हमारे बज़ुर्गों ने अपने जीवन के अनुभव से हमारे लिए आसानी हो जाये , इसलिए कई लकीरें खींच दी हैं ! जिन पर चलकर हज़ारों लोगों ने अपने जीवन में बड़ी-बड़ी सफलताएं पायीं हैं ! निस्संदेह ये हमारे लिए शॉर्टकट साबित हुई हैं ! जिन्होंने इन पर विश्वास नहीं किया उन्होंने कड़े कष्ट ही झेले हैं अपने जीवन में सफलताएं पाने में !
लेकिन फिर भी कई ऐसी खैंची गयी लकीरें हैं जिनको समय के फेर अनुसार बदलना भी पड़ता है !प्रकृति भी को समय-समय पर बदलती है , तो इन्सान के नियम क़ानून बदलने में क्या बुराई है जी ? बल्कि बदलना ही चाहिए !हमारे सामजिक नियम हों या फिर सरकारी नियम , हमारे अपने रीती-रिवाज़ हों या राष्ट्रिय-मान्यताएं ! सबका हर दशक बीत जाने पर मूल्यांकन उचित व्यक्तियों द्वारा होना ही चाहिए !हमारे कवि और लेखक लोग अपनी रचनाओं के माध्यम से ये महान कार्य करते ही रहते हैं !
व्यक्तिगत इच्छाओं को पूर्ण करने हेतु तो हम अपनी बुद्धि और मन का आदेश मानते हैं ! लेकिन हमें क्या बनना है अपने जीवन में ?, क्या पढ़ना है ?और कैसे रहना है ?इसके लिए हमें समाज और देश के कानूनों का पालन करना पड़ता है !कुछ लोगों ने मिलकर देश का संविधान बना दिया और कुछ लोग समय-समय पर उसे अपनी सुविधनुसार बदलते भी रहते हैं , तब भी उसका पालन देश के 120 करोड़ लोगों को मानना ही पड़ेगा अन्यथा देश की पोलिस और फौज आपके साथ जबरदस्ती करेगी ! इसी तरह से अगर मुझे अपने जीवन के 30 महत्वपूर्ण साल मौजूदा शिक्षा-पद्धिति में ख़राब नहीं करने तो मुझे इस देश का कोई सरकारी संस्थान काम नहीं देगा ! लेकिन अगर कोई नकल करके या फ़र्ज़ी डिग्री ले आये तो वो पता नहीं चलने तक नौकरी भी है और इस देश भी बन सकता है जी क्यों ??
अगर पहले इस देश में बिना किताबों के किसान का बेटा किसान , सुनार का बेटा सुनार,लोहार का बेटा लोहार और पंडित का बेटा पंडित बन सकता तो आज के समय में डॉक्टर का बेटा डाक्टर,इंजीनियर का बेटा इंजिनियर क्यों नहीं बन सकता ?? जबकि नेता का बेटा नेता आज भी बन जाता है !!इसमें कोई शक नहीं कि मेहनत हर अति आवश्यक है ! लेकिन अगर सभी टीवी चेनेल वाले अपना पत्रकार बनाने का कारखाना खोल सकते हैं तो वैसे ही एक पूर्ण लोहार को एक विद्यार्थी को लोहार बनाने और अपना प्रमाणपत्र देने का अधिकार होना ही चाहिए ! इसी तरह से उन सबको ये अधिकार मिले जो किसी भी हुनर में माहिर हैं !ऐसा करने से देश से बेरोजगार दूर भाग जायेगा जी !!
आपका क्या कहना है मित्रो ! इस विषय पर , अवश्य बताइयेगा मेरे ब्लॉग पर जाकर !
मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक - www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !
लेकिन फिर भी कई ऐसी खैंची गयी लकीरें हैं जिनको समय के फेर अनुसार बदलना भी पड़ता है !प्रकृति भी को समय-समय पर बदलती है , तो इन्सान के नियम क़ानून बदलने में क्या बुराई है जी ? बल्कि बदलना ही चाहिए !हमारे सामजिक नियम हों या फिर सरकारी नियम , हमारे अपने रीती-रिवाज़ हों या राष्ट्रिय-मान्यताएं ! सबका हर दशक बीत जाने पर मूल्यांकन उचित व्यक्तियों द्वारा होना ही चाहिए !हमारे कवि और लेखक लोग अपनी रचनाओं के माध्यम से ये महान कार्य करते ही रहते हैं !
व्यक्तिगत इच्छाओं को पूर्ण करने हेतु तो हम अपनी बुद्धि और मन का आदेश मानते हैं ! लेकिन हमें क्या बनना है अपने जीवन में ?, क्या पढ़ना है ?और कैसे रहना है ?इसके लिए हमें समाज और देश के कानूनों का पालन करना पड़ता है !कुछ लोगों ने मिलकर देश का संविधान बना दिया और कुछ लोग समय-समय पर उसे अपनी सुविधनुसार बदलते भी रहते हैं , तब भी उसका पालन देश के 120 करोड़ लोगों को मानना ही पड़ेगा अन्यथा देश की पोलिस और फौज आपके साथ जबरदस्ती करेगी ! इसी तरह से अगर मुझे अपने जीवन के 30 महत्वपूर्ण साल मौजूदा शिक्षा-पद्धिति में ख़राब नहीं करने तो मुझे इस देश का कोई सरकारी संस्थान काम नहीं देगा ! लेकिन अगर कोई नकल करके या फ़र्ज़ी डिग्री ले आये तो वो पता नहीं चलने तक नौकरी भी है और इस देश भी बन सकता है जी क्यों ??
अगर पहले इस देश में बिना किताबों के किसान का बेटा किसान , सुनार का बेटा सुनार,लोहार का बेटा लोहार और पंडित का बेटा पंडित बन सकता तो आज के समय में डॉक्टर का बेटा डाक्टर,इंजीनियर का बेटा इंजिनियर क्यों नहीं बन सकता ?? जबकि नेता का बेटा नेता आज भी बन जाता है !!इसमें कोई शक नहीं कि मेहनत हर अति आवश्यक है ! लेकिन अगर सभी टीवी चेनेल वाले अपना पत्रकार बनाने का कारखाना खोल सकते हैं तो वैसे ही एक पूर्ण लोहार को एक विद्यार्थी को लोहार बनाने और अपना प्रमाणपत्र देने का अधिकार होना ही चाहिए ! इसी तरह से उन सबको ये अधिकार मिले जो किसी भी हुनर में माहिर हैं !ऐसा करने से देश से बेरोजगार दूर भाग जायेगा जी !!
आपका क्या कहना है मित्रो ! इस विषय पर , अवश्य बताइयेगा मेरे ब्लॉग पर जाकर !
मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक - www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !
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