो देखियेगा, हम लोगों के पास भी गाड़ी, बंगला, रूतवा सब कुछ होगा।'' (उनके "हम लोग' में जनता कहीं नहीं है) , तो यह है हमारे 65 साल के स्वतंत्र राजनीतिक सफर का फलाफल, लेकिन इस राजनीतिक संस्कृति को किसने लगाया ? इसका जवाब कोई नहीं देना चाहता। 
 
                                                        priya mitrwar , saadar namaskaar !! rozana padhen , share karen or apne anmol comments bhi deven !! hmara apna blog , jiska naam hai :- " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " iska link ye hai ...:-www.pitamberduttsharma.blogspot.com. sampark number :- 09414657511

                अंततः नरेन्द्र मोदी जी ने "शुरुआत" कर ही दी… जिस बात को आज तक भाजपा के नेता बोलने में झिझक रहे थे… जिस "पवित्र परिवार" के खिलाफ़ बोलने में अन्य पार्टियों के नेताओं की घिग्घी बँध जाती थी… आखिरकार "शेरदिल" मोदी जी ने उसे सार्वजनिक मंच पर ला ही दिया…!!
अब बात निकली है तो दूर तलक जाएगी… अभी तक जो बात सिर्फ़ सोशल मीडिया पर थी, अब गली-चौराहे पहुँचेगी…।

- पवित्र परिवार के खर्चों से सम्बन्धित RTI का जवाब
आने में 3 साल क्यों लग जाते हैं?
- संसद की वेबसाईट पर राजमाता और भोंदू के नाम के आगे
"धर्म" का कॉलम खाली क्यों है?
- राजमाता वायु सेना के विमान में किस हैसियत से
घूमती हैं?
- सरकारी योजनाओं के विज्ञापन में इनकी तस्वीरें किस
संवैधानिक प्रावधान से लगाई जाती हैं?
- इनके "दामाद-श्री" के क्या-क्या बिजनेस हैं?
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अब जबकि "बिल" में हाथ दे ही दिया है… तो बहुत कुछ
बाहर निकलेगा…। कांग्रेस की भलाई इसी में है कि, बात
को यहीं रफ़ा-दफ़ा कर दे…!


 

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