वर्तमान में रहने-खाने-पीने-सोने और विचरने वाले सभी मित्रों को मेरा आधुनिक नमस्कार यानी कि " HI-हाय... !!
निश्चितरूप से हमें अपने इतिहास,रीती-रिवाजों,सभ्यता और ग्रंथों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है और इनको हमें हमेशां अपने जीवन का आधार बनाकर चलना चाहिए !! लेकिन अगर हम इसे एक निश्चित अवधि से ज्यादा देर तक पकडे रहेंगे तो हम विश्व के दुसरे देशों से पिछड़ जायेंगे !!
भारत में R.S.S. ने हिन्दू सभ्यता सँभालने, बढानेऔर इसका प्रचार करने में एक विशेष भूमिका निभाई है इसमें कोई शक नहीं है ! भारतीय राजनीती में भी इसका अच्छा-खासा प्रभाव रहा है !! पहले जनसंघ और आजकल भाजपा में इसका पूरन कंट्रोल रहा है !! तो इस करणवश भारत की तरक्की और भारत की कमियों में भी इसका योगदान भी माना जाना चाहिए !!
जब हमारा ये हमारा देश गुलाम था,और जब ये आज़ाद हुआ तब के जवान - बूढ़े और बच्चे जो थे , उन्होंने ही तो देश औरअपने समाज-परिवार को चलाया था..! एक गीत में कहा भी गया था कि " हम लाये हैं , तूफ़ान से कश्ती निकाल के, इस देश को रखना , मेरे बच्चो सम्भाल के"....!! लेकिन मैं दावे के साथ कहता हूँ कि 1947 के समय के " जवानों और बच्चों " ने ही देश को इस हाल में पंहुचाया है की जिधर देखो उधर गंदगी ही गंदगी नज़र आती है, पिछड़ापन दिखाई देता है !!! चाहे वो शिक्षा- राजनीती- रीती-रिवाज़ और हमारा समाज हो या फिर हमारी विदेश नीति हो या हमारा सिनेमा जगत सब बुराई की चरम सीमा पर पंहुच गए हैं !!
जो लोग आज 65 साल से ज्यादा उम्र के " घाघ-बूढ़े " महिला-पुरुष उन्हीं में से ही तो किसी ने अपने भाई,बहन,माता-पिता और सन्तान को लूटा और आजके अमीर बने...?? उन्होंने ने ही तो अपने परिवार की महिलाओं से बलात्कार किये...?? उन्होंने ही तो घर व देश चलाया....?? जितनी भी आज कमियाँ हैं वो सब इनकी वजह से ही तो हैं.......??? रिश्वतें किसने लीं व दीं,दारु पीकर, पैसे लेकर, जाती-इलाका-धर्म और पार्टी देखकर बुरे नेताओं को वोट किसने दिए....?? इन्हीं बूढों ने...!! और उपदेश बच्चों व आजके जवानों को दिए जा रहे हैं....????
आज .. हमें बदलाव चाहिए तो भविष्य को देखते हुए, भूतकाल से सीखते हुए वर्तमान में जीना होगा !! आज समस्याएँ ना तो युद्ध से हल होंगीं और ना ही धर्म-जाति के नाम पर आपस में लड़ने से !! समस्या हल होगी " वोट " नामक हथियार के उचित उपयोग से !! बड़े से बड़े नेता को हम अगर हटाना चाहते हैं तो एक ही तरीका है.....कि उसका भाषण मत सुनो.., उसे देखने मत जाओ ..., और उसे अपना वोट मत दो..!! चाहे वो आपकी पार्टी-जाति-धर्म और इलाके का ही क्यों न हो...!!
इसीलिए मेरा मानना है कि "संघ" को अब धर्म,धर्मस्थलों,महापुरुषों के नामपर चंदा इकठ्ठा करना छोड़, वर्तमान स्वरूप अनुसार अपने सहयोगी संगठनों को ढालना होगा !! क्योंकि और किसीको हो या न हो लेकिन हम स्वयंसेवकों को तो R.S.S. से बहुत उमीदें हैं...!! बोलने से ज्यादा जब हमारी सरकार आये , तो हम करके दिखाएँ !!
आपका क्या कहना है ,इस विषय पर...??
प्रिय मित्रो, ! कृपया आप मेरा ये ब्लाग " 5th pillar corrouption killer " रोजाना पढ़ें , इसे अपने अपने मित्रों संग बाँटें , इसे ज्वाइन करें तथा इसपर अपने अनमोल कोमेन्ट भी लिख्खें !! ताकि हमें होसला मिलता रहे ! इसका लिंक है ये :-www.pitamberduttsharma.blogspo t.com.
