माला जपने वाले सभी मित्रों को मेरा , १०८ बार राम - राम !! कृपया स्वीकार करें जी !!
ये देश भी अजीब है जी , यंहा कभी तो कोई देवता बन जाता है , तो कभी कोई पल में राक्षस बन जाता है । पहले वो शख्स क्या था कौन था इस से कोई सरोकार नहीं , बस एक बार किसी ने कोई मुद्दा उछाल दिया तो बस इस देश में और कुछ दिखाई ही नहीं देता किसी को जी । अपने आपको अकल्मन्द कहने - समझने वाले भी " मोहरे " बन कर रह जाते हैं ।
पिछले ५-६ सालों से एक बाबा जी हमें बोझ मुक्त कर रहे थे तो पिछले दस सालों से गुजरात के मुख्यमंत्री जी को कई लोग भविष्य का " सत्ता - सुधारक " साबित करने पर तुले हुए है । सब अपनी अपनी माला जपे जा रहे हैं और मन्त्रों की जगह यही रटते जा रहे हैं । अचानक वो बाबा जी तो देवता से ठग बनगए , और मोदी जी कईयों के गले नहीं उतर रहे , चाहे वो तीन बार लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री ही क्यों ना बन गए हों ?? उन्हें तो बस दंगे - दंगे - दंगे ही नज़र आते हैं ...चाहे उन्हें जाच करने वाली S.T.I. की टीम अपनी रिपोर्ट में बरी करे या अदालत बरी करे , तो भी तथाकथित सेकुलर लोग उनका पीछा नहीं छोड़ने वाले , पता नहीं क्यों ...??? हिन्दुस्तान में हुए और जगह के दंगों के बारे में कभी कोई नहीं बोलता पता नहीं क्यों ..??
दूसरी तरफ जो श्री मान नरेंदर मोदी जी को देश के प्रधान - मंत्री के रूप में देखना या दिखाना चाहते हैं , वो भी हकीकत से दूर " कागज़ी - कश्तियों में स्वर लगते हैं !! क्योंकि किसी को भी प्रधान - मंत्री बन्ने या बनाने हेतु संसद में कम से कम २४० सांसद चाहियें जो अकेली भाजपा के बस की बात है नहीं , एन.डी.ऐ. के सभी घटक मोदी जी को चाहते नहीं , अभी हाल ही में जब दिल्ली में सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक प्रधान मंत्री जी ने बुलाई थी तो नितीश जी अपनी अलग पटरी बिठा रहे थे और मोदी जी अलग ?? दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में भाजपा का कोई नाम लेने वाला नहीं और जन्हा नाम लेने वाला कोई है वंहा संगठन की हालत बहुत ही खस्ता है !! भले ही पंजाब , दिल्ली , गोवा ,आदि के चुनावो ने पार्टी का होसला बढाया है लेकिन धरातल में जड़ें कमज़ोर हो चुकीं हैं आज कल सभी पार्टियों में झूठे,मक्कार,ठग,और बेईमान लोगों ने अपने अपने " झुण्ड " बना रखे हैं , वो बड़े नेताओं को अच्छे नाश्ते कराते हैं , उन्हें खुद की खातिर चंदा देते हैं , लग्ज़री गाड़ियों में घुमाते हैं और बढ़िया होटलों में , दारु - मांस और शबाब पेश करते हैं !! और जो नेता इन सब चीज़ों का शोंक नहीं रखता तो उसे पार्टी हेतु चंदा दे देते हैं ! जिससे प्रभावित हो कर वो नेता जो प्रदेश या केंद्र से आया हुआ होता है उन्ही " झुण्ड " वालों के चक्कर में फंस कर उन्ही के पक्ष में पार्टी के महत्वपूर्ण निर्णय ले लेता है । ऐसा पिछले ३० सालों से चल रहा है !
भाजपा भी कंही कम तो कंही ज्यादा ऐसी चालों की शिकार हो चुकी है , बल्कि संगठन के बड़े पदाधिकारी भी आजकल सिर्फ अमीरों के घर ही प्रवास केदोरान भोजन करते हैं जी ! शाखाएं सिर्फ कागजों में चलती हैं जी , जब कोई प्रचारक महोदय आते हैं तो शहर के सभी स्वयंसेवकों को इक्कठा करके संख्या दिखादी जाती है जी !! हालत इतनी बुरी है की एक मंडल में सभी मोर्चों - प्रकोष्ठों की कार्य कार्नियों के सदस्यों की संख्या जोड़ी जाए तो लगभग ४०० बनती है लेकिन किसी भी मंडल की बैठक में ४० से ज्यादा किसी भी बैठक में संख्या नहीं होती जी क्यों ....किसी को जान्ने की जरूरत नहीं पड़ी आज तक जी ???? जिले वाले , प्रदेश वाले इतना चंदा कार्यकर्ताओं से वसूल कर ले जाते हैं लेकिन कभी भी कोई हिसाब नहीं देते जी क्यों....??? कभी किसी कार्यक्रम हेतु राशि प्रदेश से नहीं आती सब मंडल स्तर पर उसके सर पर भार पड़ता है जो विधायक या सांसद बनना चाहता है ....यंही से ....राजनीति से भ्रष्टाचार शुरू होता है जी ...!!
आम आदमी भी कम बे-इमान नहीं है जी उसका भी जन्हा तलक हाथ जाता है लपकने की पूरी कोशिश करता है क्योंकि इसदेश की रगों में बेईमानी दोढ रही है खून की जगह !! तो प्रश्न ये पैदा होता है की क्या अकेला मोदी इतना बड़ा काम कर पायेगा ?,गुजरात किसको सोंपा जाएगा ? ,अकेली भाजपा कैसे इतने बड़े लक्ष्य को प्राप्त करेगी ?और कंही मोदी जी का हाल भी तो महान नेता अटल जी जैसा नहीं होजायेगा " गठबंधन - सरकार का मजबूर प्रधान मंत्री " वाला ....??? कंही एक बार फिरसे मोदी जी " गठबंधन -धर्म " निभाने में फ़ैल तो नहीं हो जायेंगे ...??? भगवन करे ऐसा ना हो !! मैं भी चाहता हूँ की ये देश खुश हाल बने , तरक्की करे , सच्चाई का बोल बाला हो लेकिन क्या करून .....ससुरा कलयुग चल रहा है !! मित्रो किसी भी काम हेतु पूर्व में तैयारी आवश्यक है इसी लिए मैं संगठन और भाजपा के लोगों को चेताना चाहता हूँ की ऐसे " झुंडों " से चोट खाए कार्यकर्ताओं को जब तलक वापिस मेन - लाइन में नहीं लाओगे तब तलक ये सपना - सपना ही रह जाएगा जी !! फिर न कोई अन्ना,रामदेव,काम आएगा और न ही अडवानी और सुषमा जी काम आएँगी ....वोही अधूरा - जनमत रह जाएगा ...???
तो मित्रो आपका इस बारे में क्या कहना है ....??? मैंतो कहता हूँ की गंदे नेता को देखो मत , सुनो मत, स्वगत भी करो मत , और वोते भी करो मत ???? आप भी अपने विचार बताइये हमारे ब्लाग में , जिसका नाम है " 5THPILLAR CORROUPTION KILLER " www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आज ही लोग आन करें !! आप चाहें तो ये लेख प्रकाशित भी कर सकते हैं और अपने फेस - बुक मित्रों के संग शेयर भी कर सकते हैं जी !! तो फिर अंत में हमेशां की तरह सब मिल बोलो ......जय - श्री - राम ...!!! हो जाएगा ....काम !!
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