Sunday, March 4, 2012

होली के दिन दिल मिल जाते हैं , रंगों में रंग खिल जाते हैं !!


 होली नहीं खेलने वालो मित्रो और सहेलियों , प्यार , प्यार और सिर्फ प्यार स्वीकार हो !! जी हाँ स्वीकारोक्ति अति आवश्यक है जी , अगर सोनिया जी स्वकरोक्ति ना दें तो हमारे पी.एम्. साहिब की क्या मजाल की वो कोई आदेश दे दें ??? इसी तरह से अगर सभी मित्रों और सहेलियों की स्वीकारोक्ति न हो तो प्यार का एक तरफा खेल का मज़ा ही नहीं आता ...??तभी तो सयाने लोग फार्म गए हैं की " एक हाथ से कभी ताली नहीं बजती " !! होली के दिन जो एक तरफ के हाथ किसी भी कारण से रुके होते हैं वो भी " ताली " बजाने को अपनी सहमती इस एक दिन हेतु दे देते हैं !! इसी लिए तो हमारे देश के मशहूर शायर साहिब जनाब जावेद अख्तर जी ने लिखा है की "होली के दिन मिल जाते हैं , रंगों में रंग खिल जाते हैं "!! जवान हो या बूढी घोड़ी तो यारो घोड़ी ही होती है ???? अरे यारो ये क्या लिख गया मैं ???? माफ़ करना जी , मैंने तो आज से ४ दिन पहले ही अपने मित्रों को बोल दिया था की मुझ पर फागुन का रंग चढ़ चूका है , इसलिए मैं अपने आपे मैं नहीं हूँ , कोई मित्र मुझे छेड़ना नहीं आज कल मैं शर्म फ्री हूँ !! चलिए आगे बढ़ते हैं बात दिल मिलने की हो रही थी , कल मैंने एक पोस्ट लिखी जिसमे आज कल के हालात के साथ - साथ थोडा खुला लिख दिया था ! और साथ मैं मैंने मेरी एक फोटो भी लगा दी थी , जिसमे मैं और मेरी बेटी जैसी साली थी , उस साली का रिश्ता मैं अपने भांजे के साथ करवाना चाहता हूँ , बात अभी शुरू ही हुई है और दोनों परिवारों की मुलाकात अभी मैंने ही करवानी है !! मज़े की बात देखिये इस पोस्ट के लगने के बाद मेरा भांजा मुझसे फोन पर बोला , मामा जी आप उसका फोटो हटा दीजिये , ये आपने क्या उलट - पुलट लिख दिया है ??? और उसकी फोटो लगा दी जिसकी मेरे साथ बात पक्की होनी है !! मैंने कहा जो हुकम जी अभी हटा देते हैं और मैंने हटा दी , शुक्र है की किसी मित्र की नज़र उस फोटो या पोस्ट पर नहीं पड़ी नहीं तो मेरा भांजा पता नहीं मेरा क्या हाल कर देता जी ....!! डर  लगता है आजकल !!??  यानी अभी से दिल मिल गए !! मैंने अपनी ससुराल में फोन पर कहा भाई बधाई हो , मेरा भांजा तो अभी से " नज़र रखने लग गया है !! वैसे भाई मैं आप सबको बतादूँ की मैंने अपनी फ्रेंड लिस्ट में अपनी बेटी और बेटे सहित सभी रिश्ते दरों को भी जोड़ रखा है । मेरी जिंदगी एक खुली किताब है । मैं न तो कभी झूठ बोलता हूँ , और नहीं किसी असूल को तोड़ता हूँ !! बस खुले दिल और दिमाग वाला हूँ .....रजामंदी से सबसे प्यार कर सकता हूँ और अगर कोई रजामंद ना हो तो मैं बात भी करना पसंद नहीं करता !! सब मेरे दोस्त हैं और दोस्तों में कोई " दीवार " नहीं होनी चाहिए क्यों ...?? किसी के भी बारे में हमें अपनी कोई राय जल्दी से नहीं बना लेनी चाहिए , क्योंकि हमें पता नहीं होता की वो किस सन्दर्भ में क्या बात कर रहा है ....समझ आने में भी कई दफा टाईम लग जाता है ..., ये कोई जरूरी तो नहीं की हर एक को हर बात फ़ौरन समझ आ जाए ...???? तो मित्रो और सहेलियों भूलो सब तनाव , और दो अपने हाथों को इजाज़त की वो दुसरे हाथों के संग जाकर " तालियाँ " बजाएं ....और जय श्री कृष्णा बोले..........!! राधायें .....भी जाएँ ....नाचे गायें ....." रास " रचाएं ......!! अगर आप मेरे ग्रुप और ब्लाग पर अपने अनमोल विचार लिखना चाहें तो कृपया लाग आन करें .. www.pitamberduttsharma.blogspot.com. या फोन पर बात करें ....:- ०९४१४६५७५११.

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