अमृत पीने वाले मित्रो , रस भरा नमस्कार स्वीकार करें !! सदियों पहले या तो देवताओं और राक्षसों ने मिलकर सागर मंथन किया था या फिर आजकल हमारे राजनितिक दल कर रहे हैं ! फर्क सिर्फ इतना है कि उन्होंने समुद्र में जाकर , और मिलकर ये काम किया था लेकिन हमारे नेता पांच सितारा सुविधाओं से युक्त स्थान पर मुर्गे - सोमरस के साथ करते हैं अनाफिश्याली !! उस समय में जो वस्तु मंथन से निकलती थी उसका तुरंत निवारण या वितरण कर दिया जाता था ! कई बार तो ये समस्या पैदा हुई कि दोनों झगड़ने लगे कि सारी वस्तु हम लेंगे और कई दफा हर कोई दुसरे को कहता कि ये वस्तु तुम लेलो !! लेकिन आज जनता रुपी समुद्र में न जाकर बंद कमरों में मंथन किया जाता है ! देवता तो कोई है नहीं इस कलयुग में सारे राक्षस ही हैं ,कोई छोटा तो कोई बड़ा !! अमृत के बारे में तो कोई जनता को बताता ही नहीं , विष रुपी मुसीबतें जनता को गिनाई जाती हैं और जनता का ही गला कटा जाता है !!
अभी कुछ समय पहले मुख्या विपक्षिदल भाजपा ने ये काम किया और अब सत्ता में मुख्य भूमिका निभाने वाली कांग्रेस कर रही है !! दोनों में मुख्य अंतर ये है कि यंहा से केवल वो ही ख़बरें बाहर आएँगी जो कांग्रेसी चाहेंगे और भाजपा के मंथन में सारी " रामायण " ही बाहर आ जाती है !! और भी अंतर हैं दोनों दलों में , अभी भाजपा के नेता पूरी तरह से कांग्रेसियों जितने " घाघ " नहीं बने हैं ..." भोले " हैं !! लेकिन लक्ष्य दोनों का एक ही है कि सन २०१४ में दोबारा सत्ता तक कैसे पंहुचें .....??? कहने को तो पिछली बातों से सबक लिया जाएगा और भविष्य में बेहतर जनहित के काम किये जायेंगे .....लेकिन ये ससुरे नेता बिना कोई काम किये " करोडपति " कैसे हो जाते हैं इस बारे में कोई नहीं सोचेगा ....?????? हमारी तो भगवान से यही प्रार्थना है कि सभी पार्टियों के नेताओं को सदबुधि दे ताकि ये सब देश हित में निर्णय लेना शुरू कर सकें ??? इन्हें समझ में आ जाए कि इनकी लोग इज्जत क्यों नहीं कर रहे ???? कब तक ये संवेधानिक संस्थाओं कि आड़ में अपनी इज्ज़त बचाते फिरेंगे ??? कभी ये काम करते तो दिखाई पड़ते नहीं , जब भी देखो या तो ये लड़ रहे होते हैं या सो रहे होते हैं और या फिर भाषण दे रहे होते हैं क्यों .....????
अंत में आप सब मित्रों से ही प्रार्थना है कि ये नेता तो पता नहीं कब सुधरेंगे , लेकिन आप सब अवश्य याद रखना कि हमने अब एक निर्णय लेना है कि किसी पार्टी , इलाका , धर्म और जाती के पीछे लगकर अपना " वोट " नहीं देना बल्कि जो आदमी विद्वान हो , अनुभवी हो और सज्जन हो उसे ही चुनना है !! तभी इस देश का भला हो पायेगा !! और मेरा भला तब होगा जब आप मेरे ब्लॉग और ग्रुप को ज्वाईन करोगे और मेरे लेख पढ़ कर अपने अनमोल विचारों को मेरे ब्लॉग पर जाकर लिखोगे , क्योंकि मेरी प्रकाशित होने वाली पुस्तक में आपके विचारों को भी प्रमुख स्थान मिलेगा !! नहीं है !! अंत में सब मेरे साथ बोलिए ........
धर्म कि जय हो ! अधर्म का नाश हो !! प्राणियों में ,
" 5th pillar corrouption killer " मेरे ब्लॉग का नाम है और इसे खोलने हेतु लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आपके सहयोग हेतु एक बार पुनः धन्यवाद !! आप मेरा ये लेख फेस - बुक पर अपने मित्रों को शेयर भी कर सकते हैं !! या इसे कंही भी प्रिंट कर सकते हैं इसका कोई चार्ज सद्भावना हो !!! विश्व का कल्याण हो !!!!
हर - - - हर - - - महा - -- - देव ..........!!!!!!!!
आप के मूल प्रश्न विष कौन पिए -तो श्रीमान जी अब ज़माना बदल गया है विष को पिया नहीं जाता उसकी हडिया किसी के सर पर फोडी जाती है क्या ख्याल है आप का ,रहा सवाल अगले चुनाव का तो भईया यहाँ पार्टिया अपने दम पर चुनाव नहीं जीतती बल्कि दूसरों के वेदम होने पर जीतती है
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