व्यापारी भाइयों को मेरा नमस्कार ! व प्यार !!
मित्रो!! पहले व्यापर सिर्फ हीरे-जवाहरातों का ही होता था , फिर कपडे का, फिर खाद्यान्नों का, फिर मशीनों का,फिर इंसानों का, धरती का और फिर रिश्तों -राजनीती व भावनाओं का भी व्यापार होने लगा इस देश में !! जैसे-जैसे धन की प्रमुखता बढती गयी हमारे जीवन में , वैसे-वैसे व्यापार की " वैरायटी " बढती गयी !! हमने अपने घर को नहीं छोड़ा तो देश को भला कैसे बक्श देते ??
लोकतंत्र का नियम था कि जिस राजनितिक दल को बहुमत प्रदान करेगी वो " लोक-सेवक " जनता व देश की बागडोर संभालेगा ....लेकिन जब जनता ने किसी एक राजनितिक दल को बहुमत नहीं दिया ...तो तीन बहाने बना कर हमारे नेताओं ने इस देश में एक नयी परम्परा चला दी, जिसे बहुदलीय - सरकार कहा जाने लगा !!! पहला बहाना था खर्च के बोझ का, दूसरा बहाना लोकतंत्र की स्वस्थ परम्परा का और तीसरा बहाना साम्प्रदायिक शक्तियों को सत्ता से दूर रखने का !!
कभी तीसरा मोर्चा बना तो कभी यू.पी.ऐ. जिनको इनमे किसी कारण वश जगह नहीं मिल पायी उन्होंने एन.डी.ऐ.बना लिया !!! ना कोई विचारों का मेल, ना कोई नीतियों का मेल .....बस ..साहब एक घाल -मेल सा बन कर रह गयी ये... हमारी ...राजनीति !! पहले चोर, मवाली और व्यपारी छुपकर इन राजनेताओं की मदद किया करते थे , बाद ये सब भी धीरे-धीरे हमारे " भाग्य -विधाता " बन गए !!! लोकतंत्र का कोई खम्भा , किसी का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाया ....!!!!!
देश में हर तरफ बस " जुगाड़ " ही नज़र आने लगे !! नियम-क़ानून सब बेकार समझे जाने लगे !! आज देश में हालात ये हो गए हैं कि क़ानून-नियम-सिध्धांत की बात करनेवाला पागल समझा जाने लगा है !!......क्यों......????
" बुराई "रुपीरावण हर साल बड़ा हो रहा है और "अच्छाई " रुपी राम छोटा होता जा रहा है !!!...........कलयुग......है शायद इसलिए !! आपका क्या विचार है...??? अवश्य बताएं ..!! मेरा तो बस यही कहना है कि......
अपना " वोट " कोई जाति,धर्म,इलाका,पार्टी और पहनावा देखकर नहीं बल्कि....सिर्फ शिक्षा, व्यवहार और देश-प्रेम देखकर ही देवें !! सधन्यवाद !!
प्यारे दोस्तो,सादर नमस्कार !!
आप जो मुझे इतना प्यार दे रहे हैं, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद-शुक्रिया करम और मेहरबानी ! आपकी दोस्ती और प्यार को हमेशां मैं अपने दिल में संजो कर रखूँगा !! आपके प्रिय ब्लॉग और ग्रुप " 5th pillar corrouption killer " में मेरे इलावा देश के मशहूर लेखकों के विचार भी प्रकाशित होते है !! आप चाहें तो आपके विचार भी इसमें प्रकाशित हो सकते हैं !! इसे खोलने हेतु लाग आन आज ही करें :-www.pitamberduttsharma.blogspo t.com. और ज्यादा जानकारी हेतु संपर्क करें :- पीताम्बर दत शर्मा , हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार, पंचायत समिति भवन के सामने, सूरतगढ़ ! ( जिला ; श्री गंगानगर, राजस्थान, भारत ) मो.न. 09414657511.फेक्स ; 01509-222768. कृपया आप सब ये ब्लॉग पढ़ें, इसे अपने मित्रों संग बांटें और अपने अनमोल कमेंट्स ब्लाग पर जाकर अवश्य लिखें !! आप ये ब्लॉग ज्वाईन भी कर सकते हैं !! धन्यवाद !! जयहिंद - जय - भारत !! आप सदा प्रसन्न रहें !! ऐसी मेरी मनोकामना है !! मेरे कुछ मित्रों ने मेरी लेखन सामग्री को अपने समाचार-पत्रों में प्रकाशित करने की आज्ञा चाही है ! जिसकी मैं सहर्ष आज्ञा देता हूँ !! सभी मित्र इसे फेसबुक पर शेयर भी कर सकते है तथा अपने अनमोल विचार भी मेरे ब्लाग पर जाकर लिख सकते हैं !! मेरे ब्लाग को ज्वाईन भी कर सकते है !!
