प्यारे व गुनिजन मित्रो ,सादर नमस्कार स्वीकार हो ! कल टीम अन्ना की हंगामेदार मीटिंग के बाद जिस प्रकार से एक मुस्लिम सदस्य द्वारा मीटिंग की कार्यवाही बाहर अपने हितेषियों को पंहुचाने की बात सामने आई , और उस सदस्य ने फट से मुसलमानों की अनदेखी का आरोप लगा कर खुद की चोरी छुपाने की कोशिश की , वो ये दर्शाता है की देश के दुश्मन हमारे घर तक पंहुच चुके हैं और वो भी हमारे भाइयों , बहनों , पत्रकारों , नेताओं , समाजसेवियों , नायक - नायिकाओं , अफसरों , आदि आदि न जाने किन - किन चेहरों के पीछे छिपे हुए हैं या उनके ही भेष में हमारे बीच में आ बैठते हैं और हम पहचान भी नहीं पाते ...!! कोई कितना बच पायेगा और कितना चोकन्ना रह पायेगा !!
मिडिया को भी देखिये आप , हजार बार टीम अन्ना और रामदेव अपने बयान दे चुके हैं और साड़ी बातें साफ़ कर चुके हैं की क्या योजना है और क्या घटना क्रम हुआ मीटिंग में ..! लेकिन मिडिया फिर भी वोही माला जपे जा रहा है की टीम अन्ना दो -फाड़ , आन्दोलन को गहरा धक्का आदि - आदि !! क्यों ...?? ये कैसी पत्रकारिता है ...???दोहराने की बजाये वो और तथ्य पेश क्यों नहीं करता ...???? तभी तो मिडिया के भी बिकाऊ होने का अंदेशा होता है !!
किसी भी टीम में मतभेद होना कोई बड़ी बात नहीं है चर्चा करके भेद - भरे जा सकते हैं ये एक सामान्य प्रक्रिया है ! समाज सेवी किरण बेदी जी ने तो कहा भी की जब चोर इकठ्ठे हो सकते हैं तो समाजसेवी क्यों नहीं ...?? होना तो चाहिए लेकिन इतिहास यही बताता है की इमानदार लोग कम ही जुड़ पाते हैं क्योंकि उनमे बुधिका विस्तार हुआ होता है , तो कई तरह के तर्क कुतर्क उन लोगों के दिमाग में आते - जाते रहते हैं । जिनसे नए भेद पैदा हो जाते हैं !! शायद इसी लिए गुरुनानक देव जी ने सभी इमानदार लोगों को बिछुड़ने का आशीर्वाद दिया था और चोरों को , बदमाशों को एकजुट रहने का ! मुझे तो तभी से ऐसा लगता है की गुरु जी के आशीर्वाद से ही ऐसा होने लगा है की ...इमानदार अलग - अलग विचार धारा के होते हैं !!
वैसे तो देखा जाए तो बहुत तरीकों से अना टीम व बाबा राम देव द्वारा अपनी बात न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में पंहुचा दी गयी है !! अब प्रदर्शन बंद करके हर दरवाजे तक समाजसेवी पंहुचे और देश - हित हेतु " जाती ,इलाके , धर्म और पार्टियों के अंधाधुंध पीछे भेड़ों की तरह नहीं भागने का सन्देश पंहुचाएं " और भारत में वोटर को जगाएं !! हम भारत वासी कभी हमें धर्म के नाम पर बाँट दिया जाता है तो कभी आरक्षण के नाम पर !! चवन्नी का नेता नहीं होता और पैसों के बल पर हमारा मालिक बन जाता है क्यों कंही ना कंही हमारा ही दोष है इसमें ..हम क्यों गंदे राजनेता का भाषण सुनने जातेहैं ? हम क्यों उसे मालाएं पहनाते हैं और हम क्यों उसे और उसकी पार्टी को वोट देते हैं और दिलवाते भी हैं ....क्यों ....क्यों ..और क्यों ...आप ही बताइये मित्रो अपने सुझाव हमारे ब्लाग पर जिसका नाम है :- " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " आज ही लाग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अपने अनमोल विचारों को हमारे ब्लॉग पर जाकर टाईप करें क्योंकि हम भी आपके विचारों को सहेज कर रखना चाहते हैं ताकि जब हमारे लेखों की पुस्तक प्रकाशित हो तो उसमे आपकें अनमोल विचारों को भी प्रकाशित किया जा सके !...धन्यवाद ...!! बोलिए जय श्री राम .....!!
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