सभी " सुधर " चुके मित्रों को मेरा हार्दिक नमस्कार एवं शुभ - कामनाएं !!
समाचारों से तो यही लगता है कि जैसे हम सब ने ये कसम ही खा रख्खी है चाहे कोई कुछ भी करले,लेकिन हम नहीं सुधरेंगे !! शोले फिल्म में असरानी जी का जेलर वाला एक मशहूर किरदार था,जिसमे वो कहते हैं कि " हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं !हम तो आज भी नहीं बदले और सुधरे !! इसीलिए सरकार हमारी हर 6 महीने बाद " बदली " कर देती है ! इतनी बदलियों के बाद भी हम नहीं " बदले " !! हा - हा "!!
हम चाहे," नेता,मन्त्री,जज,अफसर,
कर्मचारी,क्लर्क,मास्टर,व्यपारी,छात्र,पत्रकार, खिलाडी,विचारक,संत,मिस्त्री,मजदूर और एजेन्ट " हैं, हम सब अपने काम में आलस , हेराफेरी और गैर जिम्मेदारी करते ही जा रहे हैं !!कोई हमें चेताने की कोशिश कर्ता भी है तो हम दुसरे की और ईशारा करके बोलते हैं कि जाओ पहले उसे तो सुधारो .....!! फिर हमें सुधारना !!!!!!बस ! ऐसा ही हो रहा है सब और !!
सामाजिक कुरीतियाँ भी इसी लहजे में फ़ैल रही हैं !! कम होने का कोई चांस ही नज़र नहीं आता जी !! किया क्या जाए ...????? रोजाना एक जैसे ही समाचार पढने व देखने को मिलते हैं ! तो सभी एडिटोरियल और चेनलों पर बहस का विषय भी घूम फिर कर वोही सामने आता रहता है !
एक प्रकार की बोरियत सी महसूस होने लगती है !!
मन कंही लगता ही नहीं !! पहले सिनेमा देखने या पिकनिक मनाने परिवार के साथ चले जाया करते थे, मंहगाई के कारण वो सब बंद हो गया है जी !! रमणीय स्थल की यात्राएँ तो पंहुच से बाहर हो कर इतिहास बन चुकी हैं !! छुट्टियां चल रही हैं लेकिन जा नहीं पा रहे !! केवल टीवी ही एकमात्र सहारा है हम गरीबों का !!वो ही आजकल हमारा मनोरंजन भी कर रहा है,संतों का ज्ञान भी दिल रहा है, खेल भी दिखाता है, और प्रोडक्ट्स भी बेच रहा है !! बाकी रही-सही कसर न्यूज़ चेनेल पूरी कर देते हैं !
आजकल के बच्चे तो टीवी ,मोबाईल और कंप्यूटर से बाहर ही नहीं निकलते !! तभी तो मोटे-मोटे चश्मे लग गए हैं तक़रीबन सबको !! हम जैसे अधेड़ लोग तो फिर भी कुछ और अच्छे बुरे काम कर लेते हैं !! आप का क्या कहना है जी इस विषय पर मित्रो !!!
आपका प्रिय ब्लॉग " फिफ्थ पिल्लर - करप्शन किल्लर " के पाठकों की संख्या हर दिन बढती ही जा रही है !! जो आपके बढ़ते प्रेम की ही निशानी है !! मैं आपके इस प्रेम पर अभिभूत हूँ !! ये ब्लॉग आप सबका है !! आप जब चाहें अपनी रचना इस पर प्रकाशित करवा सकते हैं या फिर इस ब्लॉग पर लिखी किसी भी रचना को कंही भी प्रकाशित कर सकते हैं ! हमारा उद्देश्य केवल मात्र इतना है कि पवित्र विचार दूर - दूर तलक पहुंचें !! आप रोजाना इस ब्लॉग "5TH PILLAR CORRUPTION KILLER " को इस लिंक से खोल सकते हैं :-www.pitamberduttsharma.blogspo t.com. फिर इस पर लिखे लेखों को पढ़ कर अपने अनमोल कोमेंट्स भी लिख सकते हैं !! आप इसे ज्वाईन और शेयर भी कर सकते हैं !! आपके विचार हमें नयी दिशा प्रदान करेंगे !! हम आपके सदा आभारी रहेंगे !! आप हमारे ये लेख ब्लॉग के इलावा हमारी फेसबुक , पेज़ ग्रुप और गूगल + पर भी पढ़ सकते हैं !! आप हमसे इस पते पर सम्पर्क भी कर सकते हैं :-
पीताम्बर दत्त शर्मा , (समाज - सेवी व लेखक )
हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार ,
सूरतगढ़ .( मो . 91-9414657511, 01509-222768 फेक्स .)
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सामाजिक कुरीतियाँ भी इसी लहजे में फ़ैल रही हैं !! कम होने का कोई चांस ही नज़र नहीं आता जी !! किया क्या जाए ...????? रोजाना एक जैसे ही समाचार पढने व देखने को मिलते हैं ! तो सभी एडिटोरियल और चेनलों पर बहस का विषय भी घूम फिर कर वोही सामने आता रहता है !
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आजकल के बच्चे तो टीवी ,मोबाईल और कंप्यूटर से बाहर ही नहीं निकलते !! तभी तो मोटे-मोटे चश्मे लग गए हैं तक़रीबन सबको !! हम जैसे अधेड़ लोग तो फिर भी कुछ और अच्छे बुरे काम कर लेते हैं !! आप का क्या कहना है जी इस विषय पर मित्रो !!!
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