आपका मित्र
पीताम्बर दत्त शर्मा
मित्रो!! पहले व्यापर सिर्फ हीरे-जवाहरातों का ही होता था , फिर कपडे का, फिर खाद्यान्नों का, फिर मशीनों का,फिर इंसानों का, धरती का और फिर रिश्तों -राजनीती व भावनाओं का भी व्यापार होने लगा इस देश में !! जैसे-जैसे धन की प्रमुखता बढती गयी हमारे जीवन में , वैसे-वैसे व्यापार की " वैरायटी " बढती गयी !! हमने अपने घर को नहीं छोड़ा तो देश को भला कैसे बक्श देते ??
लोकतंत्र का नियम था कि जिस राजनितिक दल को बहुमत प्रदान करेगी वो " लोक-सेवक " जनता व देश की बागडोर संभालेगा ....लेकिन जब जनता ने किसी एक राजनितिक दल को बहुमत नहीं दिया ...तो तीन बहाने बना कर हमारे नेताओं ने इस देश में एक नयी परम्परा चला दी, जिसे बहुदलीय - सरकार कहा जाने लगा !!! पहला बहाना था खर्च के बोझ का, दूसरा बहाना लोकतंत्र की स्वस्थ परम्परा का और तीसरा बहाना साम्प्रदायिक शक्तियों को सत्ता से दूर रखने का !!
कभी तीसरा मोर्चा बना तो कभी यू.पी.ऐ. जिनको इनमे किसी कारण वश जगह नहीं मिल पायी उन्होंने एन.डी.ऐ.बना लिया !!! ना कोई विचारों का मेल, ना कोई नीतियों का मेल .....बस ..साहब एक घाल -मेल सा बन कर रह गयी ये... हमारी ...राजनीति !! पहले चोर, मवाली और व्यपारी छुपकर इन राजनेताओं की मदद किया करते थे , बाद ये सब भी धीरे-धीरे हमारे " भाग्य -विधाता " बन गए !!! लोकतंत्र का कोई खम्भा , किसी का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाया ....!!!!!
देश में हर तरफ बस " जुगाड़ " ही नज़र आने लगे !! नियम-क़ानून सब बेकार समझे जाने लगे !! आज देश में हालात ये हो गए हैं कि क़ानून-नियम-सिध्धांत की बात करनेवाला पागल समझा जाने लगा है !!......क्यों......????
" बुराई "रुपीरावण हर साल बड़ा हो रहा है और "अच्छाई " रुपी राम छोटा होता जा रहा है !!!...........कलयुग......है शायद इसलिए !! आपका क्या विचार है...??? अवश्य बताएं ..!! मेरा तो बस यही कहना है कि......
अपना " वोट " कोई जाति,धर्म,इलाका,पार्टी और पहनावा देखकर नहीं बल्कि....सिर्फ शिक्षा, व्यवहार और देश-प्रेम देखकर ही देवें !! सधन्यवाद !!
प्यारे दोस्तो,सादर नमस्कार !!
आप जो मुझे इतना प्यार दे रहे हैं, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद-शुक्रिया करम और मेहरबानी ! आपकी दोस्ती और प्यार को हमेशां मैं अपने दिल में संजो कर रखूँगा !! आपके प्रिय ब्लॉग और ग्रुप " 5th pillar corrouption killer " में मेरे इलावा देश के मशहूर लेखकों के विचार भी प्रकाशित होते है !! आप चाहें तो आपके विचार भी इसमें प्रकाशित हो सकते हैं !! इसे खोलने हेतु लाग आन आज ही करें :-www.pitamberduttsharma.blogspo
आपका मित्र
पीताम्बर दत्त शर्मा
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