कई तरह के " ज़हर " से परिचित मेरे अनुभवी मित्रो, "ज़हर भरा "नमस्कार स्वीकार करें !!
वो इसलिए क्योंकि साईंसदान कहते हैं की ज़हर का इलाज़ भी ज़हर ही है !! लेकिन आज मैं जिस ज़हर का ज़िक्र करने जा रहा हूँ , उसका इलाज कोई ज़हर नहीं कर सकता .....!! सिर्फ " प्रेम-प्यार और सद्भावना ही इसका मरहम हो सकता है ....या समय बलवान होता है वो भुला देता है ......!! लेकिन वाह रे !! हमारा मिडिया ......... वो किसी भी ज़ख्म को भरने ही नहीं देता ....झट से प्रोग्राम बना कर दिखा देता है .....गुजरात के दस साल .....!! या क्यों मारी गयी इंदिरा जी - राजिव जी ....आदि-आदि !!
किसी को किसी जुर्म की सज़ा मिलनी है या नहीं मिलनी , कितनी और कब मिलनी है ???? इन सब कार्यों हेतु हमारे चार स्तरीय न्यायालय हैं और उनसे भी ऊपर हमारी महामहिम राष्ट्रपति महोदय हैं । जनता तो जिस केस का जैसा भी फैसला हो गया , उसे अपने सर - आँखों पर रख कर मान लेती है लेकिन ये नेता और मिडिया ही है जो आरोप तय होने से पहले से लेकर ......फैसला आने तक अपनी ......".टांग.." फंसाए रखते हैं ....????
ऐसा ही एक केस है पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह जी सहित 17. अन्य जनो की हत्या का ..!!मैं इस बात को विस्तार से जानते हुए भी नहीं लिखूंगा की ये क़त्ल क्यों हुए और इनके पीछे "असली कातिल " कौन लोग थे ???क्योंकि अगर मैंने ये सब लिख दिया तो मेरे और भड़काने वाले मिडिया में फिर क्या अंतर रह जाएगा ????? मुझे तो अब जो सिख धर्म द्वारा अकाल तखत से जो घोषणा करके ये जो आन्दोलन हुआ है वो खतरनाक नज़र आ रहा है !! अगर ये आन्दोलन देश में लगने वाली सभी फांसियों को रद्द करने हेतु चलाया जाता ...तो मानव अधिकारों या दया का कारण बन जाता ....और इसे देश विदेश से और अधिक समर्थन मिल जाता ???? लेकिन क्योंकि ये सिर्फ एक " सिख " हेतु आन्दोलन था ...इस लिए ज़हरीला होप गया ....??? यही नहीं इसको कामयाब करने हेतु ऐसे-ऐसे संगठनों के नाम आगे आये जिस प्रकार के नाम ..पंजाब में उग्रवाद के समय में देखने को आते थे !!
इसी लिए कई नेता और मीडिया वाले इस सच्चाई को जानते-समझते हुए भी लिख नहीं पा रहे हैं क्यों की वो सरदारों के " पीले-पट्कों और साफों " से डरते हैं !! शायद ऐसा ही ऐसे नामों वाले संगठन चाहते भी हैं । मैं दिल की गहराइयों से राजस्थान की " राजस्थान-पत्रिका " को नमन करता हूँ जिसने इस विषय पर विस्तार से लिखा है !! बाकी समाचार - पात्र मैंने पढ़े नहीं और सभी चेनलों के कार्यक्रम देखे नहीं इसलिए जिसने भी इस विषय पर न्याय पूर्वक लिखा या बोला है वो साधुवाद के पात्र हैं !!
