समझदार मित्रो , राम - राम !! भाइयो और भाभियों , देवता तो बहुत सारे हुए हैं लेकिन हमारे राम जी का एक अलग ही स्थान है !! जब आदमी " सत्य " से मिलाप करता है तो उस समय सिर्फ राम जी का नाम ही साथ में जुड़ता है , और कहा जाता है की " राम - नाम सत्य है " सत्संग में आये लोग चाहे कीर्तन में न बोले , लेकिन शव - यात्रा के समय सब बोलते हैं क्योंकि उस समय मरने का डर भी कंही न कंही मन में होता है !! उत्तर प्रदेश देश का सब से बड़ा राज्य है , जिस तरह से पोस्ट - पोल वाले कुछ लोगों से पूछ कर अपना अंदाजा लगा लेते हैं उसी तरह से उत्तर प्रदेश के चुनावों से सरे देश की भावनाओं को समझा जा सकता है !! उत्तर प्रदेश में दोनों राष्ट्रीय पार्टियां अपनी " इज्जत " गवां बैठी हैं , चाहे कहने को कांग्रेस के पास मणिपुर की जीत और बी.जे.पी. पास पंजाब और उत्तराखंड के नतीजे हैं , फिर भी जनता ने बता दिया है की अगर तुम दोनों पार्टियां संसद में मिल कर चलोगी तो नतीजा भी तुम्हारा एक जैसा होगा !!!! धर्म को जितना इन दोनों पार्टियों ने पर्योग करके खराब किया है उतना किसी ने नहीं किया !!!! विश्व में धार्मिक लोगों और धार्मिक बातों या असूलों को ही डराने वाली वस्तु समझ लिया जाने लगा है ???? जबकि पहले इन्हें पूजा जाता था !! किसी भी पार्टी को किसी भी धर्म की चर्चा तक नहीं करनी चाहिए ,परन्तु इनके नेता तो मुल्लाओं और डेरे के महंतों के पाँव पकड़ कर फोटो खिंचवाने लगे !!!!! जबकि इन महंतों और मुल्लाओं को राजनीती के बारे में कुछ नहीं बोलना चाहिए ...???? जनता ने इन राष्ट्रीय पार्टियों के मुंह पर एक ज़ोरदार थप्पड़ रसीद किया है ....चाहे ये माने या न माने ...!!! प्रादेशिक पार्टियों के युवराज सुखबीर बादल और अखिलेश यादव देश के नए हीरो उभर कर आये हैं । क्योंकि उत्तर प्रदेश बड़ा है और बहु - भाषी है इसलिए अखिलेश का महत्त्व ज्यादा है !! अगर उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जी सी. एम्. बनते हैं तो राष्ट्रीय राजनीति में अखिलेश देश का " भविष्य " हो सकते हैं !! कांग्रेस में तो थिंक टेंक कोई है नहीं वंहा तो सोनिया जी एक मात्र देवी हैं ,और राहुल-प्रियंका दो गुरु हैं बाकी सब गुनाहगार गलत काम करने वाले , भारी कमियों वाले नेता हैं , जो अपनी हमेशां की तरह गलत काम होते ही किसी के कहने से पहले ही मानने लग जाते हैं जैसे गलती जिसकी साबित हो जायेगी उसे कोई इनाम मिलना हो ....?? बात करेंगे भाजपा की .......वंहा एक से एक बड़े विद्वान हैं जो कहते तो कार्यकर्ता को पार्टी की रीढ़ हैं लेकिन मानते उसे कुछ नहीं ...!! भाजपा के नेत्रित्व और तथाकथित रूप से पार्टी में कोई दखल नहीं देने वाले संगठन को पिछले पंद्रह सालों से " शातिर और बे - ईमान " लोग ही पसंद आ रहे थे .....?? शायद वो इसलिए क्योंकि कांग्रेस भाजपा के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रही है कई विषयों में ....??? " चिंतन - मनन " करने वाली पार्टी के संगठन को इतनी सी बात समझ में नहीं आ रही की " इश्क - मुश्क " कभी भी छिपाए नहीं छिपते ....? फिर ये बात क्या किसी को पता नहीं चलगी की r.s.s. ही भाजपा को चलाती है ....??? मैं तो 1975 से ही संगठन वालों को ये सुझाव दे रहा हूँ की R.S.S. को अब अपना राजनितिक दल भी गठित कर लेना चाहिए जो सीधा "सर -संघचालक " जी के निर्देशन में चले और सिर्फ संगठन - मंत्री ही नहीं पूरी पार्टी ही संगठन का हो ...!! फिर " सत्ता और संगठन " में लड़ाई भी नहीं होगी ...क्यों ????आप क्या कहते हैं ??? आइये आप भी हमारे ब्लाग और ग्रुप के सदस्य बने जिसका नाम है :- 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " अगर आप लेखक हैं तो आप भी इसमें अपने लेख लिख सकते हैं । और आपकी कोई प्रति क्रिया है तो वो भी आप हमारे ब्लॉग पर जा कर लिख सकते हैं या ज्वाइन भी कर सकते हैं । लाग - आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. और अपने अनमोल विचारों से हमें अवगत करवाएं ।।या फोन करें :- ०१५०९-२२२७६८,09414657511.
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