Friday, October 12, 2012

" बलात्कार " दोषी कौन.. परिभाषा क्या..????????

   " कभी न कभी - किसी न किसी से कोई न कोई " कार्य - बलात " करवाने वाले सभी सज्जनों , सादर- नमस्कार !! 
                      लेकिन भारत में ज्यादातर लोग इस शब्द का केवल एक ही अर्थ समझते हैं , पता नहीं क्यों ??? और फिर सब महिलाओं को " अबला - निर्दोष- भोली- अंजान " और ना जाने क्या- क्या कहने लग जाते हैं जबकि इस दुनिया में " औरत " देवी होने के साथ - साथ " डाकू , कन्या भ्रूण हत्या करवाने वाली सास, बहु को जलाने वाली, चालबाज़, विषकन्या,सेक्स की भूखी , ओरतों की दलाल " आदि आदि ना जाने क्या क्या होती है !! सब जानते हैं ! लेकिन........
                               टी.वी. चेनलों पर आकर, मोटी बिंदी माथे पे लगाकर, महेश भट्ट जैसे ज्ञानियों व एंकरों के साथ बैठ " महिलाओं के हक़ व आज़ादी " के नाम पर पहले तो ये मक्कार ओरतें हमारी बहु- बेटियों को बिगाडती हैं , विदेशी एजेंटों से भारी धन लेकर, और फिर जब बलात्कार - अनाचार देश में होने लगता है तो कमबख्त यही 15-20 ओरतें उन अत्याचार की शिकार हुईं महिलाओं की " रक्षक " भी बन जाती हैं !! " घाघ- पत्रकार " दोनों बार पैसा कमाकर देश की जनता को मुर्ख बना जाते हैं !!
                       आज आवश्यकता है कि देश में चल रहे कई विषयों पर और देश के संविधान पर             सरकार व्यापक चर्चाएँ आयोजित करवाए तथा जो अंतिम निर्णय निकले , उसे नए क़ानून का रूप दिया जाए !! 
                    ये क्न्हा की न्याय व्यवस्था है की दुसरे पक्ष की बात ही ना सुनी जाए !! " भावनाओं " में बहकर तो निर्णय नहीं दिए जा सकते !!???? ना कोई " पुरुष- पंचायत" और नाही कोई " महिला- पंचायत " अपना फैसला जनता पर थोप सकती है !! सरकारों को ही ज़िम्मेदारी निभानी ही होगी !! 
                   मेरा" कच्ची उम्र " में एक " शादी-शुदा " महिला ने बलात्कार किया था .....बोलो मैं कंहा जाऊं ????? कितने ही पुरुष महिलाओं से पीड़ित हैं कौनसा क़ानून उन्हें बचाता है ....ज़रा बताइये तो !!???
                  प्यारे दोस्तो,सादर नमस्कार !!
आप जो मुझे इतना प्यार दे रहे हैं, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद-शुक्रिया करम और मेहरबानी ! आपकी दोस्ती और प्यार को हमेशां मैं अपने दिल में संजो कर रखूँगा !! आपके प्रिय ब्लॉग और ग्रुप " 5th pillar corrouption killer " में मेरे इलावा देश के मशहूर लेखकों के विचार भी प्रकाशित होते है !! आप चाहें तो आपके विचार भी इसमें प्रकाशित हो सकते हैं !! इसे खोलने हेतु लाग आन आज ही करें :-www.pitamberduttsharma.blogspot.com. और ज्यादा जानकारी हेतु संपर्क करें :- पीताम्बर दत शर्मा , हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार, पंचायत समिति भवन के सामने, सूरतगढ़ ! ( जिला ; श्री गंगानगर, राजस्थान, भारत ) मो.न. 09414657511.फेक्स ; 01509-222768. कृपया आप सब ये ब्लॉग पढ़ें, इसे अपने मित्रों संग बांटें और अपने अनमोल कमेंट्स ब्लाग पर जाकर अवश्य लिखें !! आप ये ब्लॉग ज्वाईन भी कर सकते हैं !! धन्यवाद !! जयहिंद - जय - भारत !! आप सदा प्रसन्न रहें !! ऐसी मेरी मनोकामना है !!

1 comment:

  1. पचपन वर्षों बाद क्यूँ, आये याद हठात ।
    महिला शादी-शुदा जब, करती कार्य-बलात ।
    करती कार्य-बलात, पीठ साबुन मलवाती ।
    नहीं रहा कानून, नारि धज्जियाँ उड़ाती ।
    अब ना अबला रूप, बिगाड़े चाहे बचपन ।
    चल इच्छा-अनुरूप, नहीं तो झंझट पचपन ।।

    ReplyDelete

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...