पूर्व राष्ट्रपति और देश के महान साईंस दान श्री अब्दुल कलाम आज़ाद जी ने एक बार कहा था की "अगर हर माता-पिता,गुरु और नेता दृढ निश्चय करलें तो देश अवश्य सुधर जाएगा "!!!! लेकिन चोर ,गुंडे , भ्रष्टाचारी आम आदमी पर इतना दबाव बना देते हैं की सब या तो चुप हो जाते हैं या गोल-मोल बोलने लगते हैं !! कुछ - कुछ ऐसा ही काम हमारे देश में अब धर्म और जातियों के ठेकेदार करने लगे हैं जिस से वो अपना प्रभुत्व दिखाना और जमाना चाहते हैं ....!!!! लग-भग सारे धर्म समय - समय पर ऐसा कर चुके हैं इस लिए मैं किसी धर्म या जाती विशेष का नाम नहीं लिखूंगा और न ही वो कार्य क्यों किया गया ये विस्तार से बताउंगा , क्योंकि आप लोग वो सब तो जानते ही हो !!
लेकिन मैं पुरजोर तरीके से ऐसे आंदोलनों का विरोध अवश्य करूँगा के ऐसे धार्मिक और जातियों के आन्दोलन सख्ती से देश में बंद किये जाने चाहियें क्योंकि यही वो ज़हर है जिसे हम " साम्प्रदायिकता " के नाम से जानते हैं और साम्प्रदायिकता का नाम लेकर और उससे जनता को डराकर नेता लोग अपना , मीडिया अपना और धार्मिक अगुआ ...मोलवी,ब्रह्मण,ग्रंथि,पादरी अपना हित साधते हैं ......और भावुक जनता कभी क़त्ल करके मरती है , कभी दंगाइयों की चपेट में आकर मरती है तो कभी आंदोलनों में दुर्घटनावश मरती है ........???????
तो कहिये मित्रो , आपका इस विषय पर क्या कहना है ...??? निर्भय हो कर आप अपने विचार हमारे ब्लॉग या ग्रुप पर जाकर टाईप कर सकते हैं ....जिसका नाम है .."5th pillar corrouption killer " जिसको खोलने हेतु लाग आन करें .. www.pitamberduttsharma.blogspot.com. ज्यादा जानकारी हेतु संपर्क करें :- पीताम्बर दत्त शर्मा , १/१२० आवासन मंडल कालोनी , सूरतगढ़ ।
वो इसलिए क्योंकि साईंसदान कहते हैं की ज़हर का इलाज़ भी ज़हर ही है !! लेकिन आज मैं जिस ज़हर का ज़िक्र करने जा रहा हूँ , उसका इलाज कोई ज़हर नहीं कर सकता .....!! सिर्फ " प्रेम-प्यार और सद्भावना ही इसका मरहम हो सकता है ....या समय बलवान होता है वो भुला देता है ......!! लेकिन वाह रे !! हमारा मिडिया ......... वो किसी भी ज़ख्म को भरने ही नहीं देता ....झट से प्रोग्राम बना कर दिखा देता है .....गुजरात के दस साल .....!! या क्यों मारी गयी इंदिरा जी - राजिव जी ....आदि-आदि !!
किसी को किसी जुर्म की सज़ा मिलनी है या नहीं मिलनी , कितनी और कब मिलनी है ???? इन सब कार्यों हेतु हमारे चार स्तरीय न्यायालय हैं और उनसे भी ऊपर हमारी महामहिम राष्ट्रपति महोदय हैं । जनता तो जिस केस का जैसा भी फैसला हो गया , उसे अपने सर - आँखों पर रख कर मान लेती है लेकिन ये नेता और मिडिया ही है जो आरोप तय होने से पहले से लेकर ......फैसला आने तक अपनी ......".टांग.." फंसाए रखते हैं ....????
