मित्रों,
जैसा की मैने रविवार को बताया था ठीक वैसा ही हो रहा है.. आप देख ही रहे होंगे की कैसे कुछ खास मीडिया चैनल चुन चुन कर उन लोगों को निशाना बना रहे हैं जो "पवित्र परिवार" और "सोनिया गांधी" के प्रत्यक्ष विरोधी हैं..
1/1:30 घंटों के भाषणों को बारीकी से खंगाला जा रहा है और एसे वक्तव्य निकाले जा रहे हैं जिन्हें विवादित बनाया जा सके..
सर्वप्रथम आपनें मध्यप्रदेश के उद्यौग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गिय जी का वक्तव्य इन खबरिया चैनलों नें देखा - जिन्हें अन्यथा शायद ही कभी इन चैनलों नें किसी और कार्य के लिये दिखाया हो वही चैनल मध्यप्रदेश के इन्दौर शहर में किसी बंद कमरों की सभा का विडियो ढूंड लिया, फि दिखाया भी उतना ही जितना उनके लिये लाभप्रद था..?
फिर हमनें देखा की कैसे परम पूज्य सरसंघचालक मोहमभागवत जी के भाषणों में से कांट छांट कर विडियों दिखाये गये... भारत और इन्डिया (जिसकी पूरी व्याख्या संघ की किसी भी वेबसाईट में मिल जायेगी ) किन्तु उसे शहरों और गांवों से जोड़कर दिखाया गया और क्रूर्तम शब्दों में संघ को कोसा गया - ध्यान दीजियेगा की इन्हीं चैनलों नें कभी भी संघ के किसी भी समाजिक कार को नहीं दिखाया है और अभी हाल में इन्दौर में अभूतपूर्व अनुशासन और संयम का परिचय देते 1,200,000 स्वयं सेवकों के एकत्रिकरण को भी नहीं दिखाया..
कल से आशाराम बापू जी को लेकर सभी चैनल विलाप कर रहे हैं और दलील यह की उनके अनुसरणकर्ता 5 करोड़ से ज्यादा हैं... अब इस बात को पूरे देश में बताया जा रहा हैं की वो 5/6 करोड़ जनता जो बापू को ईश्वर तुल्य मानती है उनकी आस्था अंधी है और उनकी श्रद्धा झूठी है किन्तु ये जो 50/100 कर्मचारियों के तथाकथित मीडिया चैनल हैं पूरे समाज की ठेकेदारी इन्होंनें ही ले रखी है और जो ये कहेंगे, जैसा ये कहेंगे यदी किसी नें नहीं माना तो वह भारत का मुजरिम बन जायेगा...
कोर्ट कचहरी कानूंन पुलिस संविधान - सब शून्य है इनके लिये..!!
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मित्रों,
जिन्हें यह कहना है की 16 दिसंबर की बर्बर घटना को मीडीया ही सामनें लाया है उन्हें याद रखना चाहिये की उस घटना के बाद अबतक 64 मामले सामनें आ चुके हैं जिनमें महिलाओं के साथ ज्यादती हुयी है और एक साधारण खबर के सिवा वो सभी मामले कुछ और नहीं हैं इसी मीडिया के लिये ..
जनता का आक्रोश मात्र 16 दिसं. की घटना का नतीजा कदापि नहीं है - यह आक्रोश पिछले कई वर्षों की घुटन का नतीजा है...
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मीडिया कैसे अपनें अनुसार खबरों से खेलता है यह भी समझिये की भाजपा सांसद वरुण गांधी के बयान को लगभग सभी चैनलों नें दिनभर बार बार चलाया था और उन्हें भारत का और खास तौर से मुसलमानों का शत्रु घोशित किया था किन्तु औवेसी के मामले में एसा कुछ होते नहीं दिखा है..
मैं सन 2009 से लगातार आपके बीच इन तथ्यों को रखता आ रहा हूं और आगे भी आता रहूंगा...
आज यह कहनें में मुझे कोई हिचक नहीं है की यडी भारत को किसी से खतरा है तो वह भारत का यह मीडिया ही है जिसपर बहुत ही सावधानीं से और पैनीं नजर रखनीं होगी..
वन्दे मातरम..
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