आपका अपना.....पीताम्बर दत्त शर्मा, हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार , आर.सी.पी.रोड , सूरतगढ़ । फोन नंबर - 01509-222768,मोबाईल: 9414657511
निश्चितरूप से हमें अपने इतिहास,रीती-रिवाजों,सभ्यता और ग्रंथों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है और इनको हमें हमेशां अपने जीवन का आधार बनाकर चलना चाहिए !! लेकिन अगर हम इसे एक निश्चित अवधि से ज्यादा देर तक पकडे रहेंगे तो हम विश्व के दुसरे देशों से पिछड़ जायेंगे !!
भारत में R.S.S. ने हिन्दू सभ्यता सँभालने, बढानेऔर इसका प्रचार करने में एक विशेष भूमिका निभाई है इसमें कोई शक नहीं है ! भारतीय राजनीती में भी इसका अच्छा-खासा प्रभाव रहा है !! पहले जनसंघ और आजकल भाजपा में इसका पूरन कंट्रोल रहा है !! तो इस करणवश भारत की तरक्की और भारत की कमियों में भी इसका योगदान भी माना जाना चाहिए !!
जब हमारा ये हमारा देश गुलाम था,और जब ये आज़ाद हुआ तब के जवान - बूढ़े और बच्चे जो थे , उन्होंने ही तो देश औरअपने समाज-परिवार को चलाया था..! एक गीत में कहा भी गया था कि " हम लाये हैं , तूफ़ान से कश्ती निकाल के, इस देश को रखना , मेरे बच्चो सम्भाल के"....!! लेकिन मैं दावे के साथ कहता हूँ कि 1947 के समय के " जवानों और बच्चों " ने ही देश को इस हाल में पंहुचाया है की जिधर देखो उधर गंदगी ही गंदगी नज़र आती है, पिछड़ापन दिखाई देता है !!! चाहे वो शिक्षा- राजनीती- रीती-रिवाज़ और हमारा समाज हो या फिर हमारी विदेश नीति हो या हमारा सिनेमा जगत सब बुराई की चरम सीमा पर पंहुच गए हैं !!
जो लोग आज 65 साल से ज्यादा उम्र के " घाघ-बूढ़े " महिला-पुरुष उन्हीं में से ही तो किसी ने अपने भाई,बहन,माता-पिता और सन्तान को लूटा और आजके अमीर बने...?? उन्होंने ने ही तो अपने परिवार की महिलाओं से बलात्कार किये...?? उन्होंने ही तो घर व देश चलाया....?? जितनी भी आज कमियाँ हैं वो सब इनकी वजह से ही तो हैं.......??? रिश्वतें किसने लीं व दीं,दारु पीकर, पैसे लेकर, जाती-इलाका-धर्म और पार्टी देखकर बुरे नेताओं को वोट किसने दिए....?? इन्हीं बूढों ने...!! और उपदेश बच्चों व आजके जवानों को दिए जा रहे हैं....????
आज .. हमें बदलाव चाहिए तो भविष्य को देखते हुए, भूतकाल से सीखते हुए वर्तमान में जीना होगा !! आज समस्याएँ ना तो युद्ध से हल होंगीं और ना ही धर्म-जाति के नाम पर आपस में लड़ने से !! समस्या हल होगी " वोट " नामक हथियार के उचित उपयोग से !! बड़े से बड़े नेता को हम अगर हटाना चाहते हैं तो एक ही तरीका है.....कि उसका भाषण मत सुनो.., उसे देखने मत जाओ ..., और उसे अपना वोट मत दो..!! चाहे वो आपकी पार्टी-जाति-धर्म और इलाके का ही क्यों न हो...!!
इसीलिए मेरा मानना है कि "संघ" को अब धर्म,धर्मस्थलों,महापुरुषों के नामपर चंदा इकठ्ठा करना छोड़, वर्तमान स्वरूप अनुसार अपने सहयोगी संगठनों को ढालना होगा !! क्योंकि और किसीको हो या न हो लेकिन हम स्वयंसेवकों को तो R.S.S. से बहुत उमीदें हैं...!! बोलने से ज्यादा जब हमारी सरकार आये , तो हम करके दिखाएँ !!
आपका क्या कहना है ,इस विषय पर...??
प्रिय मित्रो, ! कृपया आप मेरा ये ब्लाग " 5th pillar corrouption killer " रोजाना पढ़ें , इसे अपने अपने मित्रों संग बाँटें , इसे ज्वाइन करें तथा इसपर अपने अनमोल कोमेन्ट भी लिख्खें !! ताकि हमें होसला मिलता रहे ! इसका लिंक है ये :-www.pitamberduttsharma.blogspo
आपका अपना.....पीताम्बर दत्त शर्मा, हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार , आर.सी.पी.रोड , सूरतगढ़ । फोन नंबर - 01509-222768,मोबाईल: 9414657511
No comments:
Post a Comment