ऐसा ही एक केस है पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह जी सहित 17. अन्य जनो की हत्या का ..!!मैं इस बात को विस्तार से जानते हुए भी नहीं लिखूंगा की ये क़त्ल क्यों हुए और इनके पीछे "असली कातिल " कौन लोग थे ???क्योंकि अगर मैंने ये सब लिख दिया तो मेरे और भड़काने वाले मिडिया में फिर क्या अंतर रह जाएगा ????? मुझे तो अब जो सिख धर्म द्वारा अकाल तखत से जो घोषणा करके ये जो आन्दोलन हुआ है वो खतरनाक नज़र आ रहा है !! अगर ये आन्दोलन देश में लगने वाली सभी फांसियों को रद्द करने हेतु चलाया जाता ...तो मानव अधिकारों या दया का कारण बन जाता ....और इसे देश विदेश से और अधिक समर्थन मिल जाता ???? लेकिन क्योंकि ये सिर्फ एक " सिख " हेतु आन्दोलन था ...इस लिए ज़हरीला होप गया ....??? यही नहीं इसको कामयाब करने हेतु ऐसे-ऐसे संगठनों के नाम आगे आये जिस प्रकार के नाम ..पंजाब में उग्रवाद के समय में देखने को आते थे !!
इसी लिए कई नेता और मीडिया वाले इस सच्चाई को जानते-समझते हुए भी लिख नहीं पा रहे हैं क्यों की वो सरदारों के " पीले-पट्कों और साफों " से डरते हैं !! शायद ऐसा ही ऐसे नामों वाले संगठन चाहते भी हैं । मैं दिल की गहराइयों से राजस्थान की " राजस्थान-पत्रिका " को नमन करता हूँ जिसने इस विषय पर विस्तार से लिखा है !! बाकी समाचार - पात्र मैंने पढ़े नहीं और सभी चेनलों के कार्यक्रम देखे नहीं इसलिए जिसने भी इस विषय पर न्याय पूर्वक लिखा या बोला है वो साधुवाद के पात्र हैं !!
पूर्व राष्ट्रपति और देश के महान साईंस दान श्री अब्दुल कलाम आज़ाद जी ने एक बार कहा था की "अगर हर माता-पिता,गुरु और नेता दृढ निश्चय करलें तो देश अवश्य सुधर जाएगा "!!!! लेकिन चोर ,गुंडे , भ्रष्टाचारी आम आदमी पर इतना दबाव बना देते हैं की सब या तो चुप हो जाते हैं या गोल-मोल बोलने लगते हैं !! कुछ - कुछ ऐसा ही काम हमारे देश में अब धर्म और जातियों के ठेकेदार करने लगे हैं जिस से वो अपना प्रभुत्व दिखाना और जमाना चाहते हैं ....!!!! लग-भग सारे धर्म समय - समय पर ऐसा कर चुके हैं इस लिए मैं किसी धर्म या जाती विशेष का नाम नहीं लिखूंगा और न ही वो कार्य क्यों किया गया ये विस्तार से बताउंगा , क्योंकि आप लोग वो सब तो जानते ही हो !!
लेकिन मैं पुरजोर तरीके से ऐसे आंदोलनों का विरोध अवश्य करूँगा के ऐसे धार्मिक और जातियों के आन्दोलन सख्ती से देश में बंद किये जाने चाहियें क्योंकि यही वो ज़हर है जिसे हम " साम्प्रदायिकता " के नाम से जानते हैं और साम्प्रदायिकता का नाम लेकर और उससे जनता को डराकर नेता लोग अपना , मीडिया अपना और धार्मिक अगुआ ...मोलवी,ब्रह्मण,ग्रंथि,पादरी अपना हित साधते हैं ......और भावुक जनता कभी क़त्ल करके मरती है , कभी दंगाइयों की चपेट में आकर मरती है तो कभी आंदोलनों में दुर्घटनावश मरती है ........???????
तो कहिये मित्रो , आपका इस विषय पर क्या कहना है ...??? निर्भय हो कर आप अपने विचार हमारे ब्लॉग या ग्रुप पर जाकर टाईप कर सकते हैं ....जिसका नाम है .."5th pillar corrouption killer " जिसको खोलने हेतु लाग आन करें .. www.pitamberduttsharma.blogspot.com. ज्यादा जानकारी हेतु संपर्क करें :- पीताम्बर दत्त शर्मा , १/१२० आवासन मंडल कालोनी , सूरतगढ़ ।
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